प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माफिया अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रांग एक्ट के तहत दर्ज केस में बुधवार को प्रयागराज में माफिया के करीबी 15 लोगों के यहां छापा मारा। छापे में माफिया की 100 से अधिक बेनामी संपत्तियां मिली हैं। 50 शेल कंपनियों के माध्यम से माफिया अतीक अहमद द्वारा जबरन वसूली, जमीन हड़पने और अन्य आपराधिक गतिविधियों से पैदा किए गए अवैध धन को इन्हीं शेल कंपनियों के माध्यम से खपाया जा रहा था। छापे में नोट गिनने की दो मशीनें, 200 संदिग्ध बैंक खाते और बड़ी मात्रा में जेवरात भी मिले हैं। ईडी के छापे में 50 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन के भी सुबूत मिले हैं। बुधवार को सुबह शुरू हुई छापे की कार्रवाई देर रात तक चलती रही।
कहां-कहां हुई छापे की कार्रवाई ?
ईडी के जोनल डायरेक्टर जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रयागराज में एक साथ माफिया अतीक अहमद के करीबी 15 लोगों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू हुई। इनमें शहर के बड़े बिल्डर संजीव अग्रवाल के एल्गिन रोड स्थित घर, सिविल लाइंस स्थित दफ्तर, अतीक के करीबी रिश्तेदार खालिद जफर, अतीक के वकील खान सौलत हनीफ, असद वद्दू अहमद, काली, मोहसिन, चाटर्ड एकाउंटेंट शबीह अहमद, चाटर्ड एकाउंटेंट आशिफ जाफरी, अतीक के एकाउंटेंट सीताराम शुक्ला, अमित दीप मोटर्स के मालिक दीपक
भार्गव शामिल हैं। सुबह 11 बजे शुरू हुई ईडी की रेड देर रात तक चलती रही। छापे में ईडी को कई अहम सुबूत मिले हैं।
ED के रडार पर दायरे में आए कई सफेदपोश
यह गजब का संयोग है कि बुधवार की सुबह जब माफिया अतीक अहमद उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहा था ठीक उसी समय प्रवर्तन निदेशालय की 15 टीमें अतीक के 15 करीबियों के यहां छापा मारने घुसीं। सुबह से लेकर शाम तक अतीक अहमद की नामी और बेनामी संपत्ति की सर्च होती रही। ईडी के अधिकारी आवैध कमाई से खड़ी किए गए आर्थिक साम्राज्य को तलाशने में देर रात तक लगे रहे। सूत्रों के मुताबिक अतीक के करीबी एकाउंटेंट सीताराम शुक्ला के घर छापे में कई ऐसे गोपनीय दस्तावेज मिले हैं जिससे पता चलता है कि अतीक की काली कमाई में शहर के कई सफेदपोश नेता, बिल्डर और कारोबारी साझीदार हैं। अब ईडी की रडार पर शहर के कई सफेदपोश भी आ गए हैे।
100 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज जप्त
ईडी की छापेमारी में माफिया अतीक अहमद के करीबियों के नाम खरीदी गई सबसे अधिक संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। वीडियो को पूरा संदेह है कि यह तीखी बेनामी संपत्तियां हैं जिन्हें अपराध की काली कमाई से खरीदा गया है। छापेमारी में 50 करोड़ से अधिक लेनदेन के भी सुबूत मिले हैं। छापेमारी में एक करोड़़ रुपये के भारतीय व विदेशी नोट, सोने-चांदी हीरे के जेवरात, 200 बैंक खाते और 50 शेल कंपनियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
अब जान लेते हैं उनके बारे में जिनके घर छापे पड़े …
बिल्डर संजीव अग्रवाल
संजीव अग्रवाल शहर के सबसे नामी बिल्डरों में से एक हैं। शहर के पॉश एरिया में उनका 100 करोड़ का बंग्ला है। इस बंग्ले में स्वीमिंग पूल सहित सभी एशो-आराम के साधन हैं। उनका विनायक सिटी सेंटर व पीवीआर मॉल है। संजीव ने शहर में कई बड़े अपार्टमेंट खड़े किए हैं। बुधवार को ईडी की जांच के बाद इनका नाम अब माफिया से जोड़कर लिया जा रहा है। संजीव अग्रवाल के खिलाफ दिवंगत डॉ. एके बंसल ने पहली बार साजिश रचने का आरोप लगाया था। तब डॉ. बंसल पर उनके घर पर ही बम से हमला हुआ था। संजीव ने डॉ. बंसल के बगले की जमीन पर अपार्टमेंट बनवाया था। हालांकि इस मामले में उन्हें पुलिस की क्लीन चिट मिल गई थी। संजीव के सिविल लाइंस स्थित आवास, विनायक सिटी सेंटर में कार्यालय और रिलायंस मॉल के ऊपर बने प्रतिष्ठान में बुधवार को ईडी ने एक साथ छापामारी की। उनके कार्यालय व घर से एक करोड़ से अधिक रुपये और नोट गिनने की मशीन मिली। संजीव के कर्मचारियों से भी ईडी ने घंटों पूछताछ की।
दीपक भार्गव
अतीक अहमद के करीबी होने का आरोप लगता रहा है। फिलहाल इसकी ईडी जांच कर रही है। ईडी ने दीपक के सिविल लाइंस स्थित कार शोरूम पर छापामारी कर कागजात जब्त किए हैं। दीपक भार्गव का नाम इससे पहले किसी भी आपराधिक मामले में नहीं आया है। दीपक से पूछताछ चल रही है कि अतीक अहमद से उनके कैसे संबंध रहे हैं? इस बात की जांच चल रही कि उनके सिविल लाइंस स्थित शोरूम में कहीं अतीक का पैसा तो नहीं लगा है इसको भी खंगाला जा रहा है।
बिल्डर काली
करेली निवासी काली और उसका भाई मोहबीन शहर के पुराने साबुन कारोबारी रहे हैं। पिछले कुछ सालों से अतीक अहमद के साथ मिलकर प्रॉपर्टी का काम करने लगा था। जीटीबी नगर करेली में काली ने एक अपार्टमेंट बनवाया था। कहा जा रहा है कि इसमें अतीक अहमद की काली कमाई खपाई गई थी। इन्हीं बिंदुओं पर ईडी की टीम ने घंटों छानबीन करती रही। कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी मिली है जिसकी जांच चल रही है।
माफिया अतीक अहमद ने अपनी काली कमाई अपने करीबी बिल्डर्स के माध्यम से विभिन्न प्रोजेक्टरों में खपाई है।
खालिद जफर
खालिद जाकर माफिया अतीक अहमद का रिश्तेदार है और वह 120 फीड रोड धूमनगंज में रहता है। खालिद अतीक अहमद की बहन का दामाद है। खालिद जफर की उमेश पाल से दुश्मनी चल रही थी। उमेश ने अपने धमकी के मुकदमे में खालिद को भी नामजद किया था। खालिद के खिलाफ कई थानों में मुकदमे भी दर्ज हैं। खालिद को माफिया अतीक अहमद का बेहद करीबी और फाइनेंसर कहा जाता है। ईडी ने यहां से भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
सीताराम शुक्ला
सीताराम शुक्ला का लूकरगंज के पॉश इलाके में कई करोड़ का बंग्ला है। सीताराम शुक्ला कभी अतीक अहमद का एकाउंट्स का काम देखता था। बुधवार को ईडी ने उसके घर पर छापामारी की। सीताराम शुक्ला से ईडी पूछताछ कर रही थी कि उसके आय का स्रोत क्या रहा। कौन-कौन अतीक को रकम पहुंचाता था। ईडी ने यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
खान सौलत हनीफ
उमेश पाल मर्डर केस में धूमनगंज निवासी खान सौलत हनीफ भी सजायाफ़्ता हैं। अतीक अहमद और दीपक पासी के साथ खान सौलत हनीफ को भी प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वह नैनी जेल में बंद है। अतीक अहमद के ऊपर चले केसों को वह वैध-अवैध तरीके से अतीक के पक्ष में लड़ता था। नैनी जेल में बंद सौलत के घर पर भी ईडी ने छापामारी की। इनके घर से कई अहम कागजात ईडी ने बरामद किए हैं। अतीक के काले कारनामों का अब ईडी खुलासा करेगी कि कैसे फर्जीवाड़ा कर काले धन को सफेद किया जा रहा था।