दो साल पहले कानपुर की सीसामऊ सीट पर सपा और प्रयागराज की फूलपुर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज कराई। सीसामऊ में भाजपा ने पिछले रिकॉर्ड को खंगाला और गुणा-भाग करके सुरेश अवस्थी को टिकट दिया। सपा ने जेल में बंद पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया।
फूलपुर में भाजपा ने चौथी बार पटेल समीकरण साधा और दीपक पटेल को चुनावी मैदान में उतारा। यहां सपा ने पिछले तीन चुनाव का गणित बैठाते हुए मुस्लिम कार्ड खेला। मुस्तफा सिद्दीकी पर दोबारा भरोसा जताया।
अब सियासी समीकरण के मुताबिक, सीसामऊ में संवेदना और जातीय समीकरण के बीच मुकाबला दिख रहा है। फिलहाल, संवेदनाओं के सहारे नसीम सोलंकी मजबूत दिख रही हैं। इस मुस्लिम बहुल सीट पर उनके आंसू वोटर को कनेक्ट कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने अगर अपना भितरघात रोक लिया। तो जातीय समीकरण पार्टी के पक्ष में माहौल बना सकते हैं।
फूलपुर में भाजपा मजबूत स्थिति में दिख रही है। यहां पटेल वोटर के साथ-साथ मौर्य भाजपा की तरफ शिफ्ट होते दिख रहे हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन में टकराव की स्थिति है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने गठबंधन के खिलाफ जाते हुए नामांकन दाखिल किया। इसका प्रभाव भी देखने को मिला।
सीसामऊ और फूलपुर सीट पर क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं? क्या यहां बड़ा उलटफेर होगा? अभी हवा का रुख क्या है? ये जानने दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची।
सबसे पहले बात करते हैं सीसामऊ सीट की…
तिहास अब पुरानी बात हो गई भाजपा में टिकट के लिए होड़ मच गई। ऐसी होड़ कि भाजपा को सबसे बाद में प्रत्याशी घोषित करना पड़ा। मुहर सुरेश अवस्थी के नाम लगी। कहा जा रहा है कि जो रेस में थे, वो और उनके समर्थक नाराज हैं।
लोग प्रत्याशियों और पार्टी पर चर्चा कर रहे हैं। भाजपा-सपा के अलावा, बसपा और आजाद समाज पार्टी के नेता-कार्यकर्ता प्रचार में जुट गए हैं।