प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना प्रयागराज में फ्लाॅप साबित हो रही है। प्रयागराज में आयुष्मान भारत योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसर उदासीन बैठे हुए हैं। यही कारण है कि प्रयागराज में निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। जनपद में 184 ऐसे अस्पताल हैं जो आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध किए गए हैं लेकिन इसमें करीब 100 अस्पताल ऐसे हैं जो आयुष्मान के मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। जिम्मेदार अफसरों की ओर से इसके लिए कोई पूछताछ भी नहीं होती है। यही कारण है कि निजी अस्पताल संचालक मनमानी कर रहे हैं।
भुगतान में देरी से नहीं लेते रूचि
निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना में भुगतान की प्रक्रिया बहुत धीमी है। मरीज का इलाज तो कर दिया जाता है लेकिन भुगतान के लिए सीएमओ आफिस का चक्कर लगाना पड़ता है। यही कारण है कि अस्पताल संचालक आयुष्मान भारत योजना के मरीजों को नहीं भर्ती करते हैं।
प्रयागराज में 157 निजी अस्पताल हैं जो आयुष्मान से संबद्ध हैं, इसमें 100 से ज्यादा अस्पतालों में एक भी आयुष्मान भारत के मरीजों को नहीं भर्ती किया गया है।
शिकायत पर भी नहीं होती कार्रवाई
जब निजी अस्पतालों में मरीजों को नहीं भर्ती किया जाता तो इसकी शिकायत सीएमओ आफिस में जिम्मेदार अफसरों से भी की जाती है लेकिन अफसरों की ओर से इसे नजरअंदाज किया जाता है। यदि ऐसे अस्पतालों पर सख्ती की जाए तो आयुष्मान भारत योजना के मरीजों को राहत मिलेगी।
अफसर भी हैं लाचार
इस संबंध में आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश कुमार कहते हैं कि चिह्नित किया गया है जिसमें पाया गया है कि करीब 100 निजी अस्पताल ऐसे हैं जो आयुष्मान भारत योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अब इन लोगों पर क्या कार्रवाई की जाए। हम लोग ऐसे अस्पताल संचालकों से इसका कारण पूछ र