हर बार लड़के ही गलत नहीं होते हैं। मुझे न्याय चाहिए। प्लीज, आप लोग न्याय दिलाइए। मेरा 10 साल का गहरा रिश्ता था। महिला मित्र और उसके परिवार वालों ने मेरे साथ धोखा किया है। इसे प्रूफ करने के लिए मोबाइल पर लंबी-लंबी चैट है। मोबाइल के गैलरी में कई फोटो के साथ ढेरों सबूत हैं। जो पुलिस को जांच में मिल जाएंगे। अपने माता-पिता और 2 शादीशुदा बहनों से माफी मांगी। घर पर ट्यूशन पढ़ने वाली 2 बच्चियों से भी माफी मांगी।
यह बातें सुसाइड से पहले सत्यम सागर ने लिखी थीं। उसने चार पेज का सुसाइड नोट लिखने के बाद पीएम, सीएम, यूपी पुलिस और सत्या फांउडेशन को टैग किया था। वहीं एक्शन में आई डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक सत्यम सल्फास खा चुका था और कुछ देर में उसकी मौत हो गई।
वाराणसी के घाट पर सत्यम ने ली सेल्फी। – फाइल फोटो
10 जून को महमूरगंज के बैंक ऑफ इंडिया के पास सत्यम ने अपने आफिस में ही सल्फास खा लिया था। वह डाटा एंट्री आपरेटर का काम करता था। तबियत बिगड़ने पर ऑफिस वाले गैलेक्सी अस्पताल गए। वहां से डॉक्टरों ने जवाब दिया, तो फिर BHU के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां पर डॉक्टरों ने सत्यम को मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने बताया कि शाम को 7 बजकर 34 मिनट पर मौत हुई थी। रविवार को सत्यम का पोस्टमार्टम हुआ और देर रात मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इधर, सत्यम के परिजनों में भी काफी गुस्सा है। वे भी उस लड़की के परिजनों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
BHU अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचते ही डॉक्टरों ने सत्यम को मृत घोषित कर दिया।
सल्फास खाने के बाद बोला- तबियत ठीक नहीं लग रही
सत्यम ने अपने ट्वीट में सत्या फाउंडेशन के चेतन उपाध्याय को भी टैग किया था। चेतन ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जानकारी यूपी पुलिस को दी थी। इसके बाद पुलिस ने हमसे एड्रेस पूछा, जिसकी जानकारी हमें नहीं थी। लेकिन, पुलिस ने फोन नंबर की लोकेशन की मदद से सत्यम को ट्रैक किया। हमने सत्यम को कॉल किया तो वह बोला- सर, तबियत ठीक नहीं लग रही है। घबराहट हो रही है। इसके बाद फोन कट जाता है और दोबारा कॉल नहीं उठती है। यहां से उसे लेकर सभी अस्पताल जाते हैं।