वाराणसी में मां अन्नपूर्णा के दरबार में स्थित स्वर्ण प्रतिमा कक्ष का द्वार खुल चुका है। मंदिर के छोटे से कमरे में विराजमान देवी के दर्शन की उत्सुकता ऐसी कि हर कोई नजर भर कर देख लेना चाह रहा है। भीड़ का दबाव इतना कि बस देवी की एक झलक ही मिला पा रही है। दर्शन पूजन का सिलसिला अभी 2 नम्वबर तक चलेगा। देश के साथ साथ विदेश से भी भक्त माता का एक झलक पाने और प्रसाद स्वरूप खजाना लेने पहुंच रहे हैं।
गोस्वामी शंकरपुरी महाराज आठवें महंत के रूप में तीसरी बार गद्दी पर विराजमान हो खजाना वितरित कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने माता के स्वर्ण विग्रह और खजाने का विधान पूर्वक पूजन किया। मंदिर अर्चक सत्यनारायण क़े आचार्यत्व में पांच ब्राह्मणों ने सवा घंटे तक पूजन कराया। महंत ने भगवती अन्नपूर्णा की आरती उतारी। इसके उपरांत भोर में 4:50 बजे भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए।
रात से लग गई थी भक्तों की कतार
दूसरे दिन दर्शन करने के लिए रात्रि दस बजे से बांसफाटक से गोदौलिया तक बैरिकेडिंग में भक्तों की कतार लगी शुरू हो गई । कतार में सबसे पहले जगह ग्रहण करने वाले भक्तों के जत्थे को सबसे पहले स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन मिले। मां के दर्शन और खजाना की चाहत में जुटे आस्थावानों की भीड़ को नियंत्रित करने में मंदिर परिवार के स्वयंसेवकों और पुलिस बल के पसीने छूट गए।
महंत द्वारा भक्तों को खजाने में लावा और सिक्का दिया जा रहा।
दक्षिण भारतीयों की खास मौजूदगी
दक्षिण भारत से हजारों की संख्या में भक्त तीन दिन पहले काशी पहुंचे चुके थे। दोपहर बाद दशाश्वमेध मार्ग तक लगी कतार में दक्षिण भारतीय भक्तों की मौजूदगी खास रूप से देखी जा सकती थी। रात्रि 11 बजे मंदिर बंद होने तक दो लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके थे। वाराणसी में अन्नपूर्णा मंदिर में भक्तों के दर्शन लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए। व्यवस्था का जायजा लेने के लिए खुद वाराणसी के कमिश्नर मौके पर पहुंचे। मंदिर में बनाए गए कंट्रोल रूम के माध्यम से स्थिति पर लगातार नजर रखी गई।
मंदिर के बाहर भक्तों की दिखी लम्बी लाइन।
पहली बार भक्तों को मिलेगा 5 दिन माता का दर्शन
मंदिर के महंत शंकर पुरी का कहना है, कि माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन अद्भुत होता है। सबसे बड़ी बात यह है, कि इस दर्शन की शुरुआत कब हुई, यह किसी को भी नहीं पता लेकिन, अनादि काल से माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन धनतेरस से लेकर भाई दूज तक यानी सिर्फ चार दिन के लिए होता है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल भी परिवार संग पहुंचे माता का आशीर्वाद लेने।
लेकिन, यह पहला मौका होगा, जब माता अन्नपूर्णा के दर्शन का लाभ 5 दिनों तक मिलेगा। क्योंकि इस बार दीपावली को लेकर एक दिन का भ्रमण हो गया है। 31 और 1 तारीख दोनों को अमावस्या का मान है। 1 तारीख को भी मंदिर खुला रहेगा। भक्तों को पांच दिन यानी 5 दिन दर्शन का लाभ मिलेगा। भाई दूज वाले दिन भक्तों के लिए दर्शन बंद हो जाएगा।