दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा हॉस्पिटल लोकनायक जयप्रकाश नारायण हॉस्पिटल। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के भजनपुरा में रहने वाले 40 साल के अब्दुल मलिक और उनकी बीवी रुखसार को दूसरा बच्चा होना था। 17 फरवरी को रुखसार को पेट में दर्द हुआ तो परिवार को लगा कि लेबर पेन है। रुखसार को LNJP हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया। अब्दुल के मुताबिक रुखसार करीब 29 हफ्तों की प्रेग्नेंट थीं।
19 फरवरी शाम करीब साढ़े 6 बजे हॉस्पिटल के इमरजेंसी वॉर्ड में रुखसार की प्रीमैच्योर डिलिवरी हुई। हॉस्पिटल स्टाफ ने अब्दुल और परिवार को बताया कि बेटी मरी हुई पैदा हुई है। हॉस्पिटल वालों ने नवजात बच्ची की लाश एक गत्ते के डिब्बे में पैक करके घर वालों को सौंप दी। अब्दुल ने घर फोन कर सभी को बुरी खबर सुना दी और कफन-दफन का इंतजाम करने के लिए कहा।
करीब 1 घंटे में ही परिवार, आस-पड़ोस, रिश्तेदार सब मातम मनाने के लिए अब्दुल और रुखसार के घर के बाहर जुट गए। जनाजे के लिए तैयारी कर ली गई, क्रबगाह में नवजात के लिए कब्र खोद ली गई, और तो और कफन के लिए कपड़ा भी लाया जा चुका था। इतने में ही अब्दुल हॉस्पिटल का दिया हुआ बॉक्स लेकर घर पहुंचे।
शाम करीब 7:30 बजे थे, घर आकर अब्दुल से लोगों ने कहा- ‘डिब्बा खोलो, टॉर्च जलाकर दिखाओ’। डिब्बा खोलकर जैसे ही कपड़ा हटाया तो गुलाबी रंग की बच्ची का पैर हिलता नजर आया। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। इस वीडियो में आवाज आती है- ‘वीडियो बनाओ। कमबख्तों ने क्या कर दिया ये। दो घंटे पहले मरा बोलकर बच्चा दिया और अब इसके हाथ-पैर हिल रहे हैं।’
वीडियो में दिख रहा था कि परिवार के लोगों ने डिब्बा पैक किया और वापस अस्पताल की तरफ भागे।
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