महाकुंभ अग्निकांड, 10 हिरासत में, 117 से पूछताछ:NIA-ATS के रडार पर 1000 संदिग्ध, इनमें 90% गैर हिंदू; खालिस्तानी आतंकियों ने जिम्मेदारी ली थी

KHABREN24 on January 22, 2025
महाकुंभ अग्निकांड, 10 हिरासत में, 117 से पूछताछ:NIA-ATS के रडार पर 1000 संदिग्ध, इनमें 90% गैर हिंदू; खालिस्तानी आतंकियों ने जिम्मेदारी ली थी

प्रयागराज महाकुंभ मेले में 19 जनवरी को लगी आग की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने ली है। इसके बाद यूपी ATS और NIA अलर्ट हो गई हैं। अब एजेंसियां अग्निकांड में आतंकी कनेक्शन तलाश रही हैं।

एजेंसियों ने 1000 संदिग्ध लोगों का मोबाइल नंबर, सोशल मीडिया अकाउंट ट्रेस किया है। सबको नोटिस भी भेजा है। इनमें से 117 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। ये सभी घटना के वक्त महाकुंभ के आसपास मौजूद थे। इनमें से 90 फीसदी लोग गैर हिंदू समुदाय के हैं।

सूत्रों के मुताबिक, ATS ने वाराणसी से 10 लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि इसकी ऑफिशियल पुष्टि नहीं हुई है। इसके अलावा, ATS ने मेला क्षेत्र के 600 CCTV खंगाले हैं। इन फुटेज को फिल्टर किया है। इसमें कुछ संदिग्ध दिखाई दिए हैं। इनकी शिनाख्त के लिए 8 टीमों को लगाया गया है। ATS ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार जैसे कई राज्यों की पुलिस को संदिग्धों के इनपुट भेजे हैं।

कैसे सर्च किए संदिग्ध अकाउंट ATS की IT ‌विंग ने सोशल मीडिया पर प्रयागराज, महाकुंभ और गैर-हिंदू समुदाय के टाइटल डालकर सर्च किया। इस दौरान ऐसे 1000 लोग सामने आए, जिन्होंने 19 जनवरी को कुंभ क्षेत्र के वीडियो पोस्ट किए। कुंभ की लोकेशन बताई और वहां होने वाली गतिविधियां दिखाईं।

इसी आधार पर प्रदेशभर में ऐसे लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है। अलग-अलग जिलों में ATS इन लोगों से पूछताछ कर रही है। जिनसे पूछताछ हो चुकी है, उन्हें शहर न छोड़ने को कहा गया है। किसी प्रकार की संदिग्धता होने पर उन्हें फिर से बुलाया जाएगा।

ATS द्वारा जारी की गई नोटिस।

ATS द्वारा जारी की गई नोटिस।

वाराणसी में NSUI नेता के बेटे से 3 घंटे पूछताछ वाराणसी ATS ने जैतपुरा के अमानतुल्लाह निवासी NSUI नेता शाहिद जमाल के पुत्र सिराजुद्दीन को नोटिस जारी किया था। सोमवार को उसे अशोक विहार कॉलोनी स्थित ATS कार्यालय बुलाया। उससे तीन घंटे तक पूछताछ की गई। सिराजुद्दीन 19 जनवरी को महाकुंभ मेला क्षेत्र में था। सोशल मीडिया पर लाइव होकर वहां के बारे में जानकारी दी थी।

डिप्टी CM बोले- जांच की जा रही

डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने कहा- अग्निकांड की जांच कराई जा रही है।

आतंकवादी संगठन के दावे पर डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने दैनिक भास्कर से कहा- आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। इसके बाद ही मामला स्पष्ट होगा। समय रहते बता देंगे।

19 जनवरी को लगी थी आग, 180 कॉटेज जले थे

19 जनवरी को महाकुंभ मेले के सेक्टर-19 में आग लगी थी।

महाकुंभ के मेला क्षेत्र में 19 जनवरी को शाम करीब साढ़े चार बजे आग लग गई थी। शास्त्री ब्रिज के पास सेक्टर 19 में गीता प्रेस के कैंप में ये आग लगी थी। गीता प्रेस के 180 कॉटेज आग में जल गए थे। महाकुंभ प्रशासन के अनुसार, गीता प्रेस की रसोई में छोटे सिलेंडर से चाय बनाते समय गैस लीक होने के कारण आग लगी थी। आग लगने से रसोई में रखे 2 गैस सिलेंडर ब्लास्ट हुए थे। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई थी।

आतंकी संगठन ने कहा- यह पीलीभीत एनकाउंटर का बदला मंगलवार को आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने मीडिया संस्थानों को ई-मेल भेजा। इसमें दावा किया कि महाकुंभ में ब्लास्ट कराया। यह पीलीभीत एनकाउंटर का बदला है। इसका उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था। यह सिर्फ UP के CM के लिए एक अलर्ट है। यह अभी शुरुआत है। ई-मेल में फतेह सिंह बागी का नाम लिखा है। हालांकि यूपी पुलिस ने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के दावे को नकार दिया है।

जानिए फतेह सिंह बागी के बारे में एनकाउंटर में शामिल खालिस्तानी आतंकियों का हैंडलर फतेह सिंह बागी, तरनतारन का रहने वाला है। बागी पढ़ाई के लिए विदेश चला गया था। उसके पिता जोगिंदर सिंह और उसके दादा दोनों भारतीय सेना में थे। वहीं, बागी का बड़ा भाई गुरजीत सिंह अभी भी भारतीय सेना में है और राजस्थान में उसकी तैनाती है।

जोगिंदर सिंह ने मीडिया से कहा था कि जगजीत सिंह उर्फ फतेह सिंह बागी को दस साल हो गए हैं, वो विदेश में ही रह रहा है। वह सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का डिप्लोमा करने यूके गया था। करीब 8 साल पहले दूसरी जाति में शादी करने के बाद उसे परिवार द्वारा बेदखल कर दिया गया था। वह यूके आर्मी में भर्ती हो गया। लड़ाई के लिए अफगानिस्तान भी गया था।

फतेह सिंह बागी की फाइल फोटो।

फतेह सिंह बागी की फाइल फोटो।

पीलीभीत एनकाउंटर एक महीने पहले हुआ था पीलीभीत एनकाउंटर 23 दिसंबर को हुआ था। पीलीभीत पुलिस ने 3 खालिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था। ये पंजाब की एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड अटैक के आरोपी थे। तीनों भागकर पीलीभीत में रह रहे थे। यूपी पुलिस ने यह कार्रवाई पंजाब पुलिस के इनपुट पर की थी

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