माफिया अतीक अहमद और उसके अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज में जुडिशियल कस्टडी में हत्या हुई। अब आतंकी संगठन अल-कायदा ने बदला लेने की धमकी दी है। अतीक-अशरफ को ‘शहीद’ बताते हुए कहा है कि हम दोनों के हत्यारों को जिंदा नहीं छोड़ेंगे। आतंकी संगठन की धमकी के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है।
7 पन्नों की मैगजीन में अतीक-अशरफ का जिक्र
यह धमकी अल-कायदा की प्रोपेगैंडा विंग अस-सहाब ने दी है। उसने बकायदा 7 पन्नों की एक मैगजीन रिलीज की। इसमें अतीक-अशरफ की मौत का बदला लेने की बात कही है। इसमें दुनियाभर के मुसलमानों से अपील की गई है कि वह अल्लाह के बताए रास्तों पर चलें। अपने ईमान को मजबूत रखें।
मैगजीन में कहा गया कि दुनिया के किसी भी कोने में जहां मुसलमानों को किसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, उनकी हर हाल में मदद की जाए। पत्र में फिलिस्तीन और इजराइल के साथ कश्मीर का भी जिक्र किया गया है। अल-कायदा ने अतीक और अशरफ का नाम लिए बिना टीवी कैमरों के सामने हत्या की निंदा की है।
अलकायदा द्वारा जारी की गई मैगजीन ।
धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
अतीक-अशरफ की हत्या के बाद मुस्लिम चरमपंथियों में नाराजगी है। फिलहाल, धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट जारी किया गया है। अतीक-अशरफ के हमलावर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह अभी पुलिस रिमांड पर है। SIT ने दोनों को रिमांड पर लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
प्रयागराज में ईद के दिन कड़े सुरक्षा इंतजाम
धमकी के बाद ईद पर प्रयागराज समेत यूपी के कई शहरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जुमे की नमाज के दिन भी शुक्रवार को सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम थे। पैरा मिलिट्री फोर्सेज के साथ अधिकारियों ने संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया
कैसे बना अल कायदा?
अल-कायदा का अरबी में मतलब ‘आधार’ होता है। 1980 के दशक में अफगानिस्तान पर सोवियत संघ का कब्जा था, उस दौर में सोवियत संघ को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए कई संगठन बने। इन संगठनों को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन था। इनमें से एक अल-कायदा भी था। ओसामा बिन लादेन ने इसका गठन किया था। उसे सोवियत संघ के खिलाफ लड़ रहे मुजाहिद्दीनों का भी समर्थन था।
इस वक्त अल-कायदा की क्या स्थिति है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरिया स्थित अल-कायदा की ब्रांच को विरोधियों ने खत्म कर दिया है, वहीं यमन में भी उसकी हालत खराब है। उनका नेता अल-जवाहरी लंबे समय से गायब है। अक्सर उसके मारे जाने की खबरें भी आती रहती हैं। हालांकि सोमालिया और माली में अल-कायदा की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है, वहीं अफगानिस्तान के तालिबान नेताओं से भी अल-कायदा के अच्छे संबंध बताए जाते हैं। कई रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया गया है कि तालिबान के साथ अमेरिका और अफगान सरकार के युद्ध में भी अल-कायदा के लड़ाकों ने तालिबान का साथ दिया है।
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गुड्डू मुस्लिम के नाम से मांगी 20 लाख की रंगदारी
भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी को उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी गुड्डू मुस्लिम के नाम से धमकी भरी चिट्ठी मिली है। इसमें उनसे 20 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई है। रुपए नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। देवेंद्र तिवारी लखनऊ के आलमबाग में रहते हैं। धमकी मिलने के बाद से उन्होंने DGP से शिकायत कर सुरक्षा की मांग की है। पुलिस को दिए शिकायती पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि गुरुवार रात उनकी गाड़ी पर किसी व्यक्ति ने धमकी भरा लेटर चस्पा किया था। जिसमें गुड्डू मुस्लिम के नाम से 20 लाख रुपए की मांग की गई है। यह रकम प्रयागराज लेकर पहुंचने को कहा गया है। रुपए नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है।