माघ मेले में धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले महमूद हसन गाजी के तीन खातों की जांच के बाद पता चला है कि उसके तीनों खातों में विदेशों से फंडिंग आती थी। पुलिस अब गाजी के कॉल डीटेल्स से पता लगाने का प्रयास कर रही है वह किन किन लोगों के संपर्क में रहता था।
माघ मेले में मंगलवार को पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट चलाने वालों का भंडाफोड़ करते हुए जीटीबी नगर करेली के महमूद हसन गाजी, मो.मोनीश और समीर उर्फ नरेश कुमार सरोज को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 204 धार्मिक किताबें बरामद हुईं थीं। पूछताछ में पता चला गिरोह धर्मांतरण भी करता है। सूचना फैलते ही हड़कंप मच गया। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि गाजी को विदेशों से भी फंडिंग आती है।
पूछताछ में उसने कुबूल किया कि वह धर्मांतरण कराता है। माघमेला और अन्य धार्मिक स्थानों पर गिरोह के लोग न सिर्फ साहित्य बेचते थे बल्कि किताबें खरीदने वालों के नाम, पता और मोबाइल नंबर भी लेते थे। बाद में उनसे संपर्क कर उन्हें धर्मांतरण का लालच देते थे। पूछताछ में उसके यूएई, सऊदी अरब, बांग्लादेश, और कतर से उसके संपर्कों का पता चला था। बुधवार को पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया था।
पुलिस अब उनके मोबाइल काल डीटेल्स, बैंक खातों और सोशल मीडिया एकाउंट के अलावा ईमेल की भी जांच कर रही है। गाजी के एसबीआई और बैंक आफ इंडिया में तीन एकाउंट हैं। उसके तीनों एकाउंट में विदेशों से पैसा आता था। पुलिस सारे ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है। इसके अलावा उसके कॉल डीटेल्स की भी जांच की जा रही है कि वह किन लोगों के संपर्क में रहता था। सोशल मीडिया की भी जांच की जा रही है। वह तीन बार सऊदी अरब जा चुका है। पता लगाया जाएगा कि वहां उसकी क्या गतिविधियां रही हैं।