रायपुर की पुलिस ने 100 से अधिक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है। असल रायपुर में 15 मार्च को छत्तीसगढ़ विधानसभा का घेराव भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किया था। इस दौरान पुलिस से झड़प हुई। कुछ जगहों पर तोड़फोड़ के हालात बने। इन्हीं मामलों पर अब पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है।
पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने केस दर्ज करवाया है। एएसपी डीएसपी रैंक के अधिकारियों के साथ मारपीट उन्हें घायल करने और कुछ जगहों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने जैसे आरोप भाजपा नेताओं पर लगाए गए हैं।
इस घेराव के दौरान पुलिस अफसर और सिपाही सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे थे। इसी दौरान उनकी भीड़ से झड़प हुई और वे घायल हुए थे।
ये है FIR में
50-50 अलग कार्यकर्ताओं के समूह पर दो एफआईआर दर्ज की गई है। धारा 147 के तहत नगर निगम जोन 9 के अफसरों ने केस दर्ज कराया है। FIR में लिखा है- विधानसभा में पीडब्ल्यूडी विभाग के बांस बल्ली और टीन शेड के बैरिकेड पिरदा चौक पर लगाए गए थे । सभी जगहों पर बांस बल्ली और टिन शेड बैरिकेड के और लोहे के डिवाइडर को तोड़कर सरकारी संपत्ति को भाजपा नेताओं ने नुकसान पहुंचाया है।
दूसरी FIR में धारा 147, 332, 353 और 186 के तहत विधानसभा थाने की पुलिस ने केस दर्ज किया है। पुलिस की ओर से ही लिखी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी और कार्यकर्ता विधानसभा घेराव करने पहुंचे थे । रिंग रोड नंबर 3 से लगे हुए पिरदा चौक मैदान में सभा के आयोजन के बाद करीबन 10000 लोग इस सभा में शामिल हुए ।
इसके बाद सभी विधानसभा घेराव करने निकले। पिरदा चौक के पास इन्हें रोका गया, लेकिन कार्यकर्ता पुलिस के काम में बाधा पहुंचा कर एएसपी विवेक शुक्ला, एएसपी राहुल देव शर्मा, डीएसपी गुरजीत सिंह, इंस्पेक्टर नितेश ठाकुर, कॉन्स्टेबल दिलीप जांगड़े, एंटी क्राइम ब्रांच के कांस्टेबल शेख आदिल, कॉन्स्टेबल दीपक पांडे कॉन्स्टेबल मोहन तिवारी जैसे पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करके उन्हें चोट पहुंचाई है।
इस तरह जगह-जगह पुलिस और भीड़ के बीच झड़प की स्थिति बनी थी।
हो सकती है गिरफ्तारी
पुलिस का दावा है कि जल्द ही इन मामलों में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी की जाएगी । इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग पुलिस के पास मौजूद हैं, अलग-अलग वीडियो फुटेज को खंगाला जा रहा है और कार्यकर्ताओं की पहचान की जा रही है । दूसरी तरफ खबर यह भी है कि रिपोर्ट दर्ज होने की खबर मिलते ही बहुत से भाजपा कार्यकर्ता अंडर ग्राउंड हो गए हैं।
पुलिस से झूमाझूटकी के दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी घायल हुए थे। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव उनसे अस्पताल मिलने पहुंचे थे।
भाजपा भी कानूनी लड़ाई की तैयारी में
विधानसभा घेराव के दौरान जिरो पॉइंट से लगे एक बैरिकेड के पास बड़ी तादाद में कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हो गई थी। एक पुलिसकर्मी को इस दौरान स्मोक बम का गोला भीड़ पर फेंकते देखा गया, जो भाजपा कार्यकर्ताओं पर फट पड़ा। इस घटना में दो भाजपा कार्यकर्ताओं को बुरी तरह से चोट भी लगी जिनका अस्पताल में इलाज जारी है । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने इसे हत्या करने की साजिश बताया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में हम कानूनी सलाह लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे।
विधानसभा घेरने के लिए निकली भीड़ जीरो प्वाइंट तक पहुंच गई थी।
क्यों हुआ विधानसभा घेराव
दरअसल, प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच विवाद जारी है । कांग्रेस का दावा है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर योजना वापस ले ली। दूसरी तरफ भाजपा कहती है कि राज्य सरकार ने योजना में अपने हिस्से का पैसा नहीं दिया इसलिए गरीबों को मकान नहीं मिल सका। इसी घटना का पूरा विरोध करते हुए विधानसभा का घेराव 15 मार्च को किया गया था जहां बड़ी तादाद में कार्यकर्ता पहुंचे और पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई।