जेईई, नीट, स्टेट बोर्ड, सीबीएसई व अन्य प्रवेश परीक्षाओं में इस साल लगभग 60 लाख से अधिक छात्र शामिल होंगे। अकेले नीट में परीक्षा देने वाले लगभग 17 लाख छात्रों में से मात्र 90 हजार को मेडिकल कॉलेज मिलेगा। इसी तरह करीब 12 लाख छात्रों में से मात्र 16 हजार को आईआईटीज में सीट मिलेगी। इन परीक्षाओं में पास होने वालों की तुलना में एवरेज स्कोर करने और फेल होने वालों का आंकड़ा अधिक है।
अच्छे मार्क्स हासिल करने वाले सभी छात्र अपनी मार्कशीट्स को संभालकर रखते हैं लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने अपने फेलियर या कम मार्क्स के डॉक्यूमेंट्स को संभाल कर रखा है। इन्होंने कोशिश जारी रखी थी, इसलिए आज सफल हैं। ये सेलिब्रिटी नहीं थे। ये सामान्य लोग हैं, लेकिन अपनी कोशिशों से सफल हुए। भास्कर के साथ इन्होंने गर्व से अपनी विफलताओं के अनुभव साझा किए।
कम मार्क्स के दस्तावेज बताते हैं- विफलता के बाद भी कोशिश जारी रखें
आंत्रप्रेन्योर अंकुर का फेलियर रेज्यूमे
आंत्रप्रेन्योर अंकुर वारिकू का फेलियर रेज्यूमे युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय है। अपने रेज्यूमे में अंकुर ने बताया है कि वे किस साल कौनसे स्कूल, कॉलेज में प्रवेश लेने में फेल हुए थे। अंकुर का कहना है सफलता के पीछे रिजेक्शंस, रोडब्लॉक्स और सेल्फ डाउट की कई परतें छिपी होती हैं। जरूरी है कि आप इनसे हार न मानेंं।
थर्ड डिवीजन से पास हुए थे, आज आईएएस हैं
छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अवनीश कुमार शरण को 10वीं में 44% अंक मिले। बीपीएससी परीक्षा में वे 10 बार फेल हुए। फिर भी हिम्मत न हारकर यूपीएससी की तैयारी की। दूसरे प्रयास में उनकी 77वीं रैंक आई।
ये परीक्षा में फेल, पर कॅरिअर में सफल
IIT सेमेस्टर में 6 नंबर लाने वाला आज टॉप यूट्यूबर
अमित शर्मा आईआईटी रुड़की में पहले सेमेस्टर में मैथ्स में फेल हो गए थे। उनके 100 में से मात्र 6 नंबर आए थे। लेकिन फिर से तैयारी की और गणित में 35 नंबर लाकर पास हुए। आज अपने यूट्यूब चैनल क्रेजी एक्सवाईजी के कंटेंट के कारण वे देश के टॉप क्रिएटर्स में शामिल हैं।
बीएससी में फेल फिर यूपीपीएससी किया क्लीयर
यूपी में स्टेट जीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर प्रदीप कुमार सोनी हायर सेकंडरी में थर्ड डिवीजन से पास हुए। बीएससी प्रथम वर्ष में भी वे फेल हो गए। 1999 में यूपीपीएससी दिया, यहां उन्हें सफलता मिली।
12वीं में गणित में पास नहीं हुए फिर भी बने आईपीएस
डीआईजी सीआईएसएफ मनोज शर्मा 12वीं की परीक्षा में गणित में फेल हो गए। लेकिन 2005 में सिलेक्शन आईपीएस के लिए हुआ।
30% अंक मिले, आज हैं बर्गर फार्म के 30 आउटलेट
परमवीर सिंह और रजत अग्रोया दोनों के 11वीं में 30% से भी कम अंक आए थे। दोनों ने 12वीं के बाद हिंदुस्तानी मसालों के साथ बर्गर का बिजनेस शुरू किया। आज राजस्थान, गुजरात व एमपी में इनके 30 आउटलेट हैं।