रावलमल जैन हत्याकांड : न्यायधीश शैलेश कुमार तिवारी ने कहा:100 आचार्योंसे बढ़कर पिता और 1000 पिताओं से बढ़कर मा, इनके हत्यारे को मृत्युदंड ही मात्र सजा

KHABREN24 on January 24, 2023
रावलमल जैन हत्याकांड : न्यायधीश शैलेश कुमार तिवारी ने कहा:100 आचार्योंसे बढ़कर पिता और 1000 पिताओं से बढ़कर मा, इनके हत्यारे को मृत्युदंड ही मात्र सजा

छग के प्रमुख साहित्यकार और नगपुरा तीर्थकर के प्रमुख ट्रस्टी रावलमल जैन और उनकी पत्नी सूरजी बाई के चर्चित हत्याकांड पर अंतत: कोर्ट ने इकलौते बेटे संदीप जैन को दोषी पाया। आरोपी संदीप जैन को न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी के कोर्ट से मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। घटना गंजपारा स्थित उनके निवास पर 31 दिसंबर 2018 को हुई थी। संदीप ने पहले अपने माता-पिता की हत्या की साजिश रची। इसके बाद गोली मारकर दोनों को मौत के घाट उतार दिया।

इस हत्या में संदीप के दो सहयोगी भगत सिंह गुरुदत्ता और शैलेंद्र सागर को 5-5 साल की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने 310 पेज में लिखा कि मनुस्मृति के महर्षि मनु पिता की असीम महिला का वर्णन करते हुए कहते हैं : उपाध्यायन्दशााचार्य आचार्याणां शंतपित। सहस्त्रंतु पितृन माता गौरवेणातिरिच्यते ।। अर्थात, दस उपाध्यायों से बढ़कर आचार्य, सौ आचार्यों से बढ़कर पिता और एक हजार पिताओं से बढ़कर माता गौरव में अधिक है यानी बड़ी है।

जन्मदाता की हत्या करने वाले आरोपी बेटे संदीप जैन को मृत्युदंड के दंड से दंडित किया जाना ही एकमात्र उचित एवं पर्याप्त दंड होगा। आरोपी के भांजे सौरभ गोलछा की शिकायत पर पुलिस ने मामले में अपराध पंजीबद्ध किया था। 28 मार्च को चालान पेश किया गया। इसके बाद से लगातार मामले में विचारण जारी रहा। सोमवार को दोष सिद्ध पाया गया।

संदीप को संपत्ति से बेदखल और महिलाओं से दोस्ती के ताने नहीं थे पसंद -इसलिए प्लानिंग कर हत्या
विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रसाद शर्मा ने बताया कि आरोपी संदीप जैन अपने घर के बाजू में ही स्थित स्वयं की दुकान में साड़ी विक्रय का व्यापार करता था। संदीप के पिता रावलमल पुरानी विचारधारा के व्यक्ति थे। जबकि आरोपी खुले विचारों का था। इस वजह से अक्सर टकराव की स्थिति बनती थी।

रावलमल पूजा के लिए शिवनाथ नदी से प्रतिदिन नौकर से पानी मंगवाते थे। घर के नल के पानी का उपयोग करने की बात को लेकर विवाद होता था। संदीप के पिता को संदीप के महिला मित्रों से मेल-जोल भी पसंद नहीं थे। कई बार मृतक रावलमल जैन अपने बेटे को संपति से बेदखल करने की धमकी देते थे। इन्हीं कारणों से परेशान होकर आरोपी ने अपने पिता की हत्या करने की योजना बनाई।

कोर्ट ने आदेश में लिखा- जन्मदाता की हत्या अत्यंत गंभीर अपराध, यह मानव समाज के लिए रोंगटे खड़े करने वाला कृत्य

कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि आरोपी ने अपने जन्मदाता की गोली मारकर हत्या की है। ऐसा अपराध अत्यंत ही गंभीरतम विरल से विरलतम एंव अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए क्रूरतम रूप से किया गया है। आरोपी संदीप जैन का यह कृत्य सामान्य हत्या के अपराधों से सर्वथा भिन्न प्रकृति का अपराध है यदि ऐसे अपराधों में आरोपी को कठोरतम दंड से दंडित नहीं किया जाएगा तो समाज का ताना बाना प्रतिकूल रुप से प्रभावित होगा। सामाजिक ताना बाना नियमानुसार एक सूत्र में पिरोया हुआ रहे,ऐसे में न्यायालयों का भी दायित्व है तथा ऐसे प्रकरणों में न्यायालयों से भी सामाजिक अपेक्षा होती है कि इस प्रकार की निर्दयतापूर्ण मानसिकता वाले आरोपी को उदाहरण स्वरुप कठोर से कठोर दंड से दंडित किया जाए।

आरोपी का अपराध प्लानिंग के तहत एंव संपूर्ण मानव समाज का रोंगटे खड़ा कर देने वाला है। लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने बताया कि कोर्ट ने लिखा है कि ऐसे अपराधों को गंभीरतापूर्वक और कठोरता से हतोत्साहित किया जाना उचित होगा। इससे कि समाज में ऐसे अपराध और ऐसे अपराधी पनप ही न सके या ऐसे अपराध करने की हिम्मत कोई भी व्यक्ति न कर सके।

1.35 लाख में पिस्टल और कारतूस खरीदकर माता-पिता को मारी 3-3 गोली, साक्ष्य छिपाए
लोक अभियोजक ने बताया कि तत्कालीन एएसपी शशि मोहन और टीआई भावेश साव की जांच में पता चला कि आरोपी संदीप ने प्लानिंग के तहत भगत सिंह से देसी पिस्टल और कारतूस 1.35 लाख में पहले खरीदी। प्लानिंग के तहत 27 दिसंबर 2018 को पत्नी संतोष और बेटे को संयम को दल्ली राजहरा भेजा। 31 दिसंबर की रात चौकीदार रोहित कुमार को काम में आने से मना कर दिया। इसके बाद 31 दिसंबर 2018 की रात अपने रूम से नीचे आकर मां के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।

बाथरूम से कमरे की तरफ लौट रहे पिता के पीठ पर गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर उसकी मां के चिल्लाने पर आरोपी अपने कमरे में चला गया। इस दौरान आरोपी को उसकी मां ने फोन भी लगाया, लेकिन आरोपी ने रिसीव नहीं किया। इसके बाद आरोपी अपने कमरे से नीचे आया और मां के कमरे में चला गया। उसने कमरे में देखा कि मां फोन करके सौरभ को घर बुला रही थी। इस पर आरोपी ने मां पर भी तीन गोलियां चला दी।

दो बड़े आधार जिससेे आरोपी संदीप पर दोष सिद्ध हो पाया
कोर्ट ने इस पूरे मामले में दो बिंदुओं को बड़ा आधार माना। इसमें पहला यह कि संपत्ति से बेदखल किए जाने को लेकर लगातार दंपती द्वारा संदीप पर कटाक्ष किया जा रहा था। उसे हर समय अपनी हरकतें सुधारने कहा जाता था। इसके अलावा सामाजिक दृष्टिकोण से बेटे को माता-पिता की देखभाल करनी चाहिए होती है, संदीप ऐसा नहीं कर रहा था।

इस बात को लेकर भी संदीप में नाराजगी थी। इसके अलावा घटना के समय घर में सिर्फ तीन लोग थे, जिनमें दो की मौत हो चुकी है। एक सिर्फ संदीप ही बचा था। घटना के समय ही माता का संदीप को फोन करना इसके तुरंत बाद भांजे को फोन। इस आधार पर आरोपी पर दोष सिद्ध पाया गया।

पिता बाथरूम से लौट रहे थे, पीछे से मार दी गोली
पुलिस के मुताबिक घटना 1 जनवरी को सुबह करीब 5 बजे घटित हुई। रावलमल जैन बाथरूम जाने के लिए उठे। वे बाथरूम से लौट रहे थे, तभी आरोपी संदीप ने पीछे से उन पर तीन गोलियां दागी। इस पर रावलमल जमीन पर गिर पड़े। आवास सुनकर उनकी पत्नी सूरजी बाई जो कि संदीप की मां है, उसे सौरभ को फोन किया। इस पर संदीप अपनी मां के पास पहुंचा और उस पर भी गोलियां चला दी। बाद में आरोपी अपने कमरे में चला गया।

शहर का सबसे चर्चित मामला, सबकी थी निगाह
रावलमल जैन शहर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। अचानक उनकी हत्या के इस मामले की खासी चर्चा रही। इस पूरे मामले में कई बार पुलिस पर भी आरोप लगे। इसमें आरोपी संदीप को बेवजह फंसाए जाने की भी बात सामने आई। इसके बाद पुलिस ने अलग-अलग स्तर पर साक्ष्य जुटाए। मामले में दो ऐसे लोगों को खोज निकाला, जिन्होंने संदीप की मदद की थी। इसके बाद पूरा मामला खुल गया।

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