काशी में होली का दिव्य और भव्य नजारा देखने को मिला सुबह से ही काशी के हर एक गली से होली के गीत सुनाई दे रहे थे। युवाओं की टोली हर गली में आने जाने वाले काशीवासी और पर्यटकों को रंगों से रंगीन कर रहे थे। बाबा विश्वनाथ के दरबार में सुबह से ही बाबा को गुलाल चढ़ाने के लिए भक्तों की तय अब लम्बी लम्बी कतार लगी थी।
गोदौलिया चौक पर हजारों युवाओं की टोली ने घंटों किया नृत्य
वाराणसी के गोदौलिया चौक युवाओं का केन्द्र बिन्दु बन गया था। जहां सभी होली खेले पहुंच रहे थे और विभिन्न गीतों पर अद्भुत नृत्य करते दिखे। काशी की होली अपने आप में अलग होती हैं। और यहां आने वाले देश और विदेश के पर्यटक भी घुल मिल कर होली खेलते दिखाई दे रहें थे।
गंगा आरती के बाद झूमते दिखे पर्यटक
वाराणसी में दिनभर होली का देखने को मिला तो वही वाराणसी के घाट पर गंगा आरती के बाद आरती में सम्मिलित श्रद्धालु रंग गुलाल उड़ा कर होली के गीतों पर झूमते दिखाई दिए। हजारों की संख्या में पर्यटकों की भीड़ अभी भी होली का उत्सव मनाते हुए दिखाई दे रही है।
जब भगवान शिव अपने भक्तों के साथ निकले होली खेलने
वाराणसी में घोड़े पर सवार होकर भगवान शिव होली खेलने निकले यह यात्रा सोनारपुरा से निकली इसमें भगवान शिव के आगे ढोल नगाड़े बजाए जा रहे थे तो वही होली में भगवान शिव को लोग रंग गुलाल लगाते जर आए इस यात्रा में विभिन्न प्रकार के लोग सम्मिलित होते हैं यात्रा का जगह-जगह पर स्वागत किया जाता है और भगवान शिव को भस्म गुलाल और पुष्प वर्षा करके स्वागत किया जाता है।
बाबा विश्वनाथ दरबार में खेली गई फूलों की होली
बाबा विश्वनाथ धाम में पहली बार दिव्य और अद्वितीय होली खेली गई या होली काशी के अधिकारियों और मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों के साथ थी इस होली रंग गुलाल के साथ साथ फूलों की होली खेली गई इस होली में काशी के विधायक ,मंत्री और कमिश्नर के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।