भिलाई नगर निगम के वार्ड 66 (सेक्टर 7 पूर्व) से पार्षद कांग्रेस नेता व एमआईसी मेंबर लक्ष्मीपति राजू के जाति को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने जांच के निर्देश दिए हैं। मगर इस जांच को दबा दिया गया है। इस बारे में जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कोई भी जानकारी होने से मना किया है।
इधर, शिकायतकर्ता बी नागेश्वर राव ने शासन से मांग की है कि या तो लक्ष्मीपति राजू के खिलाफ कार्रवाई की जाए, नहीं तो उसकी जाति और समाज के सभी लोगों को ओबीसी कैटेगरी में रखा जाए।
शिकायतकर्ता बी नागेश्वर राव से भास्कर ने खास बातचीत की है।
शिकायतकर्ता बी नागेश्वर राव भिलाई टाउनशिप का रहने वाला है और बिजली विभाग में पदस्थ है। उसका कहना है कि वो और लक्ष्मीपति राजू एक गांव, जाति और समाज के हैं। उन दोनों के बीच ब्लड रिलेशन भी है। उनकी जाति सामान्य वर्ग में आती है, लेकिन राजनीतिक लाभ लेने के लिए लक्ष्मीपति राजू ने गलत ओबीसी जाति का प्रमाणपत्र बनाया और उससे पार्षद चुनाव लड़ा है।
वो लगातार कई बार वार्ड 66 से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उसका मानदेय और भत्ता ले रहा है। इसलिए उसने उस मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग नवा रायपुर अटल नगर में की थी।
आयोग से उप सचिव द्वारा 20 अप्रैल 2023 को जिला निर्वाचन अधिकारी दुर्ग को पत्र लिखा गया, जिसमें निर्देश दिया गया कि लक्ष्मीपति राजू के खिलाफ गलत तरीके से प्रमाणपत्र बनाकर चुनाव जीतने की शिकायत की जांच कर आयोग को अवगत कराया जाए। इस निर्देश के 1 महीने बाद हालत यह है कि जांच तो दूर, कलेक्टर का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी भी पत्र के बारे में जानकारी ही नहीं है। उनका कहना है कि मैं मामले को चेक करवा लेता हूं। उसके बाद इसके बारे में कुछ बता पाऊंगा।
राज्य निर्वाचन आयोग से जांच के लिए लिखा गया है पत्र
पहले भी की शिकायत, पर कार्रवाई नहीं
शिकायतकर्ता बी नागेश्वर राव ने बताया कि उसने 28 मार्च 2023 को राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर राम सिंह को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की थी। इस शिकायत से पहले उसने 12 मार्च 2021, 1 अप्रैल 2021 और 12 मई 2021 को कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत किया। 21 नवंबर 2022 को फिर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की, लेकिन अब तक शिकायत की कोई जांच नहीं की गई।
साल 2005 में लड़ा था ओबीसी कैटेगरी से चुनाव
शिकायतकर्ता का आरोप है कि 2005 में नगर पालिक निगम भिलाई के चुनाव में लक्ष्मीपति राजू ने वार्ड 66 पार्षद पद के लिए दावेदारी की थी। उस समय वो वार्ड ओबीसी रिजर्व था। लक्ष्मीपति राजू ने गलत तरीके से अपने नाम का ओबीसी प्रमाणपत्र तैयार कराया और उसके आधार पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की।
मैं ओबीसी हूं-इसलिए शासन ने बनाया है मेरा प्रमाणपत्र
इस बारे में एमआईसी मेंबर लक्ष्मीपति राजू का कहना है कि मैं ओबीसी वर्ग से हूं। इस बार मैंने चुनाव सामान्य वर्ग से लड़ा है। रही बात बी नागेश्वर राव की तो वो एक आपराधिक प्रवृत्ति का आदमी है। उससे मेरा कोई ब्लड या अन्य संबंध नहीं है। मेरा गांव अलग उसका गांव अलग है। शासन ने मेरा ओबीसी प्रमाणपत्र बनाया है, यदि आगे ओबीसी रिजर्व सीट हुई तो मैं उस वर्ग से भी चुनाव लड़ूंगा।