दुर्ग नगर निगम के विस्तार की मांग एक बार फिर उठने लगी है। इस संबंध में पिछले दिनों जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में महापौर धीरज बाकलीवाल ने चर्चा करते हुए दुर्ग के विकास के लिए इसे जरूरी बताया। उन्होंने कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा को पूर्व में महापौर परिषद की बैठक में नगरीय सीमा क्षेत्र से लगे 14 गांवों को निगम में समाहित करने संबंधी संकल्प की जानकारी दी। इसके लिए प्रशासनिक प्रक्रिया फिर शुरू करने को लेकर बैठक हुई।
54.41 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले दुर्ग नगर निगम की आबादी तीन लाख से ज्यादा (2011 की जनगणना के मुताबिक 2,68,806 है) पहुंच गई है। बढ़ती आबादी के हिसाब से जनता की जरूरत भी बढ़ रही है और शहर विकास की दरकार भी, लेकिन निगम क्षेत्र में अब इसके लिए पर्याप्त जगह नहीं है। जनसंख्या सघन और शहर तंग होता जा रहा है।
ये गांव हो सकते हैं शामिल
23 अप्रैल 2016 को पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में महापौर परिषद ने 10 गांवों को शामिल करने का संकल्प पारित किया था। अब 14 गांवों को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि इसके लिए सभी ग्राम पंचायत राजी भी हैं। पहले के प्रस्ताव के मुताबिक ग्राम हनोदा, धनोरा, महमरा, चिखली, जेवरा, सिरसा, अंजोरा, पिसेगांव, कोलहापुरी, मोहलई और कोटनी को निगम में जोड़ने का संकल्प पारित किया गया था। अब कोड़िया, चंदखुरी, खपरी को भी शामिल किया जा सकता है।
23 अप्रैल 2016 को पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में महापौर परिषद ने 10 गांवों को शामिल करने का संकल्प पारित किया था। शासन ने इसकी प्रक्रिया शुरू भी कर दी थी। जनगणना निदेशालय की टीम प्रस्तावित गांवों में पहुंची थी। स्थल निरीक्षण, संसाधन व जरूरत संबंधी जानकारी भी एकत्रित की थी। भौगोलिक स्थितियों के साथ-साथ विकास की संभावनाओं और शहरीकरण के बाद अनिवार्य जरूरतों का अध्ययन सर्वे टीम ने किया था। रिपोर्ट शासन को भेज भी दी गई थी। अब 14 गांवों को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।
ग्रामीणों की सहमति जरूरी
जिला प्रशासन सर्वे व सीमांकन कर राज्य शासन को प्रस्ताव भेजेगा। अनुमति के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी। जिन गांवों का शहरीकरण होना है वहां जनसुनवाई की मुनादी व नोटिस चस्पा किया जाएगा। लोग इस पर दावा-आपत्ति कर सकेंगे। आपत्तियों का निराकरण करने के बाद ही समाहित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। नगर पालिक अधिनियम में समुचित विकास और स्थानीय जरूरत के हिसाब से आसपास लगे गांवों को निगम में शामिल करने का प्रावधान है।
दोनों को होगा फायदा
निगम में शामिल के लिए प्रस्तावित गांवों की आबादी लगभग 40 हजार है। इनका कुल क्षेत्रफल 18 वर्ग किलोमीटर है। आबादी और क्षेत्रफल बढ़ने से दुर्ग निगम का दर्जा बढ़ जाएगा। रायपुर, भिलाई के बाद प्रदेश का सबसे बड़ा तीसरा नगरीय निकाय क्षेत्र होगा। इससे शासन की अनुदान राशि में बढ़ोतरी होगी। विकास कार्यों और भवनों के लिए पर्याप्त स्थान मिलेगा। गांवों का शहरीकरण होगा। सड़क, पानी, बिजली, सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं बढ़ेंगी।