24 घंटे बाद भी मौनी बाबा अनशन पर:परिक्रमा की लिखित अनुमति पर अड़े, जल ग्रहण करने से किया इंकार

KHABREN24 on January 22, 2023
24 घंटे बाद भी मौनी बाबा अनशन पर:परिक्रमा की लिखित अनुमति पर अड़े, जल ग्रहण करने से किया इंकार

सगरा आश्रम पीठाधीश्वर अभय चैतन्य मौनी जी महाराज को माघ मेला में चक्रवर्ती परिक्रमा (लेटकर गोल गोल जमीन पर घूमकर जाना) करने से रोक दिया गया है। इसके विरोध में मौनी बाबा 21 जनवरी से अनशन पर हैं। 24 घंटे बीतने के बाद भी उन्होंने जल तक ग्रहण नहीं किया है। स्नान-ध्यान, जप-तप, पूजा, आरती पंडाल में भंडारा सब रुका हुआ है। उनका कहना है जब तक प्रशासन हमें लेट कर परिक्रमा की लिखित अनुमति नहीं देता। तब तक हम जल तक ग्रहण नहीं करेंगे।

अनशन तोड़ने की बात को ठुकराया

परिक्रमा से रोके जाने से मौनी बाबा नाराज हैं। उन्होंने फलाहार और जल सब त्याग दिया है। बाबा झूंसी में अपने पंडाल में धरने पर बैठे हुए हैं। उनके साथ करीब दो दर्जन समर्थक संत भी धरने पर बैठ गए हैं। दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद मेला प्रशासन ने उनसे संपर्क किया और अनशन तोड़ने की बात कही पर वो नहीं माने।

मौनी बाबा का कहना है कि बिना किसी अनुमति या लिखित शिकायत के मुझे चक्रवर्ती परिक्रमा से रोक दिया गया है। अब मैं अनशन तभी तोड़ूंगा जब मुझे प्रशासन लिखित अनुमति दे। उन्होंने बताया कि खाक चौक के एसओ ने 20 जनवरी की शाम को उनसे पूछा था कि आप परिक्रमा करते हुए स्नान को कब जाएंगे। उन्होंने सुबह 7 बजे जाने की बात कही थी। इसके बाद सारी तैयारी हो गई। संत-महात्मा आ गए। उसके बाद एसओ ने आकर मौखिक आदेश पर परिक्रमा से रोक दिया। ऐसे में जब तक मुझे लिखित अनुमति नहीं मिल जाती मैं अनशन पर ही रहूंगा।

मौनी बाबा ने लिखित अनुमति मिलने के बाद ही परिक्रमा निकालने की बात कही है। मौखिक परमिशन के बाद परिक्रमा से मना कर दिया है।

मौनी बाबा ने लिखित अनुमति मिलने के बाद ही परिक्रमा निकालने की बात कही है। मौखिक परमिशन के बाद परिक्रमा से मना कर दिया है।

सामाजिक सरोकारों के लिए 38 साल से कर रहे अनुष्ठान

मौनी बाबा ने बताया कि वो देश की रक्षा, आतंकवाद के खात्मे, गौ संरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा, देश की अर्थव्यवस्था सुधारने, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा के खिलाफ 38 सालों से ये अनुष्ठान कर रहे हैं। 42 सालों से अन्न ग्रहण नहीं करते। केवल फल और जल लेकर रहते हैं। वो भी केवल एक समय फलाहार करते हैं। पूरे कल्प वास के दौरान में 5 बार चक्रवर्ती परिक्रमा कर संगम तक जाते हैं। यह 590वीं परिक्रमा थी, जिसे प्रशासन ने रोक दिया है।

ये मौनी बाबा की 2022 में हुए माघ मेले की तस्वीर है।

ये मौनी बाबा की 2022 में हुए माघ मेले की तस्वीर है।

जबतक परिक्रमा नहीं , तबतक जल भी नहीं

चक्रवर्ती परिक्रमा से रोके जाने के बाद मौनी बाबा काफी नाराज हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह उनकी 590वीं परिक्रमा थी। पिछले 38 सालों से मेरा यह संकल्प चला आ रहा है कि मुख्य स्नान पर्व पर लेट कर संगम तक चक्रवर्ती परिक्रमा करते हुए जाएंगे। प्रशासन के रोक लगा देने से उनका यह संकल्प टूट गया है। यह शुभ संकेत नहीं हैं। इस बात का मुझे गहरा आघात लगा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि प्रशासन और सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा। मेरा क्या है मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। मैं लड़ने तो जाऊंगा नहीं सरकार या प्रशासन से। मेरे हाथ में जो हैं मैं करूंगा। मैं बिना जल के यहीं गंगा की रेती में अपने प्राण जाने तक अनशन पर बैठा रहूंगा।

Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
S. R. HOSPITAL
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