प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र में 24 फरवरी काे हुई उमेश पाल की हत्या में कोल्ट पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। यही नहीं उमेश पाल की हत्या के दो सप्ताह पहले से ही उसकी हर गतिविधि की रेकी की गई। हत्या की साजिश को लेकर शूटरों के साथ असद ने बैठकें की थीं। कचहरी से लेकर घर तक उमेश पाल की रेकी की गई। उसकी हर गतिविधि पर बारीक नजर रखी गई। इस काम के लिए माफिया अतीक अहमद के बेटे असद ने अपने गुर्गों को आईफोन दिए थे। पांचों आराेपियों को अलग अलग काम भी दिए थे। इस बात का खुलासा मंगलवार को धूमनगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अतीक के पांच गुर्गों ने पूछताछ में किया है।
पुलिस ने अतीक अहमद के पांच गुर्गों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया।
अतीक के कार्यालय से मिले 74 लाख 72 हजार रुपये, 11 वेपन
पुलिस ने धूमनगंज क्षेत्र के जयरामपुर से मंगलवार को पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इनमें नियाज अहमद,मोहम्मद सजर, कैश अहमद, राकेश कुमार और अरशद कटरा उर्फ अरशद खान शामिल हैं। दो अभियुक्तों कैश अहमद और राकेश कुमार की निशानदेही पर अतीक अहमद के चकिया स्थित दफ्तर पर छापेमारी की गई। अतीक के दफ्तर से 72 लाख 37 हजार की बरामदगी हुई। पांचों अभियुक्तों के पास से छह मोबाइल और 2 लाख 25 हजार बरामद किए गए हैं। इस तरह से कुल 74 लाख 72 हजार की रिकवरी हुई है। दफ्तर से कुल 11 असलहे बरामद हुए हैं जिसमें कोल्ट पिस्टल भी शामिल है।
नियाज अहमद
नियाज अहमद के पास था रेकी का काम
नियाज अहमद धूमनगंज का रहने वाला है। अतीक के बेटे असद ने उसे अपने गैंग में शामिल किया था और इंटरनेट के माध्यम से माफिया अतीक अहमद से बात कराई थी। नियाज अहमद को उमेश पाल की कचहरी से लेकर घर तक रेकी करने का काम दिया गया था। यह अतीक के घर पर हुई मीटिंग में भी शामिल था। एक फोन इसके पास से मिला है। फोन की जांच हो रही है।
सजर।
सजर को उमेश की गाड़ी आने-जाने की सूचना देनी थी
मोहम्मद सजर जयंतीपुर सुलेमसराय थाना धूमनगंज का रहने वाला है। यह उमेश पाल के घर के पास रहता है। इसको असद ने अपने घर बुलाकर आईफोन दिया था। इस आईफोन में अतीक एंड कंपनी के नंबर पहले से सेव थे। इसी फोन से सजर अतीक और अशरफ से बात किया करता था। इसी फोन से अतीक अहमद और अशरफ उमेश पाल की लोकेशन लिया करते थे। इसे उमेश पाल की गाड़ी आने जाने की सूचना देने का काम मिला था।
अरशद कटरा।
अरशद उमेश पाल मर्डर की प्लानिंग में शामिल था
अरशद कटरा उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग को लेकर हुई बैठकों में शामिल था। उमेश पाल मर्डर की उसे पूरी जानकारी थी। पूरा प्लान उसके सामने लेआउट किया गया था। बाकायदा उमेश पाल मर्डर को पहले कागज पर उतारा गया। कौन कहां रहेगा, कौन पहले गोली चलाएगा और कहां से यह सब तय था। इसके पास से भी एक फोन बरामद हुआ है जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
कैश अहमद।
हथियार और कैश को छिपाने का काम करता था कैश
कैश अहमद अतीक अहमद का बेहद करीबी है। वह 16 साल से अतीक अहमद और परिवार की सेवा में है। वह अतीक अहमद का ड्राइवर का काम कर रहा है। घटना के बाद अतीक अहमद और असद के कहने पर हथियार, कैश छिपाने का काम किया था। इसकी निशानदेही पर रिकवरी हुई है।
राकेश कुमार उर्फ लाला।
राकेश कुमार उर्फ लाला ने घटना के बाद हथियार और कैश छिपाए
पिछले 16 सालों से राकेश कुमार उर्फ लाला अतीक अहमद के घर के काम और मुंशी का काम करता था। घटना के बाद कैश और हथियार असद और अतीक और परिवार के कहने पर कैश हथियार छिपाए थे। इसकी निशानदेही पर पुलिस ने अतीक के कार्यालय से कैश और हथियार बरामद किए हैं।
अतीक के कार्यालय से मिले 74 लाख 72 हजार रुपये, 11 वेपन ।
बरामद असलहों की होगी फोरेंसिक जांच
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि अतीक अहमद के चकिया स्थित टूटे हुए दफ्तर से बरामद 11 असलहों की फोरेंसिक जांच होगी। उमेश पाल के मर्डर में पिस्टल, राइफल और बम का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस देखेगी कि अतीक अहमद के बेटे असद और शूटरों ने जिस पिस्टल का इस्तेमाल मर्डर में किया था, कहीं वह यही असलहे तो नहीं। ये असलहे अतीत के चकिया स्थित टूटे दफ्तर में जमीन के अंदर दबाकर रखे गए थे।