MCD Election Result: आम आदमी पार्टी की जीत के पांच बड़े कारण, अरविंद केजरीवाल ने ऐसे पलट दिया BJP का पूरा खेल

KHABREN24 on December 7, 2022

दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election Result) के नतीजे आ चुके हैं। आम आदमी पार्टी को एमसीडी में जीत मिली है। मतलब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ही सरकार है और अब मेयर भी आप का ही होगा। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका मिला है। पिछले 15 साल की सत्ता भाजपा के हाथों से छिन गई। 

 ऐसे में सवाल है कि आखिर एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी कैसे जीत गई? अरविंद केजरीवाल की किस रणनीति ऐसा कौन सा दांव चल दिया कि भाजपा के तमाम आरोप भी फीके पड़ गए फिके पड़ गए। 

जश्न में डूबे आप कार्यकर्ता

जश्न में डूबे आप कार्यकर्ता

पहले जानिए चुनाव के नतीजे क्या निकले? 
दिल्ली नगर निगम में कुल 250 वार्ड हैं। इनपर चार दिसंबर को मतदान हुआ था। इस बार कुल 50.47 प्रतिशत लोग ही वोट डालने पहुंचे। चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो 250 में से 134 वार्डों में आम आदमी पार्टी की जीत हुई है। भारतीय जनता पार्टी को 103 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। कांग्रेस के खाते में दस सीटें गईं। तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार ने भी चुनाव में जीत हासिल की है। वोट शेयर के हिसाब से देखें तो एमसीडी में आम आदमी पार्टी को 42.20% वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के खाते में 39.02% वोट गए। कांग्रेस को 11.68% वोट मिले। 3.42 फीसदी लोगों ने निर्दलीय प्रत्याशियों को वोट किया। 
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अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया

आम आदमी पार्टी की जीत के पांच बड़े कारण
इसे समझने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह से बात की। उन्होंने एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के पांच बड़े कारण बताए। ये भी बताया कि कैसे भाजपा इस चुनाव में तमाम कोशिश के बावजूद पीछे रह गई। 

भाजपा दिल्ली अध्यक्ष आदेश गुप्ता

भाजपा दिल्ली अध्यक्ष आदेश गुप्ता

1. 15 साल का एंटी इनकम्बेंसी : दिल्ली नगर निगम में 15 साल से भारतीय जनता पार्टी काबिज थी। गंदगी और भ्रष्टाचार को लेकर काफी सवाल उठते रहे हैं। कूड़े के ढेर का मुद्दा भी आम आदमी पार्टी ने बनाया। भाजपा इन आरोपों का सही से जवाब नहीं दे पाई। नगर निगम के कामकाज से भी  वोटर भाजपा से काफी नाराज थे। इसका असर हुआ कि वो वोट देने के लिए बाहर ही नहीं निकले, जबकि आम आदमी पार्टी इसका फायदा उठाने में कामयाब हो गई। 
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अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल

2. केजरीवाल को मुफ्त योजनाओं का फायदा : अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल को पूरे देश में प्रचारित करना शुरू कर दिया। मुफ्त बिजली का वादा सबसे ज्यादा केजरीवाल को फायदा दिलाता है। बढ़ती महंगाई के बीच लोगों को मुफ्त बिजली की सुविधा मिल रही है। इसके अलावा महिलाओं को बस में मुफ्त यात्रा, बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा की सुविधा ने झुग्गी-झोपड़ी के साथ-साथ सामान्य वर्ग के वोटर्स को भी आम आदमी पार्टी से जोड़ा। 

अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन।

अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन।

3. भाजपा का दांव पड़ गया उल्टा : एमसीडी चुनाव के नजदीक आते ही भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाने शुरू कर दिए। ईडी और सीबीआई की छापेमारी शुरू हो गई। आम आदमी पार्टी ने इसे मुद्दा बना लिया। अरविंद केजरीवाल ने लोगों तक ये संदेश पहुंचाया कि ये भारतीय जनता पार्टी के कहने पर जानबूझकर छापेमारी हो रही है। आम आदमी पार्टी के नेताओं को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। इसके चलते उन्हें सहानुभूति मिली और भाजपा को इसका नुकसान उठाना पड़ा। 

अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल

4. धार्मिक ध्रुवीकरण का भी मिला फायदा : मुस्लिम वोटर्स जानते हैं कि मौजूदा समय अगर कोई भाजपा को टक्कर दे सकता है तो वह आम आदमी पार्टी है। ऐसे में मुस्लिम वोटर्स ने कांग्रेस का साथ छोड़कर आप को मजबूत करना शुरू कर दिया। वहीं, हिंदू वोटर्स को अपने पाले में करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने भी ध्रुवीकरण का तरीका अपनाया। केजरीवाल ने बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराना शुरू कर दिया। अयोध्या मंदिर दर्शन कराने के लिए लोगों को ले जाने लगे। इसके चलते हिंदू वोटर्स में भी आप ने जगह बना ली। 

आदेश गुप्ता और अरविंद केजरीवाल

आदेश गुप्ता और अरविंद केजरीवाल

5. भाजपा में चेहरे की कमी, केजरीवाल ब्रांड : दिल्ली के लोग आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच रोज-रोज की लड़ाई से भी तंग आ चुके थे। साफ-सफाई के मुद्दे पर भी हर रोज दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप होता था। नगर निगम के बजट को लेकर भी दोनों आमने-सामने होते थे। ऐसे में दिल्ली की जनता ने दोनों की सत्ता किसी एक के हाथ में सौंपना ही ठीक समझा। अरविंद केजरीवाल दिल्ली में ब्रांड बन चुके हैं। उनकी योजनाओं और मुद्दों ने लोगों को काफी प्रभावित किया। केजरीवाल के मुकाबले दिल्ली भाजपा में कोई मजबूत चेहरा अब तक नहीं खड़ा हो पाया है। 

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल – फोटो : ANI

चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल ने पलट दिया BJP का पूरा खेल
इस बार दिल्ली एमसीडी और गुजरात चुनाव एक समय पर हुए। इसके चलते आम आदमी पार्टी को प्रचार-प्रसार के लिए काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। इस बीच, भाजपा भी रोज हमलावर थी। कभी जेल में सत्येंद्र जैन के मसाज का वीडियो जारी किया गया, तो कभी वीवीआईपी ट्रीटमेंट का। केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के भी तमाम आरोप लगाए गए। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को गुजरात चुनाव छोड़कर दिल्ली वापस आना पड़ा। यहां आते ही उन्होंने मोर्चा संभाल लिया। रोड शो के जरिए केजरीवाल ने माहौल बनाया। ‘केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद’ नारा दिया और लोगों की सहानुभूति हासिल की। देखते ही देखते भाजपा का पूरा खेल पलट गया।

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