उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। प्रदेश की 17 नगर निगम में हुए चुनाव में भाजपा 15 सीटों पर आगे चल रही है। मेरठ और आगरा दो ऐसी सीटें हैं, जहां भाजपा पीछे है। इनमें मेरठ सीट से एआईएमआईएम प्रत्याशी आगे चल रहे हैं तो आगरा में बसपा उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए है।
इस बीच प्रयागराज, गोंडा और गाजीपुर में हुए चुनाव भी चर्चा के केंद्र बिंदु में हैं। अतीक अहमद और अशरफ का पूरा सियासी सफर प्रयागराज में रहा। इसी तरह मुख्तार परिवार का कब्जा गाजीपुर में रहा। वहीं, पहलवानों का विरोध झेल रहे कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण का दबदबा गोंडा में माना जाता है।
ऐसे में आइए जानते हैं इनके इलाके में नगर निकाय चुनाव के क्या नतीजे हैं? अतीक और अशरफ की हत्या के बाद क्या प्रयागराज में समीकरण बदला है? मुख्तार और बृजभूषण के इलाके में क्या स्थिति है?
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या हो गई थी। दोनों को पुलिस कस्टडी में उस वक्त मारा गया, जब उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाया गया था। इस हत्या के बाद खूब राजनीति हुई। सपा, बसपा और कांग्रेस ने कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार को घेरा तो भाजपा ने इसे कुदरत का इंसाफ बताया।
अतीक और अशरफ का प्रयागराज के चकिया, करेली, अटाला, ट्रांसपोर्ट नगर और फूलपुर के इलाकों में काफी दबदबा रहा है। प्रयागराज महापौर प्रत्याशी की बात करें तो अभी भारतीय जनता पार्टी के गणेश केसरवानी आगे चल रहे हैं। सपा के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर हैं। वहीं, पार्षद चुनाव की बात करें तो अभी ट्रांसपोर्ट नगर का रिजल्ट जारी हो चुका है। इसमें भाजपा को जीत मिली है।
मुख्तार अंसारी और उनके पूरे परिवार की राजनीति गाजीपुर और मऊ तक सीमित रही है। गाजीपुर में तीन नगर पालिका और पांच नगर पंचायत हैं। फिलहाल इन सभी सीटों पर कभी भाजपा तो कभी सपा प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। अभी किसी भी सीट के नतीजे घोषित नहीं हुए हैं।
कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह का गोंडा में काफी दबदबा माना जाता है। फिलहाल बृजभूषण पर राष्ट्रीय स्तर की कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इस मामले में दिल्ली में एफआईआर भी हो चुकी है। कई दिनों से पहलवान दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। गोंडा में तीन नगर पालिका हैं तो वहीं चार नगर पंचायत पहले से थे। तीन और नगर पंचायत का इस बार गठन किया गया है और इस तरह सात नगर पंचायत हैं और तीन नगर पालिका हो चुकी है। अभी इनमें से किसी भी सीट का परिणाम घोषित नहीं हुआ है। हालांकि, लड़ाई त्रिस्तरीय बताई जा रही है। कभी भाजपा तो कभी सपा और बसपा प्रत्याशी आगे चल रहे हैं।