
किन्नर समुदाय में धर्म परिवर्तन सबसे ज्यादा होता रहा है। सनातनी होने के बावजूद बड़ी संख्या में किन्नरों का धर्म परिवर्तन होता रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जो किन्नर हिंदू होने के बाद भी मुस्लिम धर्म अपना चुके हैं। उनकी घर वापसी कराई जा रही है। उन्हें हिंदू धर्म से जोड़ा जा रहा है।
ये दावा है किन्नर कल्याण बोर्ड की मेंबर और किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि का। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यूपी में अभी तक ऐसे 108 किन्नर बहनों को हिंदू धर्म में वापस लाया गया है। जिन्होंने सनातनी होने के बावजूद मुस्लिम धर्म अपना लिया था। ये अभियान अभी जारी रहेगा, जो बहन दोबारा अपने हिंदू धर्म में वापस आना चाहती हैं, उनका स्वागत है।

कौशल्या नंद गिरि। by db
सनातन धर्म को आगे बढ़ा रहा किन्नर अखाड़ा
कौशल्या नंद गिरि ने कहा कि 2016 में किन्नर अखाड़े की स्थापना किया। हमारा उद्देश्य था जो किन्नर समुदाय अपने धर्म से बेमुख हो गए थे उनकी घर वापसी कराते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। साथ ही साथ किन्नर अखाड़ा सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार कर रहा है। उन्होंने कहा कि किन्नरों की शिक्षा के लिए उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति से भी बातचीत हो गई है। किन्नरों के लिए सरकारी अस्पतालों में अलग से किन्नर वार्ड बनाया जा रहा है। जिला महिला अस्पताल में 7 बेड का किन्नर वार्ड बनाया गया है। इसी तरह अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं।
आधार कार्ड बनाने पर फोकस
अभी तक किन्नरों के आधार कार्ड बनाने में दिक्कत होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। किन्नरों का आधार कार्ड बनाया जा रहा है। 48 किन्नरों का आधार कार्ड हमने बनवाया है जिसमें उनके पैरेंट्स में मेरा नाम है। आज किन्नरों को हर सुविधाएं देने का प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है।