:डॉक्टर का फ्लैट जिसमें मिली थी महिला की लाश।
कैंसर सर्जन के फ्लैट में महिला की हत्या में शामिल कातिलों ने पुलिस को गुमराह करने की भी कोशिश की थी। इसके लिए ही मौके पर एक मोबाइल फोन रखा गया था। जांच में यह बात सामने आई है कि इस मोबाइल फोन का पिछले लगभग एक साल से इस्तेमाल ही नहीं किया गया था। घटनास्थल से पुलिस को एक कीपैड मोबाइल मिला था। यह मोबाइल महिला के शव के बिल्कुल पास रखा हुआ था। पुलिस ने जांच की तो इसमें सिम नहीं मिला। कॉल हिस्ट्री भी डिलीट की जा चुकी थी। यही वजह रही कि पुलिस मृतका का मोबाइल नंबर नहीं पता लगा पाई।
सर्जन दीपकेंदु मित्रा से पूछताछ हुई तो उन्होंने जानकारी न होने की बात कही। झलवा निवासी सोनू सिंह और मृतका की मां का भी यही कहना है कि उनके पास नंबर नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद पुलिस ने आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूप्मेंट आईडेंटिटी) के जरिये मोबाइल नंबर पता लगाने की कोशिश शुरू की। सर्विलांस से पता चला कि पिछले एक साल से उक्त मोबाइल चलाया ही नहीं गया। न तो इससे कोई कॉल हुई और न ही कोई कॉल आई। इसके बाद यह तय हो गया है कि पुलिस को गुमराह करने के लिए साजिशन यह मोबाइल मौके पर रखा गया।
सूत्रों का कहना है कि फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि मोबाइल किसके नाम पर खरीदा गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि काफी पुराना हैंडसेट होने के चलते इसका पता लगाना इतना आसान भी नहीं है। फिर भी प्रयास किया जा रहा है। एसपी सिटी संतोष कुमार मीना का कहना है कि तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।
सर्जन से रात में तीन घंटे पूछताछ
बृहस्पतिवार रात एक बार फिर पुलिस ने सर्जन को बुलाकर पूछताछ की। इस दौरान कोतवाली पुलिस के साथ ही अफसर भी मौजूद रहे। वह तीन घंटे तक लगातार सर्जन से सवाल पूछते रहे। उससे बरामद मोबाइल, मृतका के नंबर, बैंक अकाउंट, आधार कार्ड समेत अन्य से जुड़े सवाल पूछे गए। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उसने एक-दो सवालों के जवाब तो दिए लेकिन ज्यादातर सवालों पर चुप्पी साध ली।
परिस्थितिजन्य साक्ष्य डॉक्टर के खिलाफ
पुलिस का कहना है कि फिलहाल परिस्थितिजन्य साक्ष्य सर्जन के खिलाफ हैं। जांच में सहयोग न करने पर उन पर शक गहराता जा रहा है। इन साक्ष्यों के आधार पर उन पर शिकंजा भी कसा जा सकता है।
कौन-कौन से हैं वह परिस्थितिजन्य साक्ष्य।
1- महिला केवल उनके संपर्क में थी।
2- उसके आधार नंबर से सर्जन का नंबर लिंक था।
3- बैंक खाते में भी उनका ही नंबर दर्ज था।
4- महिला के साथ उनका संयुक्त खाता था।
5- उनके फ्लैट में वह सात-आठ साल से रह रही थी।
6- मां का आरोप है कि मृतका की शादी टूूटने के लिए भी सर्जन ही जिम्मेदार थे।
7- मौत की जानकारी एक दिन पहले ही हो जाने के बावजूद उन्होंने 24 घंटे तक घटना छिपाए रखी।
8- पुलिस से पहले अपने जानने वाले सोनू सिंह को फ्लैट पर भेजकर वहां के माहौल की जानकारी लेने को कहा।