सेहतनामा- छोटे बच्चों को HMPV से क्यों ज्यादा खतरा?:डॉक्टर कह रहे पैनिक न करें, घर पर छोटे बच्चे हैं तो बरतें ये 10 सावधानियां

KHABREN24 on January 8, 2025
सेहतनामा- छोटे बच्चों को HMPV से क्यों ज्यादा खतरा?:डॉक्टर कह रहे पैनिक न करें, घर पर छोटे बच्चे हैं तो बरतें ये 10 सावधानियां

चीन में तबाही मचा रहे कोरोना जैसे HMPV वायरस के भारत में 8 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 6 मामले एक साल से कम उम्र के बच्चों में यानी शिशुओं में देखने को मिले हैं। जबकि अन्य दो मामलों में बच्चों की उम्र 7 साल और 13 साल है।

इस रेस्पिरेटरी डिजीज के लक्षण सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे ही हैं। हालांकि, कुछ मामलों में इसके लक्षण ब्रोंकाइटिस और निमोनिया में भी बदल सकते हैं। इसका सबसे ज्यादा खतरा शिशुओं, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को है।

चीन में बढ़ते मामलों को देखकर भारत सरकार इसे लेकर सतर्क हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने HMPV वायरस की समीक्षा करने के बाद राज्यों को दिशा–निर्देश जारी किए हैं। उन्हें इंफ्लुएंजा और रेस्पिरेटरी डिजीज पर निगरानी बढ़ाने को कहा है।

इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में जानेंगे कि HMPV वायरस से बच्चों को कितना खतरा है। साथ ही जानेंगे कि-

  • बच्चों में किन लक्षणों पर सतर्कता बरतनी है?
  • क्या HMPV वायरस जानलेवा हो सकता है?
  • पेरेंट्स को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

एक्सपर्ट:

  • डॉ. आर.डी. श्रीवास्तव, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक्स, नियोनेटोलॉजी, दिल्ली
  • डॉ. अंकित बंसल, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड इन्फेक्शियस डिजीज, दिल्ली

नवजात शिशुओं को ज्यादा जोखिम

नियोनेटोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिशियन डॉ. आर. डी. श्रीवास्तव कहते हैं कि पूरी दुनिया के आंकड़े देखें तो HMPV वायरस के सबसे ज्यादा मामले 4 से 6 महीने के बच्चों में मिल रहे हैं। भारत में भी ज्यादातर मामले 1 साल कम उम्र के बच्चों में देखने को मिले हैं।

चीन में वयस्कों में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इनमें कमजोर इम्यूनिटी सबसे बड़ा फैक्टर है।

बच्चों में फ्लू जैसे लक्षणों को न करें इग्नोर

HMPV वायरस का इन्फेक्शन होने पर सामान्य वायरल जैसे लक्षण ही दिखते हैं। इसलिए छोटे बच्चों को जुकाम और बुखार होता है तो इसे इग्नोर न करें। डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें। अगर बच्चों के सांस लेने में घरघराहट सुनाई दे रही है तो यह HMPV इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है। इसके अलावा और कैसे लक्षण दिख सकते हैं

ठंड बढ़ने पर बढ़ती हैं श्वसन संबंधी बीमारियां

‘जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, ठंड के मौसम में दूसरे मौसम की तुलना में रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के ज्यादा मामले सामने आते हैं। इसलिए HMPV के सामान्य फ्लू जैसे लक्षणों पर पैनिक न करें। हालांकि, इसे इग्नोर करना भी ठीक नहीं है। इसलिए डॉक्टर से एक बार कंसल्ट जरूर करें। बेहतर यह होगा कि इससे बचाव का प्रयास करें।

बीमारी की दवा नहीं, बचाव ही मूल मंत्र

HMPV वायरस से लड़ने के लिए अभी तक कोई एंटीबायोटिक या एंटीवायरल दवा तैयार नहीं की गई है। इसके लिए कोई वैक्सीन भी नहीं विकसित की गई है। ऐसे में बचाव ही इस वायरस से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है। अगर घर में छोटा बच्चा है तो हमें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

Shree Shyam Fancy
Balaji Surgical
S. R. HOSPITAL
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