बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और गनर की शुक्रवार को हुई हत्या के मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद के साथ ही अतीक के भाई, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद के दो बेटों और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद के दोनों बेटों के साथ करीब सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
इधर, CM योगी ने सदन में जवाब दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हम माफिया के खिलाफ हैं, उन्हें मिट्टी में मिला देंगे। हम किसी भी माफिया को नहीं छोड़ेंगे।’ उन्होंने कहा कि सपा ने ही अतीक अहमद को बढ़ावा दिया है। अपराधी को सांसद बनाओ फिर तमाशा करो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा माफिया को बढ़ाती है। राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद दोषी है, उसे सपा ने विधायक बनाकर बढ़ावा दिया।
ये तस्वीर पुलिस ने जारी की है। इसमें एक शूटर नजर आ रहा है। जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
सदन में योगी-अखिलेश में तीखी बहस
CM योगी ने मुलायम सिंह यादव के लड़कों से गलती हो जाती है वाले बयान का जिक्र किया तो अखिलेश ने टोका- आप ये भी बताएं चिन्मयानंद किसका गुरु है, शर्म आनी चाहिए। इस पर योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि शर्म तो तुम्हें करनी चाहिए जो अपने बाप का सम्मान नहीं कर पाए। इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा। भाजपा और सपा के नेता आमने-सामने आ गए।
बसपा विधायक रहे राजू पाल की 2005 में हत्या की गई थी
इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी पूजा पाल कौशांबी की चायल सीट से सपा की विधायक हैं। राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उमेश पाल घटना का मुख्य गवाह था। वह राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की सगी बुआ का लड़का था।
राजू पाल हत्याकांड की जांच CBI ने की थी। इसमें उमेश पाल मुख्य गवाह थे। यही कारण है कि उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी। राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल ने भी कई बार आशंका जताई थी कि गवाही को प्रभावित करने के लिए उमेश पाल की हत्या हो सकती है। उमेश पाल ने भी अपनी जान को खतरा बताया था।
अतीक की पत्नी से पूछताछ, CCTV-कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस
इस हत्याकांड में पुलिस ने अतीक की पत्नी शाइस्ता से भी पूछताछ की है। पुलिस ने बताया है कि हमलावर उमेश पाल की कार का लगातार पीछा करते आ रहे थे। हमलावर बैग में बम रखकर आए थे। उमेश पाल का पीछा करने के लिए हमलावरों ने कार और बाइक का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने उमेश पाल के कोर्ट से लेकर उसके घर तक के पूरे रास्ते के CCTV फुटेज खंगाले हैं।
पुलिस ने अतीक के 2 नाबालिग बेटों और उसके दोस्त की कॉल डिटेल भी निकलवाई है। CCTV फुटेज और स्थानीय बदमाशों को उनकी फोटो दिखाकर पहचान कराने कोशिश भी की जा रही है। देर रात तक उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और डीएम संजय खत्री धूमनगंज थाने में डटे रहे।
यह फुटेज उमेश पाल की हत्या के समय के बताए जा रहे हैं। उन्हें गाड़ी से उतरते ही करीब से गोली मारी गई।
पुलिस ने BJP नेता को उठाया, ड्राइवर से पूछताछ
इसके अलावा STF ने उमेश पाल हत्याकांड में BJP अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष राहिल हसन को रसूलाबाद निवास से सवा दस बजे उठाया है। गोपनीय तरीके से पूछताछ की जा रही है। पुलिस उमेश के ड्राइवर प्रदीप शर्मा की भूमिका को भी संदिग्ध मान रही है। देर रात से ही पुलिस प्रदीप से पूछताछ में जुटी है। साथ ही कॉल डिटेल भी निकलवाया जा रहा है। घटना के बाद प्रदीप गाड़ी छोड़कर फरार हो गया था।
पूर्वांचल के शूटरों पर हमला कराने का शक
CCTV फुटेज खंगालने के बाद सामने आया है कि एक बदमाश झोले से बम निकालकर मारते दिख रहा है। हमले में पूर्वांचल के शूटरों का हाथ होने का शक है। यही वजह है कि हमलावरों को पकड़ने के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स में प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी की टीमें लगाई गई हैं। उमेश पाल के घर पर भी हमले के बाद पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। शनिवार दोपहर उमेश पाल का दाह संस्कार कराया जाएगा।
ये तस्वीर राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की है। (फाइल फोटो)
प्रयागराज के धूमनगंज थाने में जया पाल ने दी तहरीर
मामले में उमेश की पत्नी जया पाल ने अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, बरेली जेल में बंद भाई पूर्व विधायक अशरफ, अतीक के बेटों और अन्य सहयोगियों के खिलाफ साजिश, हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में धूमनगंज थाने में FIR दर्ज कराई है।
उधर मुख्य गवाह उमेश पाल हत्याकांड को लेकर DGP ने रिपोर्ट तलब की है। अतीक और उसके भाई अशरफ पर भी जेल में निगाह रखी जा रही है। जेल में मिलने आने वालों के बारे में भी छानबीन की जा रही है। अतीक के खिलाफ कोर्ट में 54 मुकदमे विचाराधीन हैं। कुछ महीने पहले गवाह उमेश पाल ने पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ धमकी देने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
गवाही देकर गेट पर उतरे, तभी हमला हुआ
प्रयागराज में हमलावरों ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। फिलहाल, हमलावरों के बारे में अब तक पता नहीं चल पाया है। हमला उस वक्त हुआ, जब उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर अभी घर के गेट तक ही पहुंचे थे। वह कार से उतरे तभी 4-5 हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इसके बाद जब वह घर के अंदर भागे, तो उन पर बम से हमला कर दिया। इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है।
ये तस्वीर उमेश पाल को अस्पताल ले जाते समय की है।
वकील बोले- आज बहस खत्म होनी थी, दूसरे पक्ष ने और समय मांगा
घटना के बाद एडवोकेट विक्रम सिन्हा ने कहा, ”केस में फाइनल बहस चल रही थी। हम लोगों की तरफ से बहस समाप्त हो चुकी थी। डिफेंस के वकील ने आज बहस की। ढाई बजे से शुरू करके उन्होंने सवा चार-साढ़े चार बजे तक बहस किया। इसके बाद उन्होंने कोर्ट से बहस खत्म करने के लिए सोमवार तक का समय मांगा। जबकि इस केस में कोर्ट आज बहस खत्म करना चाहती थी। जिसके बाद किसी को समय नहीं दिया जाता।” उमेश पाल के अपहरण मामले में विक्रम सिन्हा उमेश पक्ष के वकील हैं।
अपहरण केस में 27 को थी गवाही, 28 को आना था फैसला
उमेश पाल की मां, बहन और भाइयों ने सीधे तौर पर अतीक अहमद, मोहम्मद अशरफ के साथ दिलीप पासी पर हत्या करवाने का आरोप लगाया है। मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 महीने के अंदर निस्तारित करने का आदेश कर रखा है। CBI सभी पक्षों के बयान दर्ज करके अपनी रिपोर्ट कोर्ट को दे चुकी है। अब इस मामले में केवल फैसला आना है।
इस कांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के 2008 में हुए अपहरण और मारपीट के मामले की गवाही चल रही है। शुक्रवार को उमेश पाल MP-MLA कोर्ट में गवाही देकर लौटे थे। अगली तारीख 27 फरवरी की लगी हुई है। 28 फरवरी को कोर्ट इस मामले में फैसला आना था।
हमले में गंभीर घायल दोनों गनर को भी अस्पताल पहुंचाया गया।
पूजा पाल को न्याय दिलाने के लिए 18 साल से लड़ रहा था मुकदमा
उमेश पाल पूजा पाल को न्याय दिलाने के लिए 18 साल से मुकदमा लड़ रहा था। आए दिन उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। शादी के एक हफ्ते के अंदर उसकी विधवा हुई, चचेरी बहन पूजा पाल को न्याय तो नहीं मिला, लेकिन एक और हत्या हो गई।
धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेमसराय में रहने वाले उमेश पाल 3 भाइयों में दूसरे नंबर के हैं। उनके बड़े भाई पप्पू पाल और सबसे छोटे भाई दिनेश पाल हैं। परिवार में 90 साल की बुजुर्ग मां, पत्नी और दो बेटे और बेटियां हैं। उमेश पाल अपने चचेरे बहनोई राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे, जिसकी वजह से उनका अपहरण और उस पर हमले हुए। लेकिन वह अपने इरादों से डिगे नहीं।
हाईकोर्ट में वकालत करते थे उमेश पाल, जिला पंचायत सदस्य भी रहे
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत करने वाले उमेश पाल प्रयागराज के नवाबगंज से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके थे। इस समय वह भाजपा से जुड़े हुए थे। वकालत के पेशे के साथ-साथ जमीन का कारोबार भी करते थे। राजू पाल हत्याकांड में गवाही देने से उन्हें कई बार रोकने की कोशिश की गई। अपहरण हमले का आरोप भी पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद और उनके छोटे भाई और पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ मोहम्मद अशरफ पर लगे। उमेश पाल की हत्या के बाद उनके घर परिवार और जानने वालों में आक्रोश है।
पूजा पाल ने भी भाई की जान को जताया था खतरा
पूजा पाल ने भी कोर्ट और पुलिस को लिखित रूप से दिया था कि उमेश पाल मेरे चचेरे भाई हैं, मेरे पति की हत्या के मामले में एक प्रमुख गवाह भी हैं। उनकी जान को खतरा है। इसी वजह से उमेश पाल को भी सरकारी गनर संदीप दिया गया था। जिसकी इस हमले में मौत हो गई। अब तक पुलिस ने पत्नी, बेटे समेत करीब 8 लोगों से पूछताछ की है।
ये तस्वीर पूर्व सांसद अतीक अहमद की है। वह इस समय जेल में बंद है।
अतीक अहमद से 17 साल पुरानी है दुश्मनी
बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के बीच दुश्मनी करीब 17 साल पुरानी है। राजू पाल हत्याकांड में जब उमेश गवाह बने, तो उनका अपहरण हो गया था। जिसका आरोप अतीक पर लगा।
उमेश अतीक गिरोह के खिलाफ अब तक पांच FIR करा चुके थे। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था। उस वक्त राजू पाल के दोस्त और रिश्तेदार उमेश पाल पूरे मामले के गवाह बन गए थे।
उमेश पाल पर कई बार पहले भी हो चुका था हमला
राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनते ही अतीक गिरोह उमेश पाल को दुश्मन की नजर से देखने लगा। उन पर कई बार हमले की कोशिश हुई, लेकिन वे बच निकले थे। 28 फरवरी 2008 को उमेश का अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ मारपीट की गई। धमकी दी गई, गवाही दी तो मार दिया जाएगा। बाद में उन्हें छोड़ा गया, तो उन्होंने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
उमेश पाल के मौत की सूचना मिलने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
इसके बाद भी अतीक के गुर्गे उमेश के पीछे पड़े रहे। 11 जुलाई 2016 को उमेश गवाही देने कचहरी गए थे। उन पर कचहरी परिसर में ही जानलेवा हमला किया गया। उमेश ने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के तमाम लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
दोनों मामले कोर्ट में चल रहे थे। इस बीच, उमेश ने अतीक गिरोह के खिलाफ तीसरी FIR दर्ज कराई थी। इसके अलावा 2022 में जान से मारने की धमकी और एक अन्य मामले में FIR लिखाई गई थी।
मर्डर केस में फंसाने की भी हुई थी कोशिश
अतीक गिरोह ने उमेश पर न सिर्फ हमले कराए और धमकियां दीं, बल्कि 2016 में धूमनगंज में जीतेंद्र पटेल की हत्या के मुकदमे में नामजद भी करवा दिया। हालांकि, जांच में उमेश को बरी कर दिया गया।
उमेश पाल की मौत के बाद उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
राजू पाल ने अतीक के भाई को चुनाव में हराया था
अतीक अहमद के सांसद बनने से शहर पश्चिमी सीट खाली हो गई। उपचुनाव हुआ तो अतीक के भाई अशरफ को बसपा के राजू पाल ने हरा दिया। इस हार के बाद जो राजू पाल कभी अतीक अहमद के खास हुआ करते थे, वे एक झटके में सबसे बड़े दुश्मन बन गए थे। विधायक बनने के तीन महीने बाद 15 जनवरी 2005 को राजू ने पूजा से शादी की।
राजू पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी पूजा उसी सीट से 2007 और 2012 में विधायक बनीं। हालांकि, 2017 में वे हार गई। 2022 के चुनाव में वे कौशांबी की चायल सीट से सपा की प्रत्याशी हैं।
ये तस्वीर इमरजेंसी के बाहर की है। उमेश पाल को गोली लगने की सूचना मिलने के बाद लोग उन्हें देखने पहुंचे थे।
25 जनवरी 2005 को राजू पाल पर क्वालिस चलाते समय हुआ था हमला
25 जनवरी 2005, इलाहाबाद का हर चौराहा तिरंगे झंडों से पटा पड़ा था। दोपहर 3 बजे इलाहाबाद शहर पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल SRN हॉस्पिटल से निकले। साथ में दो गाड़ियां चल रही थी। क्वालिस और स्कॉर्पियो। राजू पाल काफिले की क्वालिस खुद चला रहे थे। बगल वाली सीट पर रुखसाना को बैठाया था। रुखसाना राजू के दोस्त की पत्नी थी जो रास्ते में मिल गई थी।
ये तस्वीर राजू पाल और उनकी पत्नी पूजा पाल की है। 15 जनवरी को उनकी शादी हुई थी।
गाड़ी का शीशा चीरते हुए एक गोली सीने में जा धंसी थी
राजू पाल का काफिला सुलेमसराय के जीटी रोड पर था, तभी बगल से तेज रफ्तार स्कॉर्पियो उनकी गाड़ी को ओवर टेक करते हुए आगे आ गई। राजू कुछ समझ पाते इसके पहले ही एक गोली सामने का शीशा चीरते हुए उनके सीने में घुस गई। धड़धड़ाते हुए स्कॉर्पियो से पांच हमलावर उतरे। तीन ने राजू पाल की गाड़ी को घेरकर फायर करना शुरू किया और बाकी दो ने पीछे चल रही स्कॉर्पियो पर फायरिंग की।
ये तस्वीर अतीक के भाई और राजू पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी खालिद अजीम उर्फ अशरफ की है।
डॉक्टरों ने बॉडी से निकाली थी 19 गोलियां
हमलावरों को जब लग गया कि राजू की सांसें थम गई हैं, तब वे भागे। धूमनगंज पुलिस आई। टैक्सी से राजू को लेकर SRN भागी। डॉक्टरों ने राजू को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद राजू का पोस्टमॉर्टम हुआ तो उनकी बॉडी से 19 गोलियां निकलीं। साथ बैठे संदीप यादव और देवी लाल की भी मौत हो गई।
पुलिस ने उस वक्त के सपा सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, फरहान, रंजीत पाल, आबिद, गुफरान के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। आज तक फैसला नहीं सुनाया जा सका।
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उमेश पाल के टैंकर क्लीनर से करोड़पति बनने का सफर
एक टैंकर क्लीनर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले कृष्ण कुमार पाल उर्फ उमेश पाल आज की तारीख में करोड़ों के मालिक थे। उमेश के पास सफारी, क्रेटा, इनोवा जैसी लग्जरी गाड़ियों का जत्था और 12 से ज्यादा भूखंडों का मालिकाना हक था। पैसा आने के बाद उमेश पाल की राजनैतिक महत्वाकांक्षा भी उड़ान भरने लगी। वह भी विधायकी लड़ना चाहते थे, जिसकी वजह से चचेरी बहन विधायक पूजा पाल (राजू पाल की पत्नी) से भी उनकी अनबन हो गई थी।