मौनी अमावस्या पर प्रयागराज संगम में सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 8 किमी के दायरे में बने 17 घाटों पर भीड़ इस कदर उमड़ी कि पैर रखना भी दूभर हो गया। हर कदम पर CCTV के साथ ही चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी, ब्लैक कमांडोज और स्नाइपर्स तैनात हैं। प्रशासन ने दावा किया है कि दस बजे तक एक करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। इस दौरान संगम में श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा हुई।
मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग
मौनी अमावस्या सुबह 6 बजकर 16 मिनट से रविवार की रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। इस बीच सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है। श्रद्धालु संगम में स्नान के साथ ही घाटों पर बैठकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। 6 जनवरी को पहला स्नान पर्व माघी पूर्णिमा था।
इसके साथ ही घाटों पर बैठे तीर्थ पुरोहितों को भी दान दक्षिणा देकर मोक्ष की कामना कर रहे हैं। उम्मीद है कि अमावस्या के पर्व पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालु मौन होकर संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर नजर
मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी से मनसा, वाचा, कर्मणा तीनों तरह के पापों के शमन के योग हैं। मेला प्रशासन द्वारा बनाए गए 500 बेड की डारमेट्री फुल हो गई है। सुबह 8 बजकर 33 मिनट से 9 बजकर 52 के बीच स्नान-दान का सबसे उत्तम मुहूर्त है। ड्रोन पायलट, जल पुलिस, 150 CCTV कैमरे, ब्लैक कमांडोज, स्नाइपर्स, 5 हजार पुलिस मेले के चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। वहीं, रेलवे ने 29 स्पेशल ट्रेनें और रोडवेज ने 2800 बसों को बढ़ाया है।
श्रद्धालु संगम में स्नान के साथ ही घाटों पर बैठकर पूजा अर्चना कर रहे हैं।
मौनी अमावस्या के एक दिन पहले यानी शुक्रवार रात से ही श्रद्धालुओं ने स्नान-दान करना शुरू कर दिया। रात करीब 12 बजे बारिश के बीच श्रद्धा, आस्था और विश्वास की बागडोर संभाले संगम की तरफ श्रद्धालु जाते दिखाई दिए। कई किलोमीटर पैदल चलकर बस एक ही चाह संगम में एक डुबकी पुण्य की हमारी भी लग जाए। मां गंगा की कृपा और आशीर्वाद हमें भी मिल जाए।
यह फोटो हेलिकॉप्टर की संगम में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की है।
4 राउंड में हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा
करीब 8 किलोमीटर के दायरे में संगम की रेती पर बसी तंबुओं की नगरी में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा हुई। हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा के साथ ही साथ सुरक्षा की भी निगरानी की जा रही है। श्रद्धालुओं के लिए 17 घाट बनाए गए है। जिसमें दारागंज दशाश्वमेध, झूंसी अरेल, संगम, किला, झूंसी, फाफामऊ में घाट है।
संगम में आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु।
दो करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
विकास प्राधिकरण ने मौनी अमावस्या के दिन दो करोड़ श्रद्धालुओं के संगम आने और स्नान करने की उम्मीद जताई है। शुक्रवार की शाम को ही प्रशासन के दावे के सापेक्ष लाखों श्रद्धालु एक दिन पहले ही संगम की ओर जाते दिखाई दिए। आने और जाने वालों की भीड़ समान दिखाई दी। यानी 24 घंटे श्रद्धालुओं का आने और स्नान के बाद जाने का सिलसिला चल रहा है। भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन ने मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।