नगर पालिक निगम भिलाई में टैक्स जमा करने का ऑनलाइन सिस्टम फेल हो गया है। इस कारण लोगों को निगम कार्यालय में जाकर टैक्स जमा करना पड़ रहा है। भीड़ बढ़ने से लोगों को काफी इंतजार और परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। इससे राजस्व वसूली प्रभावित हो रही है। 23 मार्च तक लक्ष्य का 57 फीसदी ही टैक्स वसूल हो सका है। लगभग 120 कराेड़ का लक्ष्य है और 68 करोड़ रुपए ही निगम के खजाने में अब तक आए हैं। दिक्कत को देखते हुए अब निगम की ओर से हेल्पलाइन और बैक खाता नंबर सार्वजनिक किया गया है।
लोग अपने मकान का आईडी बताकर हेल्पलाइन से देय टैक्स की राशि की जानकारी लेकर सीधे बैंक खाते में टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। खासतौर पर शहर से बाहर रहने वाले लोगों के लिए यह बड़ी राहत होगी। टैक्स जमा करने के लिए एसपीएस एजेंसी के हेल्पलाइन नंबर 9153986192 तथा 9153986196 पर संपर्क करना होगा।
इस नंबर से टैक्स कितना जमा करना है, इसकी जानकारी भी मिल जाएगी। इसके मुताबिक एचडीएफसी बैंक के खाता क्रमांक 50200078894152 आईएफएससी कोड HDFC0000734 में टैक्स जमा कर सकते हैं। टैक्स जमा करने के बाद हेल्पलाइन नंबर के जरिए रसीद भी दी जाएगी। अच्छी बात यह है कि यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे चालू रहेगा।
31 मार्च के बाद देना पड़ेगा 18 फीसदी तक अधिभार
वित्तीय वर्ष 2022-23 का टैक्स जमा करने के लिए केवल 4 दिन ही शेष रह गए हैं। 31 मार्च की अंतिम तिथि तक टैक्स जमा करने में अधिभार नहीं लगेगा। इसके बाद से 18% अधिभार और शास्ती शुल्क के साथ टैक्स लिया जाएगा। अवकाश के दिनों में शनिवार और रविवार को भी टैक्स जमा करने की राहत पहले ही निगम दे चुका है। रामनवमी 30 मार्च अवकाश के दिन भी टैक्स जमा किए जा सकते हैं। प्रत्येक जोन कार्यालय के साथ ही निगम मुख्य कार्यालय में इसकी सुविधा रहेगी। ताकि करदाताओं को टैक्स जमा करने में आसानी हो।
69% ही संपत्तिकर जमा
भिलाई निगम में लगभग 88 हजार करदाता है। इनसे निगम ने 2799 लाख संपत्तिकर वसूली का टारगेट है। इसमें चालू और बकाया मांग दोनों शामिल हैं। डिमांड के अनुपात में निगम अब तक लगभग 1932 लाख यानी 69 फीसदी ही संपत्तिकर वसूल कर सका है। समेकित कर की वसूली में तो इससे भी पीछे है। 960 लाख मांग की एवज में लगभग 491 लाख टैक्स जमा हुआ है। यानी लक्ष्य का मात्र 51 प्रतिशत।
लोग नहीं दे रहे किराया
आवंटित दुकानों का हर साल किराया वसूल करता है। सबसे खराब स्थिति इसी की है। मात्र 29 फीसदी ही वसूली हुई है। 107 लाख का लक्ष्य है। 32 लाख वसूल कर पाए हैं। जलकर वसूली भी लगभग 65 प्रतिशत ही है। निगम को 350 लाख रुपए मिलने हैं। अभी तक 227 लाख जमा हुए हैं। 6623 लाख रुपए की आय अन्य शुल्कों से होती है। मात्र 44 फीसदी 2922 लाख कोष में जमा हुए हैं।