प्रदेश के 50 लाख परिवारों तक नल से पीने का साफ पानी पहुंचाने की जल जीवन मिशन योजना अभी लगभग दो साल लेट है और अब इसका काम कर रहे 20 से ज्यादा इम्पैनल्ड सप्लायर कंपनियों के टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं। अफसरों के मुताबिक गाइडलाइन के अनुसार इम्पैनलमैंट नहीं होने से टेंडर निरस्त किए गए हैं। इन कंपनियों के पास लगभग एक हजार करोड़ का काम है जिसमें करीब चार सौ करोड़ का सामान सप्लाई हो चुका है।
अचानक टेंडर निरस्त होने से सभी सप्लायर दिल्ली, मुंबई, पुणे और हैदराबाद के हैं। जिन कंपनियों के टेंडर निरस्त किए गए हैं, उनमें इंटीग्रेटेड सेडल पाइप (पानी का डायवर्सन पाइप) बनाने वाली 8 कंपनियां, जल शुद्धिकरण मशीन सप्लाई करने वाली 8 कंपनियां तथा कंपोजिट पाइप सप्लाई करने वाली 4 कंपनियां शामिल हैं।
बताया कि इलेक्ट्रो क्लोरिनेटर में दिल्ली, मुंबई और चेन्नई की 7 कंपनियों को सूचीबद्ध किया गया था। इनमें से पांच को पहले ही पात्र घोषित कर दिया गया था। फिर दो अपात्र कंपनियों को भी पात्र कर इम्पैनल कर दिया। इस मामले में सरकारी अमले पर दबाव की भी चर्चा रही। इसी तरह, कंपोजिट पाइप तथा सेडल पीस सप्लायर कंपनियों के मामले में भी ऐसी ही शिकायतें हैं। पूरे मामले की विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
पहले टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत के बाद विवाद शुरू
दरअसल लगभग लगभग 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की यह योजना शुरू से ही विवादों में रही। पहले टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत के बाद सभी टेंडर रद्द किए गए थे। गड़बड़ी की जांच के बाद दोबारा टेंडर किए गए। नए नियम के तहत 5 करोड़ रुपए तक वर्कऑर्डर जिलों से तथा इससे अधिक के वर्कआर्डर देने के लिए समिति का गठन किया गया। इस योजना में केन्द्र सरकार औैर राज्य सरकार का खर्च 50-50 प्रतिशत है।
अब तक क्या-क्या हुआ
– ईएनसी टीजी कोसरिया को नोटिस, ईई शंकर धकाते व ईई एसके चंद्रा निलंबित
– बिलासपुर और महासमुंद में अधिकारियों ने कर दिया मनमाना टेंडर की शिकायत
– 250 ठेकेदारों को नोटिस, 20 ठेकेदारों के काम में लापरवाही पर कार्यादेश निरस्त
– कोरबा में पानी टंकी निर्माण गड़बड़, बलौदाबाजार में मनमाने पेमेंट की शिकायत
डेडलाइन 2023, पर 50 में 19 लाख घरों तक ही पहुंचे नल
2019 में शुरू हुए इस मिशन में 2023 अंत तक प्रदेश के करीब 50 लाख घरों तक नल से पीने का साफ पानी पहुंचाने की योजना थी। चार साल में 19 लाख 47 हजार घरों तक ही पानी पहुंच पाया है, 31 लाख घरों में नल नहीं पहुंचे। जानकारों के मुताबिक योजना अभी लगभग 2 साल लेट हो गई है। टेंडर रद्द होने से रायपुर समेत कई जिलों में और देर होगी। फिलहाल धमतरी, रायपुर आैर दुर्ग जिले में नल लगाने का आैसत 50 प्रतिशत से ज्यादा है।
इन कंपनियों के टेंडर रद्द
प्रक्रिया शुरू
“कंपनियों का इम्पैनलमेंट नियमानुसार नहीं हुए थे, इसलिए इसे तथा टेंडरों को निरस्त किया गया है। प्रतिस्पर्धा के लिए नए सिरे से इम्लैनलमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।” – आलोक कटियार, संचालक-जल जीवन मिशन