राम मंदिर में साढ़े तीन किमी लंबी बाउंड्री वॉल बनाई जा रही है। सोमवार को स्वायल टेस्ट (जमीन का परीक्षण) के बाद पाइलिंग शुरू हुई। करीब 500 से अधिक पिलर डालकर 14 फीट चौड़ी दीवार बनाई जाएगी। यह बाउंड्री वॉल केवल संरचना नहीं, बल्कि सुरक्षा कवच भी होगी।
इस बाउंड्री वॉल में सीसीटीवी कैमरे, 24 से अधिक वॉच टावर और आधुनिक सेंसर लगाए जाएंगे। किसी संदिग्ध गतिविधि पर अलार्म सीधे कंट्रोल रूम तक पहुंचाएगा। बाउंड्री की ऊंचाई 30 फीट होगी। जिसमें 10 फीट जमीन के भीतर और 20 फीट ऊपर होगी।
इसके साथ ही गश्ती दल के लिए 20 फीट चौड़ी सड़क भी बनाई जा रही है। अनुमान है कि इस सुरक्षा दीवार को पूरा करने में करीब एक साल का समय लगेगा।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण से पहले नींव की मजबूती को परखने के लिए खास परीक्षण किया गया था।
मंदिर के निर्माण से पहले नींव की मजबूती को परखा गया था
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण से पहले नींव की मजबूती को परखने के लिए खास परीक्षण किया गया था। मंदिर परिसर में सौ मीटर लंबाई में बराबर दूरी पर 3 पिलर बनाए गए थे।
यह पिलर सतह से 50 फीट गहराई में डाले गए थे। इन पर सात-सात सौ टन भार डालकर ताकत का परीक्षण किया गया। इस दौरान बीच का पिलर बलुई मिट्टी के कारण धंसकर तिरछा हो गया।
इसके बाद सीएसआईआर की जियोफिजिकल टीम ने दोबारा सर्वे किया और उनकी सलाह पर 50 फीट गहराई तक दो लाख घन फुट मिट्टी निकालकर चट्टाननुमा आधार तैयार किया गया। फिर उसके ऊपर 2020 में भूमि पूजन के बाद निर्माण शुरू हुआ।
एक आधुनिक संग्रहालय की योजना तैयार की गई है। इसमें 7-डी तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जो भारत में पहली बार होगा।
संग्रहालय मार्च 2026 तक होगा तैयार
नृपेंद्र मिश्र ने बताया- राम मंदिर आंदोलन से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों, घटनाओं और आंदोलनकारियों की भूमिका को दर्शाने के लिए एक आधुनिक संग्रहालय की योजना तैयार की गई है। इसमें 7-डी तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जो भारत में पहली बार होगा।
इस तकनीक की मदद से श्रद्धालु हनुमान जी के जीवन चरित्र और अयोध्या के वैभवशाली इतिहास को जीवंत अनुभव कर सकेंगे। तीर्थ क्षेत्र 70 एकड़ परिसर के विकास के लिए समर्पित है, जबकि राज्य सरकार सम्पूर्ण अयोध्या को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक संग्रहालय श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाए।
राम मंदिर में लग रही तीन लिफ्टें, बुजुर्ग व दिव्यांगों को मिलेगी सुविधा
अयोध्या के राम मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीन लिफ्टें लगाई जा रही हैं। इनमें एक लिफ्ट उत्तर दिशा में वीवीआईपी श्रद्धालुओं के लिए है, जो बनकर तैयार हो चुकी है और अगले एक-दो दिनों में ट्रायल होगा। वहीं, पश्चिम दिशा में लग रही दो लिफ्टें वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए हैं, जिन्हें तैयार होने में करीब सप्ताह भर का समय लगेगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि पश्चिम की लिफ्टें सीधे प्रथम तल पर कॉरिडोर में खुलेंगी, जिससे श्रद्धालु आसानी से राम दरबार पहुंचकर दर्शन कर सकेंगे। प्रत्येक लिफ्ट में 24 श्रद्धालुओं की क्षमता होगी और ये बेसमेंट से ग्राउंड फ्लोर तक संचालित होंगी। भविष्य में वीवीआईपी प्रवेश उत्तरी द्वार ‘आदिगुरु माधवाचार्य द्वार’ से होगा।
करीब साढ़े तीन किमी लंबी बाउंड्री बनाने की प्रक्रिया शुरू।
1400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके
अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम मंदिर निर्माण में अब तक करीब 1400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जिनमें से 1100 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके साथ ही मंदिर परिसर में बनने वाले म्यूजियम की 20 गैलरियों का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 200 करोड़ रुपए की आएगी। इन गैलरियों में रामायण काल से लेकर मंदिर आंदोलन तक की झलकियां दिखाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जा चुके हैं और अब इन्हें स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू होगी। सुरक्षा इंतजाम इतने पुख्ता होंगे कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को पूरी तरह सुरक्षित वातावरण मिल सके।