10वीं में 89% और 12वीं में 75% छात्र पास:हाईस्कूल में सीतापुर की प्रियांशी, इंटर में महोबा के शुभ ने किया टॉप; लड़कियों का रिजल्ट ओवरऑल 10% बेहतर

KHABREN24 on April 25, 2023

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपी बोर्ड) ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं कक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। 10वीं में कुल 89.78% स्टूडेंट्स पास हुए। छात्रों का पासिंग परसेंट 86.64%, जबकि छात्राओं का 93.34% रहा है। वहीं, 12वीं का कुल रिजल्ट 75.52% रहा है। इसमें 69.34% छात्र और 83% छात्राएं पास हुई है10वीं में सीतापुर की प्रियांशी सोनी ने टॉप किया। उन्होंने 600 में से 590 अंक हासिल किए। 12वीं में महोबा के शुभ छाबड़ा ने टॉप किया। उन्होंने 500 में से 489 अंक हासिल किए। प्रयागराज में शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रिजल्ट अनाउंस किया। हाईस्कूल और इंटर, दोनों ही परीक्षाओं में लड़कियों ने बाजी मारी है। दोनों परीक्षाओं के ओवरऑल एवरेज में लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से 10.18% आगे रहा।

  • चलिए, अब पहले बात 10वीं के रिजल्ट की

प्रयागराज में शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) डॉ. महेंद्र देव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रिजल्ट अनाउंस किया।

हाईस्कूल में 31,06,157 रेगुलर और 10297 प्राइवेट छात्र रजिस्टर्ड थे। इनमें 25,65,176 रेगुलर और 5811 प्राइवेट छात्र पास हुए हैं। छात्राओं का पासिंग परसेंट छात्रों से 6.7% ज्यादा हैं। हाईस्कूल का ये रिजल्ट पिछले 10 सालों में सबसे अच्छा रहा है। अगर पिछले साल यानी 2022 से तुलना की जाए तो स्टूडेंट्स के पासिंग परसेंट में 1.60% की वृद्धि हुई है।

  • अब इंटरमीडिएट की बात…

इंटर में 13.66% छात्राएं ज्यादा सफल
इंटर में पिछले साल की तुलना में 2.73% ज्यादा बच्चे फर्स्ट आए। इंटर में 25,71,002 परीक्षार्थी शामिल हुए। इसमें 14,07,572 छात्र और 11,63,430 छात्राएं हैं। कुल पास 1941717 परीक्षार्थियों में 976059 छात्र हैं, जबकि 965658 छात्राएं हैं। छात्राओं का पासिंग परसेंट छात्रों की तुलना में 13.66% ज्यादा रहा। 12वीं की परीक्षा में 2022 की तुलना में प्रथम श्रेणी में पास होने वाले छात्रों के प्रतिशत में 2.73% की बढ़ोतरी हुई है।

यूपी बोर्ड का दावा- 30 साल में पहली बार पेपर लीक नहीं हुआ
यूपी बोर्ड मुख्यालय प्रयागराज में शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) डॉ. महेंद्र देव ने कहा,”30 सालों में पहली बार हुआ है कि न तो कोई प्रश्नपत्र लीक हुआ और न ही प्रश्नपत्रों की कोई गलत ओपनिंग हुई। जिससे दोबारा परीक्षा नहीं करानी पड़ी। ऐसा पहली बार हुआ कि स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए जिलाधिकारी ने स्टेटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किये। उत्तर पुस्तिकाओं पर पहली बार QR कोड और माध्यमिक शिक्षा परिषद का लोगो लगाया गया।”

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