इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर देहात में मंडोली गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई मां बेटी की मौत के मामले में सरकार से 2 सप्ताह में प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई की डेट 16 मार्च तय की है।
यह आदेश जस्टिस मनोज कुमार व जस्टिस सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने दिया है। दो जजों की खंडपीठ प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडे द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
बुलडोजर चलाने को लेकर नियम बनाने की मांग
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कानपुर देहात कांड को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की थी। जनहित याचिका संख्या 451/2023 के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय से संज्ञान लेने और उचिक डायरेक्शन देने की मांग की थी। याचिका में यह भी मांग है कि पूरे प्रकरण की उच्च न्यायालय के सिटिंग जज द्वारा जांच कराने और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की थी। बुलडोजर चलाने को लेकर एक नियम बनाने और सरकार को आवश्यक निर्देश देने की भी अपील की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने एसआईटी और मजिस्ट्रेट जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रमुख सचिव गृह के शपथ पर 16 मार्च को दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि चोटिल व्यक्ति को भी मुआवजा दिया जाए।
यह लड़ाई अन्याय के विरुद्ध है और जारी रहेगी
अवनीश पांडेय ने कहा कि संविधान सभी व्यक्तियों को गौरवपूर्ण जीवन जीने का हक प्रदान करता है। यह लड़ाई एक गरीब परिवार के साथ हुए अन्याय के विरुद्ध है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशान्त पांडेय कहा कि हम लोगो की लड़ाई शासन के द्वारा प्रताड़ित के न्याय के लिए है। आगे भी जारी रहेगी। हमारी मांग है कि सरकार एक नीति बनाए कि कहां बुलडोजर चलना चाहिए और कहा नही। याचिका कोर्ट नम्बर 21 में जस्टिस मनोज गुप्ता की बेंच में थी, जिस पर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की तरफ से अधिवक्ता रविनाथ तिवारी व अमरेश तिवारी ने बहस की। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा।