मिर्जापुर की अहरौरा में अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के क्षेत्रीय प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंह मिक्की निर्दलीय ही चुनावी मैदान में कूद पड़े। भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस ने नगर निकाय में प्रत्याशी नहीं उतारा। तत्कालीन सभासद मिक्की के मैदान में आने से भाजपा प्रत्याशी ओम प्रकाश केशरी के चुनाव में कड़ी टक्कर मिलने की संभावना जताई जा रही है।
मिक्की के चुनावी नामांकन के दौरान चौक बाजार दक्षिणी से विजय केसरी, पटवा टोला से मनोज मोदनवाल को जबरन भाजपा सभासद के लिए टिकट दिया। टिकट मिलने के बाद भी दोनों ने नामांकन नहीं किया। भाजपा अपने गढ़ में प्रत्याशी भी नहीं खड़ा कर पाई है। चौक बाजार दक्षिणी से ही सिद्धार्थ सिंह मिक्की सभासद थे।
अहरौरा नगर पालिका परिषद में 5 वर्ष तक सभासद के रूप में सेवा करते हुए अध्यक्ष गुलाब मौर्य के हर गलत कार्यो का मिक्की विरोध करते रहे। जिसके चलते वह पूरे 5 वर्ष तक जनता की जुबान पर छाए रहे। इतना ही नहीं गलत नीतियों का विरोध करने और सांसद निधि से कई काम कराकर वह जन प्रिय बनते गए। पीएम आवास योजना का भी लोगों को लाभ दिलाया। अपने कृत्य के चलते पालिकाध्यक्ष के लिए सिरदर्द बने सिद्धार्थ भाजपा की मंशा पर पानी फेरने में लगे हैं। केवल वादों से गुमराह हुई जनता भी युवा अध्यक्ष के चाह में मतदान दिवस का इंतजार कर रही है।
पालिकाध्यक्ष के इशारे पर टिकट
चर्चा है कि भाजपा ने तत्कालीन पालिकाध्यक्ष के इशारे पर उनके ही आदमी को टिकट दिया। जिसके चलते नगर 5 साल सिसकता रहा। अब नई बोतल में फिर पुरानी शराब की कहावत चरितार्थ करने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों का मानना है कि सीधे-सादे स्वभाव के ओम प्रकाश केशरी को मोहरा बनाया गया है। इस बार जनता परिवर्तन के मुड में दिख रही हैं। सांसद प्रत्याशी के चुनावी मैदान में आने से लड़ाई सत्ता के केंद्र में बैठे दो दलों के कार्यकर्ताओं के बीच सिमट गई है। वह भी तब जब दोनों दल प्रदेश और केंद्र की सत्ता में हैं। चर्चा है कि मिक्की को प्रचार सामग्री पर अपना दल एस लिखने से परहेज करने को कहा गया है।