प्रयागराज कमिश्नरेट के यमुनानगर इलाके में बृहस्पतिवार दोपहर में हुई एक सड़क हादसे में महिला की मौत के बाद शुरू हुआ बवाल करीब नौ घंटे बाद थमा। इस समय अवधि में ग्रामीणों के आक्रोश के आगे पुलिस जहां बैकफुट पर नजर आई। वहीं कुछ उपद्रवी लोगों द्वारा कानून को हाथ में लेने की हरकत भी सामने आई। भीड़ ने मौके पर मौजूद एक दरोगा के चेहरे पर घूंसा जड़ दिया। जिससे दरोगा का चश्मा टूट गया और वह जख्मी हो गया। दरोगा को घूंसा मारने का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
सिपाहियों से हाथापाई भी हुई। जिससे पुलिसवालों और अधिकारियों को पेशानियों का भी सामना करना पड़ा। रात में करीब 9:30 बजे मृतका के तीनों बच्चों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता सरकारी राहत कोष से दिन आने के आश्वासन के बाद ग्रामीण माने। उसके बाद पिटाई से घायल हुए रिटायर्ड बैंक मैनेजर और उनके ड्राइवर को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। मृतका के घरवालों की तरफ से दोनों आरोपियों के खिलाफ करछना कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।
ड्राइवर को बगल में बैठकर कार चला रहा था बैंक मैनेजर
यमुनानगर के करछना थाना अंतर्गत लाला का पुरवा ग्राम गांव निवासी रमाकांत पटेल रिटायर्ड बैंक मैनेजर है। बृहस्पतिवार को वह अपने ड्राइवर सुभाष यादव निवासी गोती, पूर्वा खास, औद्योगिक क्षेत्र के साथ कार से अपनी ससुराल अरई भस्मा, करछना जा रहे थे। गाड़ी स्वयं रमाकांत चला रहे थे। भस्मा गांव मैं उनकी कार का संतुलन अचानक बिगड़ गया। दोपहर में करीब 12.15 बजे कार अनियंत्रित होकर सड़क से उतरकर सामने पानी भरने के लिए हैंडपंप की ओर जा रही 35 वर्षीय महिला दीपा पटेल पुत्री राजकरण पटेल को कुचलते हुए उसके कच्चे मकान में घुस गई। जिसमें दीपा पटेल की मौके पर मौत हो गई।
हादसे के बाद नाराज ग्रामीणों से पुलिस की तीखी झड़प
घटना से नाराज ग्रामीणों ने रिटायर्ड बैंक मैनेजर रमाकांत और उनके ड्राइवर सुभाष यादव को पकड़ लिया। पहले दोनों की जमकर पिटाई की गई, फिर पेड़ में बांधकर पीटा गया। पुलिस पहुंची तो पुलिस के सामने उन पर डीजल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की गई। मौके पर इंस्पेक्टर करछना विश्वजीत सिंह, औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी संजीव चौबे, एसीपी करछना अजीत सिंह चौहान, एसडीएम गणेश कनौजिया मौके पर पहुंचे। ग्रामीण जिलाधिकारी प्रयागराज को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़े हुए थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजने और बंधक बनाए गए कार मालिक और चालक को छुड़वाने की बहुत कोशिश की। लेकिन, ग्रामीण किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं थे।
मैनेजर और ड्राइवर पर डीजल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश
इस दौरान बंधक बनाए गए रिटायर्ड बैंक मैनेजर और चालक की पिटाई और जिंदा जलाने की कोशिश का जब पुलिस वालों ने विरोध किया तो ग्रामीण पुलिस वालों से ही हाथापाई पर आमादा हो गए। पुलिस और भीड़ के बीच तीखी झड़प के मध्य दो लोग दरोगा हरिशंकर मिश्रा से भिड़ गए। उन्हीं में से एक युवक ने एसआई हरिशंकर मिश्रा के चेहरे पर घूंसा जड़ दिया। जिससे उनका चश्मा टूट गया और वह जख्मी हो गए। कई पुलिसवालों से भी ग्रामीणों ने हाथापाई की। ग्रामीणों के आक्रोश को देख एसडीएम और एसीपी तक बैकफुट पर आ गए। दिन भर ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की जा रही थी।
50 लाख के मुआवजे की थी मांग, 10 लाख में हुआ समझौता
ग्रामीण मृतका दीपा पटेल के अनाथ हुए तीन मासूम बच्चों की परवरिश के लिए 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग कर रहे थे। एसीपी ने 10 लाख मुआवजा सरकार से दिलाने का आश्वासन दिया। ग्रामीण आखिर में 10 लाख रुपए सरकार से और 10 लाख ही बैंक मैनेजर से दिलाने की जिद करने लगी। रात में करीब 9:30 बजे किसी तरह से स्थित संभली। उसके बाद ग्रामीणों ने बंधक बनाए गए रमाकांत पटेल और उनके ड्राइवर सुभाष यादव को छोड़ा।
मृतका पति से अलग मायके में रह रही थी
पुलिस दोनों को उपचार के लिए अस्पताल ले गई। बता दें दीपा पटेल की शादी मांडा थाना क्षेत्र के बेदौली गांव में हुई थी। उसके तीन बच्चे हैं। 5 साल पहले पति से अनबन होने की वजह से वह अपने मायके में आकर रहने लगी थी। इंस्पेक्टर करछना विश्वजीत सिंह ने बताया कि फिलहाल शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। बाकी उपद्रव करने वालों पर भी एक्शन लिया जाएगा।