बिना CM फेस के चुनाव लड़ सकती है भाजपा:अरुण साव बोले- कार्यकर्ताओं की पसंद और जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवार को मिलेगा टिकट
छत्तीसगढ़ में 2023 के विधानसभा चुनाव में हो सकता है भाजपा मुख्यमंत्री फेस के साथ चुनाव न लड़े। इसका संकेत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने दिया हैं। उन्होंने कहा कि इसका फैसला बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा। एक-एक कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ में कमल खिलाने में लगा हुआ है।
DB डिजिटल को दिए इंटरव्यू के अनुसार कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय करने वाली यदि कोई पार्टी है तो कांग्रेस पार्टी है।अरुण साव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनावी मैदान में उतरने का दावा किया। कार्यकर्ताओं की नाराजगी, भाजपा में OBC नेता, आरक्षण, धर्मांतरण समेत कई मुद्दों पर अरुण साव ने दैनिक भास्कर की टीम से बात किया है।
पिछले कुछ दिनों पहले अरुण साव ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर प्रदेश के सियासी हालातों पर चर्चा की थी।
क्या होंगे चुनावी मुद्दे आने वाले 2023 के चुनावों में ?
प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के काम को साढ़े 4 साल में देख लिया। कांग्रेस ने राज्य को 15 साल पीछे ले जाने का काम किया है। आज छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार में डूबा है, अब इसी की वजह से प्रदेश की बदनामी हो रही है। अपराध, माफिया, नशाखोरी का गढ़ बन गया है प्रदेश। जनता कांग्रेस से छुटकारा चाहती है।
भाजपा विपक्ष के नाते सदन से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ रहा है, केंद्र सरकार की उपलब्धि को जनता के बीच लेकर जा रहे हैं। 15 साल के कामों को लेकर जा रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ में परिवर्तन की हवा बह रही है।
आने वाले दिनों में भाजपा गांव-गांव जाकर कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलाएगी।
आरक्षण, धर्मांतरण का क्या चुनाव पर असर होगा ?
जब से कांग्रेस सत्ता में है। कांग्रेस के संरक्षण से पूरे प्रदेश में धर्मांतरण का खुला खेल चल रहा है। आरक्षण के नाम पर सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस राजनीति कर रही है। कांग्रेस की आरक्षण देने की नीयत बिल्कुल नहीं है, ये बात तथ्यों के साथ साबित हो चुकी है। हर वर्ग ठगा महसूस कर रहा है। इसका परिणाम 2023 में देखने को मिलेगा।