दुर्ग जिला अस्पताल में शुरू हुई हमर लैब में जो भी टेस्ट होंगे उसकी रिपोर्ट के लिए लोगों को अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लैब में ऐसा साफ्टवेयर अपडेट किया जाएगा जिसके माध्यम से पेशेंट को उसके मोबाइल पर ही रिपोर्ट मिल पाएगी।
दुर्ग के कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने सोमवार को जीवनदीप समिति की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पैथोलॉजी लैब में टेस्ट के बाद मरीजों को अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिला अस्पताल में शुरू की गई आधुनिक हमर लैब में ऐसा नहीं होगा। यहां एक ऐसा साफ्टवेयर स्थापित किया जाएगा जिसके माध्यम से मरीज के मोबाइल में उसकी रिपोर्ट पेशेंट को मिल जाएगी।
कलेक्टर ने बताया कि बैठक में उन्होंने जिला अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जीवनदीप समिति के सदस्य दिलीप ठाकुर, पुरुषोत्तम कश्यप, दुष्यंत देवांगन, प्रशांत डोनगांवकर सहित सीएमएचओ डा. जेपी मेश्राम, सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा, आरएमओ डा. अवधेश यादव व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
मरीज के साथ जा पाएगा एक ही अटेंडेंट
अस्पताल में मरीज के साथ कई अटेंडेंट जाने से वहां काफी भीड़ हो जाती है। इसे देखते हुए अब यह निर्णय लिया गया है कि कैजुअल्टी में मरीज के साथ अब एक अटेंडेंट को प्रवेश दिया जाएगा। इससे अस्पताल में भीड़ भी नहीं बढ़ेगी और कैजुअल्टी का अनुशासन भी भंग नहीं होगा। सिविल सर्जन ने बताया कि इसके लिए पास सिस्टम बनाया गया है जिसमें मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट जा सकेगा।
गुटखा तंबाकू लेकर अस्पताल में नहीं जा सकेंगे लोग
कलेक्टर ने अस्पताल के सभी एन्ट्री प्वाइंट पर स्क्रीनिंग की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल परिसर में गुटखा तंबाकू व अन्य मादक पदार्थ बैन हैं। इसलिए इस बात की पूरी जांच की जाएगी की कि लोग ये सब चीजें लेकर अस्पताल के अंदर न जा सकें।