माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में SIT ने जांच तेज कर दी है। SIT शनिवार को होटल ‘स्टे इन’ पहुंची। यहीं अतीक के शूटर्स रुके थे। SIT ने होटल की DVR और रजिस्टर को कब्जे में लिया है। सूत्रों के मुताबिक, शूटर्स के दो मोबाइल शुक्रवार को SIT ने इसी होटल से बरामद कर लिए हैं। शुक्रवार को हमलावर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह से दो राउंड में 8 घंटे पूछताछ की। इसमें कई अहम सुराग मिले हैं।
इन मोबाइल को हत्या के लिए जाने से पहले हमलावरों ने होटल में ही छोड़ दिया था। हालांकि, इन मोबाइल से सिम गायब मिले हैं। SIT कड़ी से कड़ी जोड़कर हत्याकांड के मकसद और इसके पीछे के लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
मोबाइल होटल में ही छोड़कर जाने पर SIT ने पूछा कि अतीक-अशरफ के कॉल्विन अस्पताल पहुंचने का कैसे पता चला? जवाब में शूटर्स ने बताया कि हत्याकांड के वक्त बैकअप में 2 लोग और मौजूद थे। एक अस्पताल परिसर में और दूसरा बाहर खड़ा था। इनमें से एक प्रयागराज का रहने वाला है, जबकि दूसरा बाहर का है। हालांकि, यह लोग कौन थे? इस बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।
मोबाइल से मिलेगा कई सवालों के जवाब
SIT अब उन मोबाइल के आधार पर यह पता कर रही है कि इसमें किस नंबर की सिम थी। इसका पता चलने के बाद कॉल डेटा रिकॉर्ड यानी CDR निकाली जाएगी। पुलिस को फोन से इस हत्याकांड के कई सबूत मिलेंगे। माना जा रहा है कि डेटा रिकवर होने के बाद हत्याकांड के पीछे किसका हाथ है? शूटर्स किसके संपर्क में थे? शूटर्स को जिगाना जैसी महंगी पिस्टल किसने दी थी? जैसे बहुत से सवालों के जवाब मिल सकेंगे।
इसके अलावा, पूछताछ में हमलावरों ने जिन-जिन लोकेशन में होने की जानकारी दी है। पुलिस वहां के CCTV भी चेक कर रही है। हालांकि, फुटेज में कुछ मिला या नहीं, इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
जंक्शन के पास एक होटल में रुके थे शूटर्स
SIT सूत्रों के मुताबिक, लवलेश तिवारी ने पूछताछ में बताया कि प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक के पास एक होटल में रुके थे। कमरा किसी और ने बुक कराया था। वह कौन था? SIT इसका पता कर रही है। पुलिस जल्द ही प्रयागराज जंक्शन के अगल-बदल मौजूद होटल में जाकर पूछताछ करेगी।
असद के आईफोन से पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली थीं।
अतीक के बेटे के वॉट्सऐप ग्रुप में शूटर अरुण मौर्य भी जुड़ा था
13 अप्रैल को एनकाउंटर में मारे गए अतीक के बेटे असद ने शेर-ए-अतीक नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था। इसमें 200 सदस्य थे। ये सभी अतीक के करीबी बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस ग्रुप में शूटर अरुण मौर्य भी जुड़ा था। वह असद के संपर्क में था। पुलिस इस बिंदु से भी तीनों से पूछताछ कर रही है।
उमेश पाल मर्डर के ठीक कुछ दिन पहले इस वॉट्सऐप ग्रुप को डिलीट कर दिया गया था। इसमें प्रयागराज के अलावा कौशांबी, फतेहपुर समेत प्रदेश के कई शहरों के युवक भी शामिल थे। इस ग्रुप में अतीक अहमद, उसके बेटे उमर और अली के वीडियो शेयर किए जाते थे। अली का मजीदिया कॉलेज में दिया गया भाषण भी इसमें शेयर किया गया था। असद भी अपनी रील्स इसमें डाला करता था।