जमीन की खरीदी-बिक्री जिले में पिछले साल से ज्यादा हुई है। 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 की स्थिति में जिला पंजीयक ने करीब 334 करोड़ रुपए जुटाए हैं। पिछले साल की तुलना में यह 82 करोड़ रुपए ज्यादा है। पिछले साल यानी 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के मध्य 36638 रजिस्ट्रियां हुई थी, जिससे 252 करोड़ रुपए का राजस्व जिला पंजीयक दुर्ग ने अर्जित किया था।
इस प्रकार 108 प्रतिशत राजस्व अर्जित किया गया है। खास बात यह है कि इस साल दो बार लक्ष्य बढ़ने के बाद भी 108 प्रतिशत अधिक आय हुई है। इस साल मार्च में पिछले साल से कम रजिस्ट्री हुई है। पिछले साल मार्च माह में 5836 रजिस्ट्री हुई थी। इस बार 4990 रजिस्ट्रियां हुई हैं। इसके अलावा 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक भी जमीन खरीदी-बिक्री के मामले में 105 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। पहले सत्र की शुरुआत में ही शासन ने 275 करोड़ रुपए की सालाना आय प्राप्त की थी। जिले में दुर्ग-भिलाई में जमीन खरीदी ज्यादा हुई है। वहीं पाटन में भी खरीदी बढ़ी है।
पूरे मार्च में 300 करोड़ का लक्ष्य पूरा करने में जुटा रहा, लेकिन तीन दिन पहले ही शासन ने 300 करोड़ को बढ़ाकर 308 करोड़ कर दिया। लेकिन इसे भी विभाग ने पूरा कर लिया। इस साल पूरे साल भर में 308 करोड़ की आय का लक्ष्य था, लेकिन विभाग ने 334 करोड़ रुपए का आय वसूल किया।
कलेक्टर गाइड लाइन की दरें नहीं बढ़ेंगी, इसका भी असर
इस साल कलेक्टर गाइडलाइन नहीं बढ़ाया जाएगा। मतलब पिछले साल जो रेट था, वही सरकारी मूल्य यथावत रहेगा। इसके अलावा जमीन की खरीदी में शासन 30 प्रतिशत छूट का लाभ देता है। इसका लाभ भी मिलेगा। इसमें भी शासन ने कोई बदलाव नहीं किया है। इससे जमीन की खरीदी करने वाले लोगों को बड़ा लाभ मिल रहा है।
सबसे अधिक जमीन की खरीदी-बिक्री दुर्ग-भिलाई में हुई
जिले की बात करें तो पूरे जिले में सबसे अधिक जमीन की खरीदी बिक्री दुर्ग-भिलाई के आसपास के इलाकों में ही होती है। भिलाई क्षेत्र की बात करें तो रिसाली, धनोरा, कोहका, कुरूद, दुर्ग शहर के आसपास इलाके में जैसे पुलगांव, बोरसी में भी सबसे अधिक खरीदी बिक्री हुई है। इसके अलावा पाटन क्षेत्र में पिछले सालों की अपेक्षा खरीदी बिक्री काफी बढ़ी है। यहां पाटन में खरीदी-बिक्री बढ़ी है।
जनवरी से ही बढ़ने लगी थी रजिस्ट्रियां, पाटन में ज्यादा
हर साल मार्च में ही सबसे अधिक रजिस्ट्रियां होती थी। जिला पंजीयन विभाग में सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रहती थी, और देर रात 12 बजे तक भी रजिस्ट्री आफिस खुला रहता था। इसके लिए शासन से विशेष रूप से अलग से आदेश जारी किया जाता है। इस साल भी आदेश जारी हुआ था। लेकिन इस साल मार्च में सिर्फ 31 तारीख की रात में ही 12 बजे तक रजिस्ट्री की गई। बाकी अन्य सभी दिन 9 बजे तक रजिस्ट्रियां होती रही।
108 प्रतिशत तक जमीन की खरीदी-बिक्री इस बार बढ़ी
“शासन से दो बार टार्गेट बढ़ाने के बाद भी हमने 108 प्रतिशत टार्गेट अचीव किया है। इस साल 334करोड़ रुपए की आय हुई है। पिछले साल की अपेक्षा रजिस्ट्री की संख्या भी बढ़ी है। पिछले साल 36638 रजिस्ट्री हुई थी, इस साल 41925 रजिस्ट्री हुई है।” – पुष्पलता ध्रुर्वे, जिला पंजीयक दुर्ग