जिले को 16 सौगातें:दुर्ग से नवा रायपुर तक लाइट मेट्रो, संगीत महाविद्यालय, आईटीआई, ओबीसी छात्रावास और ई-चिकित्सालय भी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को बजट पेश किया। इसमें दुर्ग से नवा रायपुर तक लाइट मेट्रो सेवा शुरू करने का प्रावधान रखा है। इसके अलावा संगीत महाविद्यालय, आईटीआई, ओबीसी छात्रावास और ई-चिकित्सालय भी खुलेंगे। लोगों को मंत्रालय आने-जाने में सुविधा होगी। उन्हें रायपुर पहुंचने के बाद दो बार वाहन बदलने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
लाइट मेट्रो कॉरिडोर सड़क के समानांतर होगा। इसके स्टेशन बस स्टैंड की तरह तैयार होंंगे। इसका निर्माण राज्य सरकार करेगी। निजी एजेंसी की सेवाएं ली जाएंगी। बाद में इसका संचालन भी एजेंसी ही करेगी। इसमें 3-4 कोच होंगे। 300-400 यात्री सफर कर सकेंगे। इससे दुर्ग, भिलाई, पावर हाउस, भिलाई-3 और कुम्हारी से हर दिन नवा रायपुर आने-जाने वाले करीब 3000 लोगों को सुविधा होगी।
55 किलोमीटर ट्रैक बिछाने में 8250 करोड़ रुपए लागत आने की संभावना
नवा रायपुर से दुर्ग की दूरी करीब 55 किमी है। एक किमी ट्रैक बनाने में लगभग 150 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस प्रोजेक्ट में सिर्फ ट्रैक बिछाने में 8250 करोड़ लागत आएगी। इसका डीपीआर राज्य सरकार बनाएगी। जानकारों को कहना है कि नवा रायपुर से दुर्ग तक बिछने वाली ट्रैक में अमलेश्वर समेत पाटन और दुर्ग का बहुत बड़ा हिस्सा आएगा।
नवा रायपुर स्टेशन से 25 किमी दूर दो बार वाहन बदलकर पहुंचते हैं
दुर्ग से रायपुर के बीच हर दिन कुल 14 लोकल ट्रेनें चलती हैं। इनमें करीब 7000 दैनिक यात्री सफर करते हैं। लगभग तीन हजार यात्री मंत्रालय में काम के लिए जाते हैं। अभी नवा रायपुर के लिए सीधी यात्रा सुविधा नहीं है। बस से जाते हैं तो रावण भाठा बस स्टैंड में उतरने के बाद अलग टैक्सी या ऑटो लेना पड़ता है। वहीं रेलवे स्टेशन में उतरने के बाद तेलीबांधा चौक तक और वहां से नवा रायपुर के लिए अलग-अलग वाहन से जाना होता है। इसमें काफी समय लगता है पैसा भी। लाइट मैट्रो सेवा शुरू होने से सबसे ज्यादा फायदा दुर्ग, भिलाई और पाटन के लोगों को होगा।
युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर, स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ेंगी, कौशल विकास होगा
उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी विकसित
संगीत- निखरेगी प्रतिभाएं
संभाग मुख्यालय दुर्ग में संगीत महाविद्यालय खोलने का प्रावधान बजट में किया गया है।
सुविधा – ट्विनसिटी को एजुकेशन हब माना जाता है। यहां हर विधा में प्रतिभाएं हैं। पढ़ाई के साथ यहां संगीत में रुचि रखने और सीखने वालों की बड़ी संख्या है। इससे शहर की प्रतिभाओं को सीखने के िलए नया संस्थान मिलेगा।
उम्मीद – खैरागढ़ संगीत विवि से संबद्ध इस महाविद्यालय में संगीत की अच्छी शिक्षा मिल सकेगी। प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा। एक नया मंच भी मिलेगा।
हुनर- लिटिया में आईटीआई
धमधा क्षेत्र के लिटिया में नवीन आईटीआई खोलने की घोषणा हुई है। कौशल विकास को मिलेगा लाभ
सुविधा – ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी ज्ञान में मदद मिलेगी। रोजगार के लिए स्वयं को हुनरमंद बना सकेंगे। उद्योगों की कमी नहीं है। इसी वजह से कुशल और अर्धकुशल कर्मचारियों की मांग हमेशा रहती है।
उम्मीद – औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से कौशल विकास में सहायता मिलेगी। इससे कुशल और अर्धकुशल कर्मचारी मिल सकेंगे। युवाओं को रोजगार मिलेगा।
इलाज- ई-चिकित्सालय
सीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में ई-चिकित्सालय की स्थापना की जाएगी।
सुविधा — नए दौर में ऑफलाइन के साथ अब ऑनलाइन इलाज का चलन बढ़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों के बीच काफी दूरियां हैं। समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। इससे उन्हें काफी परेशानी होती है। दवाएं लेने में भी दिक्कतें होती हैं।
उम्मीद — वीडियो कॉलिंग से मरीजों के मर्ज को जानकर दवाएं दी जा सकेंगी। दूरस्थ अंचल स्थित लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवा और सुविधा मिल सकेगी।
सुरक्षा- साइबर थाना खुलेगा
दुर्ग में साइबर थाना खोला जाएगा। स्मृति नगर भिलाई में नए पुलिस थाना की स्थापना की जाएगी।
सुविधा – अपराध और साइबर क्राइम की घटना बढ़ रही है। हर साल तीन हजार से अधिक साइबर अपराध और ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। कई प्रकरण सालों बाद भी अनसुलझे हैं। इसे देखते हुए प्रस्ताव रखा है।
उम्मीद – साइबर थाना होने से ऑनलाइन ठगी के प्रकरणों में पीड़ितों को जल्दी राहत मिल सकेगी। स्मृति नगर में नए थाने की स्थापना से अपराध के आंकड़ों में आएगी।
पशु पालन – फुंडा में नया पशु औषधालय
फुंडा में नया पशु औषधालय खोला जाएगा। रिसाली और अंडा में पशु औषधालय अब पशु चिकित्सालय बनेगा।
सुविधा — नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी प्रोजेक्ट के तहत गायों को गोठान में रखा जाता है। पिछले दिनों लंपी रोग का भी प्रकोप देखने को मिला था। इस दौरान पशु औषधालय की जरूरत महसूस की गई थी।
उम्मीद – पशुओं की इलाज की सुविधा बढ़ने से पशु पालन को बढ़ावा मिलेगा। इससे पशुधन में वृद्धि होगी और साथ ही पशु पालकों को नया आय का स्रोत भी मिल सकेगा।
कोटा में विद्यार्थियों को नहीं होगी रहने-खाने की परेशानी
इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की तैयारी करने के लिए राजस्थान कोटा जाने वाले विद्यार्थियों के लिए वहां छात्रावास बनाने का प्रावधान किया गया है। टि्वनसिटी से हर साल लगभग दो हजार बच्चे तैयारी के लिए कोटा जाते हैं। वहां उन्हें रहने और खाने की समस्याएं होती हैं। इस पर पैरेंट्स का बहुत ज्यादा पैसा भी खर्च होता है। कोविड-19 के दौरान यह बातें सामने आई थी। इसके बाद कोटा में छत्तीसगढ़ के बच्चों के लिए एक भवन की जरूरत महसूस की जा रही थी। छात्रावास बनने से ट्विनसिटी समेत राज्य के अन्य शहरों के बच्चों और अभिभावकों को कोटा जाकर पढ़ने में काफी राहत मिलेगी। साथ ही कोटा जाने वाले बच्चों और अभिभावकों को सुविधा मिलेगी।
बजट की और खास बातें
राजस्व- भिलाई-3 उप पंजीयक कार्यालय सुविधा — भिलाई-3 के लोगों को जमीन के पंजीयन और स्टांप ड्यूटी के लिए पाटन या फिर दुर्ग जाना पड़ता है। इसमें उनका समय, श्रम और पैसा तीनों खर्च होता है।
उम्मीद – भिलाई-3 में पंजीयन कार्यालय होने से लोगों काफी राहत मिलेगी। स्थानीय स्तर पर जमीन का पंजीयन हो सकेगा। इससे करीब डेढ़ लाख लोगों को फायदा होगा।
कृषि – राजपुर में बीज प्रगुणन प्रक्षेत्र सुविधा – धमधा में सब्जियों की अधिक पैदावार होती है। उसे सुरक्षित रखने और बाहर भेजने में सुविधा होगी। रोजगार के अवसर में बढ़ोत्तरी हो सकेगी।
उम्मीदें – सब्जी उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी। बीजों को सुरक्षित रख सकेंगे। साथ ही उसकी नई किस्में और अनुसंधान करने का मौका मिल सकेगा।
बागवानी – गंडई में हाईटेक नर्सरी सुविधा – धमधा-गंडई का क्षेत्र सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है। फूल और सजावटी पौधे भी भारी मात्रा में उगाए जाते हैं। उसे राज्य से बाहर भी भेजा जाता है।
उम्मीद – हाईटेक नर्सरी से न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि उत्पादकों को इसके विपणन और वितरण में सहायता मिलेगी। नए पैदावारों की लगातार जानकारी मिलती रहेगी।
नई खेती – छुई खदान में पान अनुसंधान केंद्र सुविधा – छुई खदान पान के उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ का जाना पहचाना स्थान है। यहां के पान की मांग उत्तर भारत समेत देश के अन्य प्रांतों तक रही है।
उम्मीद – अनुसंधान केंद्र होने से छुई खदान में पान की खेती को एक बार फिर बढ़ावा मिलेगा। पान की अच्छी गुणवत्ता का लाभ अंचल समेत अन्य प्रांतों के लोगों को मिल सकेगा। स्थानीय लोगों के आय का साधन बढ़ेगा।
मछली पालन – किकिरमेटा में हेचरी सुविधा – पाटन में मछली पालन और बीज बेचने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। तालाबों को ठेके में भी दिया जा रहा है। इन दिनों लोगों के बीच मछली की मांग भी लगातार बढ़ रही है।
उम्मीद – मछली उत्पादकों की संख्या में वृद्धि होगी। मछली उत्पादन और व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। मछली की नई किस्मों के उत्पादन करने और अनुसंधान करने में सहायता मिलेगी। इससे उनके रोजगार और आय में वृद्धि होगी। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।