लाभ के पद के मामले में झारखंड सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर लटकी तलवार के बीच राज्य में ऑपरेशन लोटस का खरता मंडरा रहा है। इससे बचने के लिए झारखंड महागठबंधन के विधायकों ने बोरिया-बिस्तर बांध लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर बुलाई गई बैठक से महागठबंधन विधायकों को लेकर तीन बसें निकल गई है। बताया जा रहा है सभी बसें विधायकों को लेकर छत्तीसगढ़ रवाना हो रही हैं।
इस बैठक में चुनाव आयोग के संभावित फैसले के बाद राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर मंथन किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार कुछ विधायक बैग लेकर मीटिंग में पहुंचे थे। तभी संभावना जताई जा रही है कि विधायकों को रांची से दूर किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि तब मंत्री चंपई सोरेन ने विधायकों को शिफ्ट किए जाने की संभावना को खारिज किया है। लेकिन अब विधायकों को बसों पर सवार कर निकाला जा रहा है।
UPA विधायकों के छत्तीसगढ़ जाने की ख़बर के बीच सीएम आवास पहुंची विधायक दीपिका पांडेय की गाड़ी में बैग और सूटकेस मिला है। ऐसे में विधायकों के झारखंड से बाहर जाने की चर्चा बढ़ गई है।
राज्यपाल आयोग की सिफारिश पर जता चुके हैं सहमति
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ राज्य का सियासी भविष्य चुनाव आयोग के फैसले पर टिका है। मालूम हो कि लाभ के पद मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास की शिकायत पर चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी। जिसपर शुक्रवार देर शाम राज्यपाल ने अपनी सहमति जता दी है। अब इस मामले में फाइनल डिसीजन चुनाव आयोग को लेना है।