प्रभास और कृति सेनन स्टारर फिल्म आदिपुरुष के विवादित डायलॉग्स को लेकर साधु-संतों में खासी नाराजगी है। संतों ने ऐसी फिल्मों पर रोक लगाने की मांग की है। कहा है कि यदि हिंदू देवी और देवताओं का अपमान ऐसे ही होता रहा तो हमें मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
केंद्र सरकार फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाए-रवींद्र पुरी
प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, ”हमारे देवताओं के लिए ऐसे अपमानजनक शब्दों और भाषा का प्रयोग फिल्म आदिपुरुष में किया गया है, जो बर्दाश्त के बाहर है। यह सनातन धर्म और संस्कृति का अपमान है। इसके डायलॉग्स देखकर हमारा खून खौलता है। रामानंद सागर कृत रामायण देखिए। किसी पात्र के लिए उन्होंने कोई मर्यादा नहीं लांघी।
जो चरित्र जैसा है, उसे वैसा ही दिखलाया गया है। आज भी अरुण गोविल भगवान राम के रूप में और दारा सिंह हनुमान के रूप में लोगों के दिलों में बसते हैं। यह सस्ती लोकप्रियता और कमाई के लिए देवी-देवताओं के चरित्र का हनन है। इस पर केंद्र सरकार को त्वरित कार्रवाई करते हुए बैन लगाना चाहिए।”
यह हमारी आस्थाओं के साथ कुठाराघात है-जगद्गुरु वैदेही वल्लभ
जगद्गुरु वैदेही वल्लभ जी महाराज।
श्रीमद् जगत गुरु विजय राम रावल द्वार पीठ और नरसिंह द्वारा खौड़ जोधपुर के पीठाधीश्वर जगद्गुरु वैदेही वल्लभ देवाचार्य का कहना है, ”इस तरह की फिल्में हमारे दिमाग में गलत असर डालती हैं। इसका विरोध होना चाहिए। यह हमारी आस्थाओं के साथ कुठाराघात है। हमारे धर्मग्रंथों का अपमान है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम और भगवान हनुमान के चरित्र के साथ ऐसा खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
यह सनातन धर्म के साथ साजिश है। केंद्र सरकार इस पर बैन लगाए। रामानंद सागर के राम चरित मानस के मानक चरित्रों को ही प्रदर्शित किया जाना चाहिए, जिससे समाज में हमारे अच्छे संस्कारों का विस्तार हो और लोगों की चेतना जागृत हो। केंद्र सरकार से अपेक्षा की जाती है कि इस पर तत्काल रोक लगाए।