सरकार काशी की 10 पावन पथ यात्राओं में 100 भव्य स्तंभों का निर्माण कराने जा रही है।
काशी में धार्मिक यात्राओं का विशेष महत्व है। उत्तर प्रदेश सरकार काशी की इन्हीं 10 पावन पथ यात्राओं में 100 भव्य स्तंभों का निर्माण कराने जा रही है। ये स्तंभ हर पवन पथ की अलग-अलग यात्रा और मंदिरों की पहचान के रूप में स्थापित होंगे। इसे देखते ही उस यात्रा के मंदिरों की पहचान आसानी से की जा सकेगी। पावन पथ परियोजना पर लगभग 24.35 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस योजना को दिसंबर 2023 तक मूर्त रूप देने का लक्ष्य है।
श्री काशी विश्वनाथ को केंद्र मानकर पावन पथ नामक सर्किट स्थापित किया गया है। जिसमें काशी के लगभग 150 प्रमुख मंदिरों को जोड़ा जाएगा।
ये हैं 10 पावन पथ यात्राएं
काशी के पावन पथ सर्किट में 10 यात्राएं शामिल हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसके अंतर्गत अष्ट भैरव यात्रा, नौ गौरी यात्रा, नौ दुर्गा यात्रा, अष्टविनायक यात्रा, अष्ट प्रधान विनायक यात्रा, एकादश विनायक यात्रा, द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा, काशी विष्णु यात्रा, द्वादश आदित्य यात्रा और काशी चार धाम यात्रा शामिल हैं। इनमें पौराणिक महत्व के 120 मंदिर मौजूद हैं।
हिंदू देवी-देवताओं के दर्शन, आशीर्वाद और आध्यात्मिक शांति की तलाश करते दर्शनार्थियों को तीर्थयात्रा का पुण्य फल प्राप्त कराने के लिए विभिन्न तीर्थयात्राएं पावन पथ सर्किट से जोड़ी जा रही हैं।
दूर से ही पहचाने जा सकेंगे मंदिर
यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड, वाराणसी के परियोजना प्रबंधक विनय जैन ने बताया कि यात्रा के दौरान अब इन मंदिरों को दूर से ही पहचाना जा सकता है। इसके लिए हर यात्रा से संबंधित स्तंभ लगाया जा रहा है। रेड एंड व्हाइट स्टोन से निर्मित स्तंभ की ऊंचाई करीब 12 से 15 फीट के बीच होगी।
सभी स्तंभों की स्थापत्य कला वाराणसी के ही मंदिरों से मिलती जुलती है। द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा में स्तंभ पर नंदी और शिवलिंग, नवदुर्गा यात्रा में दुर्गा, द्वादश आदित्य ज्योतिर्लिंग में स्तंभों पर सूर्य, विनायक की अलग-अलग यात्रा में स्तंभों पर गणेश जी की मूर्ति मिलेगी।
वाराणसी में लगभग 23 हजार से अधिक मंदिर हैं जो धर्मानुरागियों लिए गुणवत्ता का समय बिताने के लिए एक आदर्श स्थान हैं।
परियोजना प्रबंधक ने बताया कि मंदिरों में उपलब्ध जगह के अनुसार 100 स्तंभ और गेट लगाए जा रहे हैं। गेट भी यात्रा विशेष की पहचान बताएंगे। लाइट, कूड़ेदान, बैठने के लिए बेंच, पीने का साफ पानी, फ्लोरिंग आदि का काम हो रहा है।