भिलाई इस्पात संयंत्र में काम करने वाले 17,000 ठेका श्रमिकों की हाजिरी के लिए प्रबंधन बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने को तैयार है। इसको लेकर अब तक कोरोना को बाधा के तौर पर माना जा था। ठेका श्रमिक बायोमेट्रिक का स्वागत कर रहे हैं। इसके लग जाने से ठेकेदार जो धांधली करते हैं। वह 70 फीसदी कम हो जाएगी। इस मामले में ठेका प्रकोष्ठ से जुड़ी यूनियन लगातार प्रबंधन के उच्चाधिकारियों से चर्चा करती रही है
बीएसपी ने मंगवा रखा है 350 से अधिक बायोमेट्रिक
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन असल में नियमित और ठेका श्रमिक दोनों के लिए बायोमेट्रिक लगवाना चाहता है। यही वजह है कि प्रबंधन ने करीब 350 से अधिक बायोमेट्रिक मशीन मंगवा रखी है। नियमित कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं ठेका मजदूर स्वागत। जिन नियमित कर्मियों को पूरा वेतन मिल रहा है। वे संयंत्र में ड्यूटी के 8 घंटे रुकने तैयार नहीं है। वहीं जिनको न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है। वे संयंत्र के भीतर 8 घंटे रहकर नियमित कर्मियों के काम को करने की मांग कर रहे हैं।
ठेकेदार अभी कर रहे ऐसे धांधली
ठेकेदार अक्सर उनकी हाजिरी 26 दिनों के स्थान पर 16 दिन ही बता देते हैं। जिससे उनको खाते में कम वेतन भुगतान करना पड़ता है। इसी तरह से श्रमिक के पीएफ खाते के लिए भी कम जमा करना होता है। इसके साथ-साथ साल में श्रमिक की हाजिरी 240 दिन पूरी नहीं होती है, तब वह अंतिम भुगतान के अधिकार से भी बाहर हो जाता है। इस तरह की धांधली बीएसपी में ठेकेदार दशकों से करते आ रहे हैं।