धर्म परिवर्तन कराने को लेकर अब वॉट्सऐप पर रिक्वेस्ट भेजी जा रही है। वाराणसी में करीब 100 से ज्यादा लोगों को ऐसा मैसेज भेजा गया है। इसमें से 2 लोगों से दैनिक भास्कर ने बातचीत की। इसमें से एक काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में अटल इंक्यूबेशन के युवा उद्यमी हैं।
उन्होंने बताया, ”मोबाइल पर अननोन नंबर से पहले हेलो का मैसेज आता है। मैसेज आया, ”हमारी चैट में आपका स्वागत है। बेझिझक इस्लाम के बारे में पूछें। मैं आपको इस्लाम में परिवर्तित होने में मदद कर सकता हूं।”
ये फोटो वॉट्सएप चैट की है। जो बीएचयू के छात्र को भेजी गई हैं।
इस मैसेज के बाद सेंडर ने इस्लाम का दर्शन और उदय और इतिहास से जुड़ी डिटेल्स भेजी। युवा उद्यमी ने कहा कि सैकड़ों लोगों को इस तरह के मैसेज भेजा जा रहा है। उनके एक दोस्त को भी धर्म परिवर्तन का मैसेज आया है। मामले की सिगरा थाने के साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है।
युवा उद्यमी ने कहा कि ये मुसलमान बनाकर ही मानेंगे। वॉट्सऐप पर धर्म का बिजनेस स्टार्ट हो गया है। मामले को लेकर सिगरा इंस्पेक्टर राजू सिंह ने बताया कि छात्र की शिकायत स्वीकार कर ली गई है। साइबर सेल से मामले की जांच कराकर इस प्रकरण पर तुंरत कार्रवाई करेंगे।
अब धर्म परिवर्तन को लेकर वॉट्सऐप पर बातचीत के कुछ अंश पढ़िए…
यह फोटो वाराणसी के एथिकल हैकर मृत्युंजय सिंह की है। उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर की मदद से 100 से ज्यादा लोगों को मैसेज किया जाता है। आरोपी केरल से धर्म परिवर्तन का हथकंडा अपना रहे हैं। इसलिए इन्हें पकड़ना आसान नहीं है।
पहला मैसेज – हेलो, हमारी चैट में आपका स्वागत है। बेझिझक इस्लाम के बारे में पूछे।
सवाल – जब युवा उद्यमी ने जब पूछा कि हमें मुस्लिम बनने के लिए कहां आना पड़ेगा ?
जवाब – आपको कहीं आना नहीं है, दिल से कबूल कर सकते हैं।
सवाल – मैं अब राम या महादेव को मानना बंद कर दूं?
जवाब – यदि आप मानते हैं कि केवल एक ईश्वर हैं। पैंगबर मुहम्मद उसका सच्चा दूत है और इस्लाम ईश्वर का एकमात्र सच्चा धर्म है, तो आप मुस्लिम बन सकते हैं। क्या आप इन पर विश्वास करते हैं? इस धरती पर केवल अल्लाह का ही वजूद है।
सवाल – आप कहां से बात कर रहे हैं? मैं कुरान पढ़ना चाहता हूं, आपसे मिलना चाहता हूं।
जवाब – सऊदी अरब।
सवाल – लेकिन, ये नंबर तो इंडिया का है। मुझे इस्लाम के बारे में जानना है।
जवाब – कुछ भी नहीं आता है। सेंडर ने एक लिंक भेजा।
सवाल – इस्लाम धर्म कब आया ? क्या इस्लाम को मानने वाले काफिर होते हैं ?
जवाब – तब से जब से इंसान को बनाया गया है। सभी मुस्लिम पैगंबर को मानते हैं। मोसेस, जीसस सभी पैगंबर को मानते हैं।
सवाल – क्या हिंदू, सिख और जैन भी काफिर होता है ?
जवाब – जब तक वे एक ईश्वर की आराधना की महत्ता नहीं समझते, तब तक तो नहीं।
सवाल – अच्छा, तो फिर मैं भी काफिर ही हुआ। क्योंकि हिंदू अल्लाह को नहीं मानता।
जवाब – कैसे ? क्या आप मानते हैं कि एक ही ईश्वर आराधना के लायक है। उसके साथ भागीदार खड़ा करना गलत बात है। यदि आप मानते हैं और उससे टकराते हैं, तो इसे कुफ्र कहते हैं। जो उससे छुपाता है वो काफिर, न कि सभी लोग काफिर हैं।
सवाल – अच्छा तो इसका मतलब अल्लाह से सबको बनाया है। हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई सबको।
जवाब – सबको राह दिखाने के लिए लाखों पैगंबर आए। बताया कि आराधना सिर्फ पालनहार का करें।