वाराणसी। बनारस रेलवे स्टेशन के सेकेंड इंट्री गेट से ट्रेन पकड़ने वालों को हर दिन वाहन स्टैंड पर कार्यरत कर्मचारियों के मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है। हालत यह है कि वाहन स्टैंड का ठेका तो एक निर्धारित जगह पर किनारे है लेकिन यहां कर्मचारी पूरे परिसर में खड़ी होने वाली गाड़ियों से वसूली करते हैं। इसको लेकर यात्रियों को छोड़ने और लेने आने वालों से हर दिन कर्मचारियों से नोंकझोंक भी होती है। बुधवार को अमर उजाला की पड़ताल में कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
बनारस रेलवे स्टेशन दूसरे गेट पर एक तरफ वाहन स्टैंड बनाया गया है। जिसे ठेके पर रेलवे प्रशासन ने दिया है। साथ ही वाहनों के खड़े करने के लिए किराया भी तय किया गया है। वाहन स्टैंड पर लगाए गए सूचना बोर्ड के मुताबिक दो पहिया वाहनों से 15 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 30 रुपये किराया तय किया गया है। साथ ही वाहन खड़ा करने के छह घंटे बाद 20 रुपये अतिरिक्त लेने की बात कही गई है। लेकिन, वाहन स्टैंड संचालक के कर्मचारियों द्वारा मनमानी करते हुए अवैध वसूली की जा रही है। परिसर में आने वाले सभी तरह के चार पहिया वाहनों से जबरन वाहन स्टैंड के नाम पर किराया लिया जाता है। न देने वालों को रेलवे स्टेशन के बाहर गाड़ी खड़ी करने की नसीहत दी जाती है। इसका विरोध करने और नियम का हवाला देने वालों से वे उलझ भी जाते हैं। ऐसे में बाहर से आने वाले वाहन चालक उनसे रसीद लेने को मजबूर हो जाते हैं या अपनी गाड़ी स्टेशन के बाहर खड़ी करते हैं।
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केस-1
मंडुवाडीह निवासी विशाल अपने रिश्तेदार के साथ बुधवार की दोपहर बनारस स्टेशन पहुंचे। आरपीएफ द्वारा लगाए गए बोर्ड के पास चार पहिया से रुके। यहां वाहन स्टैंड पर मौजूद कर्मचारी आया और किराया मांगने लगा। विशाल ने जब आपत्ति जताई तो गाड़ी रेलवे स्टेशन से बाहर ले जाने की बात कही गई। वहां मौजूद कुछ लोग यह देखते रहे। कर्मचारी नोंकझोंक करने लगे तो विशाल यहां से गाड़ी लेकर बाहर जाने को मजबूर हो गया।
केस-2
नई दिल्ली से आने वाले अपने एक रिश्तेदार को लेकर चेतगंज निवासी अनिल गुप्ता गए थे। यहां चार पहिया गाड़ी जैसे खड़ी किए तब तक स्टैंड कर्मचारी आया तो पर्चा काटकर देने लगा। उन्होंने जब स्टैंड न होने की बात कही तो कर्मचारी एकजुट होक र उलझने लगे। अनिल ने अंतत: रुपये देने से मना कर दिया और गाड़ी लेकर बाहर चला गया।
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जुर्माना लगने के बाद भी नहीं हो रहा सुधार
ठेकेदार के इस मनमानी की कई बार लोगों ने शिकायत भी किया है। ठेकेदार पर अधिक वसूली तक का आरोप लग चुका है, जिसके बाद ठेकेदार पर जुर्माना भी लगाया जाता है। करीब दो माह पहले भी शिकायत हुई थी, जिसके बाद ठेकेदार पर जुर्माना लगाया था। लेकिन, इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।
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ठेकेदार द्वारा निर्धारित स्थल पर ही किराया लिया जा सकता है। यदि स्टेशन परिसर में यात्रियों को छोड़ने या उन्हें लेने वाले वाहन संचालकों से वसूली की जा रही है तो गलत है। इस तरह की शिकायत मिलेगी तो ठेकेदार पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। – अरुण कुमार, स्टेशन अधीक्षक