लंबे इंतजार के प्रयागराज में मेयर सीट के लिए आरक्षण की घाेषण कर दी गई है। सोमवार की शाम नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी घोषणा की तो पिछड़ा वर्ग के नेताओं के चेहरे खुशी से खिल उठे। दशकों बाद प्रयागराज में मेयर की सीट ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए हुई है। मेयर पद के लिए आरक्षण की घोषणा होने के बाद सामान्य वर्ग व अन्य वर्ग के उम्मीदवारों के मेयर बनने का सपना खत्म हो गया है।
फिर से मेयर बनने की तैयारी कर रही कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता लड़ाई से बाहर हो गई हैं। दरअसल, शादी के पहले अभिलाषा गुप्ता ब्राह्मण थीं, इसलिए वह अभी सामान्य में आती हैं।
आधे आवेदकों को लगा झटका
इस बार प्रयागराज में बीजेपी के टिकट से लड़ने के लिए 42 लोगों ने आवेदन किया था। अब ओबीसी सीट होने के बाद आधे आवेदक लड़ाई से बाहर हो गए हैं। दशकों बाद प्रयागराज की सीट ओबीसी होने के चलते इस बार ओबीसी नेताओं को मेयर बनने का मौका मिलेगा। अभिलाषा गुप्ता नंदी इस समय मेयर हैं जो खुद सामान्य हैं। इसके पहले जितेंंद्र नाथ सिंह, केपी श्रीवास्तव और डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भी सामान्य सीट पर मेयर चुनी गई थीं। भाजपा से पूर्व महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी, दीपक पटेल, कविता यादव त्रिपाठी समेत अन्य नेताओं को मेयर बनने का मौका मिल गया है।
ओबीसी नेताओं की बढ़ी पैरवी
भाजपा मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने कहा कि प्रयागराज महानगर की महापौर की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होने पर भारतीय जनता पार्टी से प्रबल दावेदारों में मुख्य रूप से पार्षद किरन जायसवाल, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवधेश चंद्र गुप्ता, क्षेत्रीय अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग अश्वनी कुमार पटेल, पदुम जायसवाल, पूर्व विधायक दीपक पटेल, कविता यादव त्रिपाठी ,पार्षद अखिलेश सिंह, दिलीप चौरसिया, पिछड़ा वर्ग के महानगर अध्यक्ष मनोज कुमार कुशवाहा, राजेश कुमार गुप्ता, पार्षद अखिलेश सिंह समेत अन्य नाम चर्चाओं में हैं।