साल 2024 में आपका स्वागत है। नए साल में जैसे आपने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किया है ठीक उसी तरह कुछ लक्ष्य आपके शहर के लिए भी रखे गए हैं। ये वो लक्ष्य हैं जिनके पूरा होते ही आपके जीवन में कई परिवर्तन आएंगे। हमने 10 शहरों को चुना। उन 10 शहरों की 10 सबसे चर्चित और प्रभावी योजना को चुना। उससे जुड़ी हर जानकारी हासिल की। यह भी कि उसके शुरू होते ही वहां के व्यक्ति का जीवन कितना बदल जाएगा।
इस वक्त की सबसे चर्चित जगह अयोध्या है इसलिए हमने नए साल की नई सुबह के लिए राम मंदिर को चुना है। यहां के बाद हम उम्मीदों से भरी उपलब्धियों को जानने अलग-अलग शहर चलेंगे। वीडियो ऊपर लगा है आप वहां देख सकते हैं। नीचे हम उन योजनाओं, उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं…
अयोध्याः राम के साथ माता सीता की मूर्ति नहीं होगी
22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। 21 वैदिक और कर्मकांडी ब्राह्मण देश के इस सबसे बड़े धार्मिक अनुष्ठान को 1 मिनट 24 सेकेंड में पूरा करवाएंगे। इसका मुहूर्त काशी के पंडितों ने तय किया है। राम मंदिर के लिए देश की जनता ने दिल खोलकर दान किया। अब तक करीब 5 हजार करोड़ रुपए दान में मिले। इसके अलावा 4 कुतंल चांदी और कई सौ ग्राम सोना दान में मिल चुका है।
राम मंदिर निर्माण अब अपने आखिरी दौर में है।
24 जनवरी से राम मंदिर आम रामभक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। भक्त आसानी से अपने आराध्य का दर्शन कर पाएंगे। मुख्य मंदिर 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा। मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। परिसर के जिस गर्भगृह में रामलला विराजेंगे वहां पहुंचने के लिए 32 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेंगी।
“सबसे खास बात यह है कि जो मूर्ति स्थापित होगी वह उस स्वरूप की होगी, जिसमें भगवान की शादी नहीं हुई है। यानी की मुख्य मंदिर में आपको मां सीता की मूर्ति नजर नहीं आएगी।”
गोरखपुरः पहले के मुकाबले दोगुना होगा एम्स स्टॉफ
गोरखपुर एम्स की नींव 2017 में रखी गई। जल्द ही इसे तैयार भी कर लिया गया। ओपीडी शुरू हो गई लेकिन अब तक यहां स्पेशियलिटी वार्ड नहीं बने थे। इसके चलते लीवर, हार्ट, किडनी और न्यूरो संबंधी बीमारियों का इलाज नहीं हो पाता था। इस साल यहां इन सुविधाओं की शुरुआत हो रही है। इससे पूर्वांचल के उन मरीजों को फायदा होगा जो डायलिसिस जैसी परेशानियां होने पर प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ रुख करते थे।
गोरखपुर एम्स में इस साल 43 अन्य जूनियर डॉक्टर जुड़ जाएंगे। इससे बेहतर इलाज मिल पाएगा।
एम्स प्रशासन इन सुविधाओं को शुरू करने को लेकर नए नियम और गाइडलाइन पर फोकस कर रहा है। इसके लिए रिटायर्ड डॉक्टरों से लेकर नए विशेषज्ञों का चयन किया जाएगा। 25 सीनियर रेजिडेंट एक बॉन्ड के तहत यहां आएंगे। जनवरी में नए सत्र की शुरुआत पर 43 अन्य जूनियर डॉक्टर भी एम्स से जुड़ जाएंगे। अब तक यहां 14 विभागों में 33 जूनियर डॉक्टर हैं जो यहीं पढ़ाई भी कर रहे और इलाज भी।
वाराणसीः 7 फ्लोर का स्वर्वेद महामंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन स्थल
भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी के लिए उमरहा का स्वर्वेद महामंदिर इस साल महत्वपूर्ण साबित होगा। 18 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका उद्धाटन किया। 35 करोड़ रुपए की लागत से यह मंदिर तैयार हुआ। यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर है। यहां एक साथ 20 हजार से ज्यादा लोग मेडिटेशन कर पाएंगे।
इस मंदिर में एक साथ 20 हजार लोग मेडिटेशन कर सकते हैं।
मंदिर की दीवारों में शानदार नक्कासी की गई है। 64 हजार स्क्वायर फिट में बनाए गए इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 3,137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं। कमल के आकार का गुंबद बना है। इसकी 125 पंखुड़ियां लोगों का मन मोह लेती हैं। इस साल काशी आने वाले लोग बड़ी संख्या में स्वर्वेद महामंदिर पहुंच रहे हैं।
प्रयागराजः मेरठ से प्रयागराज आने में अब सिर्फ 8 घंटे लगेंगे
यूपी का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे 2024 में तैयार हो जाएगा। मेरठ से शुरू होने वाला एक्सप्रेस-वे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज में खत्म होगा। इसकी कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी। 36 हजार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है। इसके निर्माण होने के बाद मेरठ से 8 घंटे में प्रयागराज पहुंचा जा सकेगा।
इस एक्सप्रेस-वे की खासियत यह है कि यहां गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे से चल पाएंगी। शुरुआत में यह 6 लेन का होगा, लेकिन जरूरत पड़ने पर 8 लेन किया जा सकेगा। शाहजहांपुर के पास एयर स्ट्रीप बनाई जाएगी। कभी जरूरत पड़ी तो यहां हेलिकॉप्टर व प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग कराई जा सकती है।
लखनऊः ट्रेन पकड़ने के लिए पहले फ्लोर पर जाना होगा
लखनऊ में गोमतीनगर रेलवे स्टेशन को हाईटेक बनाया जा रहा है। इस स्टेशन को डिजाइन एशिया के जाने-माने आर्किटेक्ट दीक्षू कुकरेजा ने किया है। 40 एकड़ भूमि में 20 एकड़ पर स्टेशन का निर्माण होगा। बिल्डिंग को दो भागों में बांटा जाएगा, एक नॉर्थ और दूसरा साउथ। नॉर्थ बिल्डिंग में मुख्य स्टेशन होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में करीब 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
इस हाईटेक स्टेशन को दीक्षू कुकरेजा ने डिजाइन किया है।
इसी स्टेशन में दो रिटेल मॉल खोले जाने की तैयारी है। इसके अतिरिक्त भी दुकानें होगीं। स्टेशन दो फ्लोर में बांटा जाएगा। जो ट्रेनें आएंगी, उसके यात्री नीचे उतरेंगे। लेकिन जिन्हें यहीं से ट्रेन पकड़ना है, वह पहले फ्लोर से ट्रेन में बैठ पाएंगे। वहां तक यात्री अपनी कार से भी पहुंच जाएंगे। इसके निर्माण के बाद चारबाग पर ट्रेनों का भार कम होगा, यात्रियों को भी सहुलियत मिलेगी। इस साल इसके पूरा होने की संभावना है।
कानपुरः जिले में बिजली का इतना उत्पादन कि पड़ोसी जिले जगमगा जाएंगे
कानपुर नगर ताप विद्युत परियोजना के तहत 2024 में यहां से 2640 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। पनकी थर्मल पॉवर प्लांट की 660 मेगावाट इकाई से तो जनवरी में ही उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके बाद घाटमपुर और नेयवेली लिग्नाइट थर्मल पॉवर प्लांट भी जल्द शुरू हो जाएगा। इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी बीएचईएल के पास है। कोरोना के चलते योजना वक्त पर नहीं पूरी हो पाई, लेकिन जैसे ही महामारी पीछे हटी, काम तेजी से शुरू हो गया।
इस पूरी योजना की शुरुआत 8 मार्च 2019 को पीएम मोदी ने रखी थी। उस वक्त इसकी लागत 5816 करोड़ रुपए थी। इस योजना के पूरा होने के बाद न सिर्फ कानपुर बल्कि आसपास के जिलों का बिजली संकट खत्म हो जाएगा।
आगराः यूपी का पांचवा जिला, जहां शुरू होगी मेट्रो सुविधा
ताज नगरी आगरा को 2024 में अपना मेट्रो मिल जाएगा। शुरुआत में यह इस साल के अगस्त महीने तक पूरा हो रहा था लेकिन अब फरवरी में ही बनकर तैयार हो जाएगा। यहां चलने वाली मेट्रो ट्रेनें रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हैं। कॉर्बन डाई ऑक्साइड आधारित सेंसर लगे हैं। इसका फायदा यह होगा कि इससे 35% तक एनर्जी बचेगी।
ट्रेन में 974 यात्री सफर कर सकेंगे। हर कोच में 56 USB चार्जिंग प्वाइंट्स भी होंगे।
यूपी में यह पांचवा जिला है जहां मेट्रो की शुरुआत होगी। इसके पहले नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर में मेट्रो चल रही है। इसी साल संभावना है कि मेरठ में भी मेट्रो स्टेशन शुरू हो जाए। आगरा मेट्रो की अनुमानित लागत 8,379.62 करोड़ रुपए है। इस प्रोजेक्ट में दो मेट्रो कॉरिडोर शामिल है, जो कलेक्टिवली 29.4 किलोमीटर की दूरी तक फैला है।
अलीगढ़ः स्टेट यूनिवर्सिटी से बदल जाएगी 395 कॉलेजों की दशा
अलीगढ़ में इस साल राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय की शुरुआत हो जाएगी। 2019 में सीएम योगी ने इसे बनवाने की बात कही थी। सितंबर 2021 में नरेंद्र मोदी ने इस यूनिवर्सिटी की नींव रख दी। इसके बाद इसे तेजी से बनाया जाने लगा। करीब 100 करोड़ की कीमत से तैयार हो रही यूनिवर्सिटी का उद्धाटन पीएम मोदी कर सकते हैं।
यह उस वक्त की तस्वीर है जब पीएम ने यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया था।
इस यूनिवर्सिटी के तैयार होने के बाद युवाओं को बड़ी राहत मिलने वाली है। न सिर्फ अलीगढ़ बल्कि पड़ोसी जिले हाथरस, कासगंज, एटा के करीब 395 कॉलेज इस स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्ध हो जाएंगे।
मथुराः जिसे घाटे में दिखाकर बंद किया वह मील खुलने वाली है
मथुरा के छाता में करीब 15 सालों से बंद शुगर मील को इस साल दोबारा शुरू किया जाएगा। योगी सरकार इसे लेकर गंभीर है। यहां करीब सवा लाख किसान 44 हजार एकड़ से अधिक में गन्ने की खेती करते हैं। अब इसे वह बढ़ाकर 1 लाख एकड़ तक ले जाने की तैयारी में हैं ताकि मील को गन्ना अधिक मिल सके। मिल में डिस्टलरी, लॉजिस्टिक हब और वेयरहाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। डिस्टलरी से एथेनाल बनाया जाएगा। इसका बायोफ्यूल बनाने में उपयोग किया जाएगा।
शुगर मिल शुरू होने से लाखों किसानों का भला होगा।
मील जब शुरू होगी तो यहां प्रशिक्षित सीनियर स्टॉफ रखा जाएगा। यह बाहरी भी हो सकता है लेकिन जो सहयोगी कर्मियों की भर्ती होगी, वह ज्यादातर लोकल लेवल पर ही होगी। ऐसा करने पर यहां के लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
नोएडाः इस साल शुरू हो जाएगा देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट
गौतमबुद्धनगर के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस साल से शुरू हो जाएगा। मार्च 2024 में पहली फ्लाइट के शुरू होने की संभावना है। 60 एकड़ जमीन पर एयरपोर्ट के कॉमर्शियल का काम होना है। जबकि इतनी ही जमीन पर होटल व मॉल बनाया जाएगा। रन-वे की लंबाई 3900 मीटर और चौड़ाई को 45 मीटर रखा गया है
तैयार होने के बाद जेवर एयरपोर्ट ऐसा दिखाई देगा।
इस एयरपोर्ट को 4 चरणों में बनाया जा रहा है। पहले चरण में लगभग 5,730 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। इसमें एक टर्मिनल बिल्डिंग और एक रनवे होगा। एयरपोर्ट का आखिरी व चौथा चरण 2040 तक पूरा होगा। उस वक्त यहां यात्रियों की क्षमता 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी। अभी इतनी क्षमता दिल्ली का इंदिरा गांधी एयरपोर्ट संभालता है।