धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में शनिवार से पुष्कर मेले का शुभारंभ हो रहा है। 12 साल बाद काशी में इस मेले का आयोजन हो रहा है। जो 22 अप्रैल से शुरू होकर 3 मई तक चलेगा। अनुमान लगाया जा रहा कि देश के अलग-अलग राज्यों से लोग पूजा अर्चना करने काशी पहुंचेंगे, जिसको लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली है।
सरकार के देख रेख में होगा मेले का आयोजन
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो काशी तमिल संगम के बाद गंगा पुष्कर मेले का आयोजन बीजेपी सरकार के लिए बड़ा आयोजन माना जा रहा है। इस पूरे मेले की निगरानी राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव कर रहे हैं। मेले की व्यवस्था और तैयारियों को लेकर उन्होंने वाराणसी प्रशासन के साथ कई बार बैठकर भी की है और काशी के घाट से लेकर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की कवायद भी की जा रही है।
इस विशेष मेले में वाराणसी के मणिकर्णिका घाट केदार घाट ललिता घाट और अस्सी घाट सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलेगी। जिसको लेकर नगर निगम पूरी तरह से अंतिम रूप देने में लग गया है। पुष्कर मेले में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था 20 अप्रैल की शाम को वाराणसी पहुंच गया है।
सुरक्षा और साफ सफाई सहित की गई है अन्य व्यवस्था
इस बड़े आयोजन में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलग-अलग हिस्सों से आ रहे हैं। यहां पर रहने वाले तेलुगु भाषी लोगों की तरफ से इसे पूरे आयोजन की रूपरेखा प्रशासन के साथ मिलकर तैयार की गई है पुष्कर मेले को लेकर पूरे शहर को चार भागों में बांटा गया है। और इस मेले में सुरक्षा साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं के लिए सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी लगाए गए हैं। इसके अलावा वाराणसी के प्रमुख घाटों पर हेल्प टैक्स लगाया जाएगा, ताकि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए की गई है विशेष व्यवस्था
वाराणसी के अस्सी घाट से राजघाट तक 50 से अधिक चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई है। इस मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की व्यवस्था के दृष्टिकोण से शहर के होटल धर्मशाला की सूची तैयार की गई है। शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर इन्हें चस्पा भी कराया गया है। ताकि आने वाली भीड़ इन स्थानों पर जाकर आराम कर सके। इसके अलावा वाराणसी के प्रमुख मंदिरों पर भी व्यवस्थाएं की गई है। जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई असुविधा ना हो।
वाराणसी के इन मंदिरों में दिखेंगी श्रद्धालुओं की भीड़
आयोजकों का कहना है कि वाराणसी में गंगा स्नान, काशी विश्वनाथ मंदिर, विशालाक्षी मंदिर, काल भैरव मंदिर , संकटमोचन, दुर्गा मंदिर सहित वाराणसी के अन्य मंदिरों में दर्शन पूजन का सिलसिला चलता रहेगा । इसके लिए इन मंदिरों में विशेष व्यवस्था की गई है । जिससे यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े।