प्रयागराज में लंबे समय से चल रहे अवैध नशीली दवाइयों के कारोबार का खुलासा किया गया है। दिल्ली से आई नारकोटिक्स टीम ने शुक्रवार को यह कार्रवाई की है। यहां करीब एक करोड़ रुपए की अवैध नशीली दवाइयां बरामद की गई है।
यह फर्म सोहबतियाबाग इलाके में मेसर्स वीके इंटरप्राइजेज के नाम से चल रहा था। पिछले कुछ दिन पहले ही इसकी शिकायत सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स नई दिल्ली से की गई थी। इसकी शिकायत पर नारकोटिक्स के एसपी सिंह ने अपनी टीम दिल्ली से प्रयागराज भेजा और गोपनीय रूप से छापेमारी की।
फर्म संचालक विपुल तिवारी को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया गया है। बताते हैं कि लंबे समय से वह बाजार में यह नशीली दवाइयों की सप्लाई करता था। टीम में इंस्पेक्टर प्रवीण धुल, उप निरीक्षक गौरव शर्मा, दीपेंद्र कुमार व प्रयागराज के ड्रग इंस्पेक्टर संतोष कुमार पटेल भी शामिल रहे।
यह विपुल तिवारी है जो इस तरह की नशीली दवा का व्यापार कर रहा था।
डॉक्टरों की फर्जी बिल से मंगाता था दवाइयां
नारकोटिक्स की टीम ने जब छापेमारी की तो पता चला कि फर्म संचालक शहर के कुछ डॉक्टरों के नाम से फर्जी बिल व पर्चा बनाकर दवाइयां मंगाता था और उसे बेचता था। इस बड़ी कार्रवाई के बाद अब यह भी खुलासा हाे सकेगा कि किस मेडिकल स्टोर पर इस तरह की अवैध नकली नशीली दवाइयों की बिक्री की जाती थी।
इस छापेमारी और कार्रवाई के बाद कई मेडिकल स्टोर संचालकों में भी खलबली मची है। क्योंकि फर्म संचालक दवाइयां सीधे लोगों को नहीं बेचता था। वह सस्ते दामों में मेडिकल स्टोर संचालकों को देता था। जिसे मेडिकल स्टोर वाले महंगे दामों पर लोगों को बेचते थे।
पकड़ी गई हैं यह दवाईयां
केटामाइन 6273 बोतल, ट्रामाडोल टेबलेट 4530, ट्रामाडोल कैप्सूल 113616, ट्रामाडोल इंजेक्शन 12150, अल्प्राजोलम टेबलेट 136200, डाइजेपाम टैबलेट 8600, डाइजेपाम इंजेक्शन 1200, क्लोनाज़ेपाम टैबलेट 8550, क्लोर्डियाजेपॉक्साइड टैबलेट 300, लोराजेपाम इंजेक्शन 3910 नाइट्राजेपाम टैबलेट 4100, कोडीन फास्फेट टैबलेट 150, कोडीन फास्फेट सिरप 890 बोतल, एटिजोलम टैबलेट 200 क्लोबजम टैबलेट 3200, पेंटाजोसाइन इंजेक्शन 26890, ब्यूप्रेनोफिर्न इंजेक्शन 1225, ब्यूप्रेनोफिर्न पैच 12, फेंटनेट पैच 309, फेंटनेल शीशी व इंजेक्शन, 2817, ओपियम टैबलेट 225, मिडाजोलम शीशी 325, माफिर्न स्लफेट इंजेक्शन 140 और मॉफिर्न टैबलेट 660 बरामद किया गया है।