बेमेतरा के बिरनपुर में हुई हिंसा के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद के दौरान घर जलाने वाले 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस हादसे में दुर्ग रेंज के आईजी आनंद छाबड़ा बाल-बाल बचे थे। घटना के बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी। ये सभी आरोपी खैरागढ़, कवर्धा जिले के रहने वाले हैं।
10 अप्रैल को बिरानपुर गांव से बाहर एक मकान के बाहर पुलिसकर्मी निगरानी कर रहे थे। उसी दौरान किसी ने घर में आग लगी दी थी। आग लगने के बाद सिलेंडर ब्लास्ट भी हुआ था। इसके बाद पुलिस ने मामले में जांच की थी। तब पता चला कि यह मकान खातून बी की नाम की महिला का है। पुलिस ने इस मामले में अजय रजक, प्रवीण कुमार साहू, संदीप साहू , प्रदीप रजक और दिनेश रजक को गिरफ्तार किया है।
उधर, गांव में हिंसा के मद्देनजर धारा 144 पहले से लगाई गई है। गांव में बिना अनुमति के किसी को भी आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। शुक्रवार को एसडीएम विश्वास राव मस्के खुद गांव में मुनादी के लिए निकले थे। वहीं पिता-पुत्र का शव भी गांव में 10 अप्रैल को मिला था। उस मामले में एसपी ने हत्यारों की सूचना देने वालों के लिए 40 हजार का इनाम रखा है। फिलहाल गांव के चारों तरफ से बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस की टीम भी गांव के चारों तरफ तैनात है।
कैसे भड़की थी हिंसा
8 अप्रैल को 2 स्कूली छात्रों के बीच रास्ते में साइकिल चलाते समय कट मारने को लेकर विवाद हुआ था। इस दौरान एक युवक ने छात्र के हाथ पर कांच की बोतल तोड़ दी। जिसके चलते उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया। इस घटना की जानकारी बच्चों के घरों तक पहुंची, तो दोनों पक्षों के लोगों के बीच मारपीट होने लगी। इस बीच दूसरे पक्ष के लोगों ने तलवार से 22 साल के युवक भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी थी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे साजा थाने के SI बीआर ठाकुर पर भी भीड़ ने हमला कर दिया। कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था।