वाराणसी में टाटा कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मरीज के पेट से साढ़े 30 किलो का ट्यूमर निकालकर उसकी जान बचाई है। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में 6 घंटे तक सर्जरी चली।
मरीज अब स्वस्थ है और डॉक्टरों की टीम उसकी देख-रेख कर रही है। ट्यूमर की साइज काफी ज्यादा और वह बेहद संवेदनशील स्थान पर था, इसलिए तीन डॉक्टरों की टीम ने इस काम को पूरा किया।
डॉक्टरों ने बताया कि इस ट्यूमर का वजन जन्म लेने वाले 12 शिशुओं के वजन के बराबर था। यह 64 सेमी. लंबा और 46 सेमी चौड़ा था। डॉक्टरों का कहना है कि इस सर्जरी को ‘रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा’ भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में हुई सर्जरी के मामले में यह देश का सबसे बड़ा कैंसरस ट्यूमर है।
ट्यूमर का वजन चेक करते डॉक्टर।
मरीज को चलने-फिरने में होती थी दिक्कत
55 साल का एक मरीज पेट के फूलने और दर्द की शिकायत लेकर कुछ दिन पहले अस्पताल पहुंचा था। जांच में मरीज के पेट में एक बड़ा सा ट्यूमर दिखा। इसके बाद डॉक्टरों ने सर्जरी करने का फैसला लिया। अस्पताल में सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफ्रेसर डॉ. मयंक त्रिपाठी और उनकी टीम (डॉ. विदूर और डॉ. रविंद्र वर्मा) ने यह सर्जरी की है।
उन्होंने कहा कि ट्यूमर की साइज इतना बड़ी थी कि मरीज चल-फिर भी नहीं पा रहा था। एक जगह सीटिंग मुद्रा में रहना पड़ता था। अब अस्पताल में आने के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया है।
किडनी में भी था कैंसर
मरीज को रिट्रोपेरिटोनियल लाइपो सारकोमा के साथ ही किडनी का भी कैंसर था। सर्जरी के दौरान दोनों ट्यूमर को एक साथ निकाला गया। डॉ. मयंक त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में 10-12 किलोग्राम के ट्यूमर अक्सर सर्जरी कर निकाला जाता है, लेकिन अब तक इतना बड़ा ट्यूमर पहली बार सफलतापूर्वक निकाला गया है।
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कैंसर से जुड़ी जटिल से जटिल और बड़ी से बड़ी सर्जरी को भी सफलतापूर्वक करने की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।