UP का राजू पाल हत्याकांड…मुख्य गवाह की भी हत्या:गनर गंभीर, पहले मौत की खबर थी; राजू की हत्या का आरोप अतीक अहमद पर

KHABREN24 on February 24, 2023

उत्तर प्रदेश में बसपा विधायक रहे राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार को हत्या कर दी गई। गनर संदीप मिश्रा और राघवेंद्र सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि पहले ये सूचना आई थी कि हमले में गनर संदीप मिश्रा की भी मौत हो गई है। लेकिन अभी वह वेंटिलेटर पर है।

प्रयागराज में हमलावरों ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। फिलहाल हमलावरों के बारे में पता नहीं चल पाया है। हमला उस समय हुआ जब उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर अभी घर के गेट तक ही पहुंचे थे। वह कार से उतरे तभी 4-5 हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इसके बाद जब वह घर के अंदर भागे, तो बम से हमला कर दिया। इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है।

ये तस्वीर राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की है। (फाइल फोटो)

ये तस्वीर राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की है। (फाइल फोटो)

वकील- आज बहस खत्म होनी थी, दूसरे पक्ष ने और समय मांगा
घटना के बाद एडवोकेट विक्रम सिन्हा ने कहा, ”केस में फाइनल बहस चल रही थी। हम लोगों की तरफ से बहस समाप्त हो चुकी थी। डिफेंस के वकील ने आज बहस की। ढाई बजे से शुरू करके उन्होंने सवा चार-साढ़े चार बजे तक बहस किया। उसके बाद उन्होंने कोर्ट से बहस खत्म करने के लिए सोमवार तक का समय मांगा। जबकि इस केस में कोर्ट आज बहस खत्म करना चाहती थी। जिसके बाद किसी को समय नहीं दिया जाता।” उमेश पाल के अपहरण मामले में विक्रम सिन्हा उमेश पक्ष के वकील हैं।

राजू पाल की 2005 में कर दी गई थी हत्या
इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी पूजा पाल कौशाम्बी की चायल सीट से सपा की विधायक हैं। राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उमेश पाल घटना का मुख्य गवाह था। वह राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की सगी बुआ का लड़का था।

राजू पाल हत्याकांड की जांच CBI ने की थी, जिसमें उमेश पाल मुख्य गवाह थे। यही कारण है कि उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी। राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल ने भी कई बार आशंका जताई थी कि गवाही को प्रभावित करने के लिए उमेश पाल की हत्या हो सकती है। उमेश पाल ने भी अपनी जान को खतरा बताया था।

अतीक से 17 साल पुरानी है दुश्मनी
बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के बीच दुश्मनी करीब 17 साल पुरानी है। राजू पाल हत्याकांड में जब उमेश गवाह बने तो उनका अपहरण हो गया था। जिसका आरोप अतीक पर लगा।

उमेश अतीक गिरोह के खिलाफ अब तक पांच FIR करा चुके थे। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था। उस समय राजू पाल के दोस्त और रिश्तेदार उमेश पाल पूरे मामले के गवाह बन गए थे।

कई बार पहले भी हो चुका था हमला
राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनते ही अतीक गिरोह उमेश पाल को दुश्मन की नजर से देखने लगा। उन पर कई बार हमले की कोशिश हुई, लेकिन वे बच निकले थे। 28 फरवरी 2008 को उमेश का अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ मारपीट की गई। धमकी दी गई, गवाही दी तो मार दिया जाएगा। बाद में उन्हें छोड़ा गया तो उन्होंने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

घटना के बाद दोनों गनर को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया। इस दौरान वहां पुलिस और लोगों की भीड़ लग गई।

घटना के बाद दोनों गनर को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया। इस दौरान वहां पुलिस और लोगों की भीड़ लग गई।

इसके बाद भी अतीक के गुर्गे उमेश के पीछे पड़े रहे। 11 जुलाई 2016 को उमेश गवाही देने कचहरी गए थे। उन पर कचहरी परिसर में ही जानलेवा हमला किया गया। उमेश ने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के तमाम लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

दोनों मामले कोर्ट में चल रहे थे। इस बीच, उमेश ने अतीक गिरोह के खिलाफ तीसरी एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अलावा 2022 में जान से मारने की धमकी और एक अन्य मामले में एफआईआर लिखाई गई थी।

ये तस्वीर उमेश पाल की गाड़ी की है। उमेश की गाड़ी बम से हुए हमले में बुरी तरह से डैमेज हो गई है।

ये तस्वीर उमेश पाल की गाड़ी की है। उमेश की गाड़ी बम से हुए हमले में बुरी तरह से डैमेज हो गई है।

मर्डर केस में फंसाने की भी हुई थी कोशिश
अतीक गिरोह ने उमेश पर न सिर्फ हमले कराए और धमकियां दीं, बल्कि 2016 में धूमनगंज में जीतेंद्र पटेल की हत्या के मुकदमे में नामजद भी करवा दिया। हालांकि जांच में उमेश को बरी कर दिया गया।

पुलिस उपेश पाल के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई। इस दौरान परिजनों और वकीलों की भीड़ जमा हो गई।

  • राजू पाल की हत्या से जुड़ी एक और खबर पढ़वाते हैं…

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25 जनवरी 2005, इलाहाबाद का हर चौराहा तिरंगे झंडों से पटा पड़ा था। दोपहर 3 बजे इलाहाबाद शहर पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल एसआरएन हॉस्पिटल से निकले। साथ में दो गाड़ियां चल रही थी। क्वालिस और स्कॉर्पियो। राजू पाल काफिले की क्वालिस खुद चला रहे थे। बगल वाली सीट पर रुखसाना को बैठाया था। रुखसाना राजू के दोस्त की पत्नी थी जो रास्ते में मिल गई थी

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