यूपी में भूमाफियाओं ने बेशकीमती जमीनों पर सेफ रास्ते के जरिए कब्जा करना शुरू कर दिया है। इसके लिए भू-माफिया कागजों पर मृतकों को जीवित कर अपने नाम रजिस्ट्री करने का खेल शुरू किया है। प्रयागराज में पिछले तीन महीनों में इस प्रकार के तीन मामले सामने आये हैं। वहीं इस प्रकार के फर्जीवाड़े की शिकायत पीड़ित पक्ष की ओर से मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी की गई है। एसएसपी शैलेश कुमार पांडे ने बताया की तीनों मामलों की जांच चल रही है जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी
केस-1
26 साल पहले मृत ब्रहम किशोर को जीवित दिखा रजिस्ट्री कराई अपने नाम
यह तस्वीर बुजुर्ग ब्रहम किशोर श्रीवास्तव की है, इनका कहना है कि तहसील के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की भी जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सोरांव तहसील में जुलाई में भू-माफियाओं ने करोड़ों की बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली थी। दरअसल बक्शीकला दारागंज के रहने वाले बुजुर्ग धर्म किशोर श्रीवास्तव एवं उनके बड़े भाई स्व. ब्रहम किशोर श्रीवास्तव की बेशकीमती जमीन मऊआइमा स्थित रामनगर गंसियारी गांव में है।
ब्रहम किशोर की मृत्यु करीब 26 साल पहले हो गयी है। जिसका फायदा उठाते हुए भूमाफियाओं ने धर्म किशोर और ब्रहम किशोर को सोरांव तहसील के सब रजिस्ट्रार आफिस में पेशकर से मिलकर दस्तावेजों का बैनामा अपने नाम करा लिया। भूमाफियाओं ने इसका बैनामा 24 लाख रुपए में कराया था।
पीड़ित धर्म किशोर को इस की जानकारी 20 जुलाई को हुई तो उन्होंने एसएसपी एवं एसपी गंगापार से शिकायत करते हुए सारे दस्तावेज प्रस्तुत किये। वहीं मामला फर्जी होने के बाद सोरांव थाने में फर्जीवाड़ा की FIR दर्ज की गयी। आरोपियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई न होता देख पीड़ित की ओर से मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी शिकायत की गई। ADG प्रेम प्रकाश की ओर से मामला संज्ञान में लेने के बाद नामजद दो आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, वहीं दो अभी भी फरार चल रहे हैं।
मृतक ब्रह्म किशोर श्रीवास्तव जिनकी मौत 26 साल पहले हुई थी।
बुजुर्ग धर्म किशोर श्रीवास्तव का कहना है कि जब तहसील में फर्जीवाड़ा हुआ तो तहसील के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह बैनामा या दाखिल खारिज निरस्त कराये। उनका आरोप है कि तहसीलों में भूमाफियों द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे कूटरचित दस्तावेजों को बिना जांच-पड़ताल किये ही रजिस्ट्री और फिर दाखिल खारिज कर दिया जा रहा है। इससे यह साबित होता है कि कहीं न कहीं इस खेल में तहसीलकर्मी भी शामिल हैं। उनके खिलाफ भी जांच की जानी चाहिए।
केस -2
पति की मौत के बाद जमीन की फर्जी रजिस्ट्री
कर्नलगंज थाना में दर्ज है मामला, पुलिस कर रही जांच।
कर्नलगंज पुलिस ने एसएसपी के आदेश पर 31 जुलाई को जमीन के फर्जीवाडे़ में महिला सहित चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। पीड़िता बजहा पिपरी की साहेबा ने एसएसपी को दिये प्रार्थना पत्र मेंं बताया था कि उसके पति स्व. मो. साजिद ने 9 अप्रैल 2014 को फूलकली उर्फ भगवनिया पत्नी जवाहिर निवासी नसीबपुर सिलना से एक जमीन की रजिस्टर्ड इकरार नामा कराया था। उसके बाद उनकी मौत हो गयी।
जून 2022 में अपने स्व. पति द्वारा खरीदी गयी, जमीन पर पहुंची तो पता चला कि उसकी जमीन को कोई और जोत रहा है। उसने रजिस्ट्री आफिस में जाकर पता किया तो चार आरोपियों ने फर्जी डाक्यूमेंट तैयार कर उस भूमि की रजिस्ट्री करा लिया, जबकि जमीन को विक्रय करने वाले जवाहिर की मौत वर्ष 2013 और उसकी पत्नी फूलकली उर्फ भगवनिया की मौत वर्ष 2016 में हो चुकी है। आरोपियों ने जवाहिर और फूलकली को जिंदा कर प्रार्थिनी की जमीन को हड़पने की साजिश की।
केस- 3
39 साल बाद मृतक को जिंदा दिखाकर मकाम की कराई रजिस्ट्री
राजापुर निवासी रवि कुमार ने एसएसपी से शिकायत की थी कि उसके बाबा बाबू श्रीनाथ के नाम पुस्तैनी मकान है और बाबा की मौत लगभग 39 साल पूर्व हो चुकी है। इसके अलावा उसके पिता रामलाल की भी मौत 26 साल पहले हो गयी है। वह पढ़ा लिखा नहीं था जिस कारण अपना नाम नगर निगम के अभिलेख में दर्ज नहीं करा सका।
जिसका फायदा उठाते हुए 2017 में मुहल्ले का ही अपराधी प्रवृत्ति के विशाल ने अपने मामा प्रशांत उर्फ पप्पू निवासी आर्य बाजार न्यू कैंट को बाबा बाबू श्रीनाथ के स्थान पर खड़ा कर रजिस्टार कार्यालय में उसके पुस्तैनी मकान की रजिस्ट्री करा लिया। इस खेल में अपनी मां उर्मिला बेन जायसवाल और मौसी के लड़के वैभव भारती को बतौर गवाह बनाया।
इसके साथ ही नगर निगम में दाखिल खारिज के लिए आवेदन किया। इस फर्जीवाडे़ की जानकारी उसे तब हुई जब नगर निगम कीओर से नोटिस प्राप्त हुआ। उसने नगर निगम में इस पूरे खेल के संबंध में प्रार्थना पत्र दाखिल किया जिस पर दाखिल खारिज के लिए दिये गये आवेदन को खारिज कर दिया गया। अब कर्नलगंज पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।